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Class 9 Science Subjective Question Chapter - 7 जीवों में विविधता

Class 9 Science Subjective Question Chapter – 7 जीवों में विविधता

       

                                                                           -:  अतिलघु उत्तरीय प्रश्न  :-

 

प्रश्न:1 जीवों का वर्गीकरण क्यों आवश्यक है ?

उत्तर:- पृथ्वी पर अनेक प्रकार के जीव पाये जाते हैं, बैक्टीरिया से लेकर हवेल तक। कैलिफोरर्निया के रेड वुडवृक्ष 100 मीटर तक लंबे होते हैं। वर्गीकरण जीवों के अध्ययन को आसान करता है। हम सभी प्रकार के जीवन को एक बार में जान सकते हैं। इससे जीवों के पारस्परिक संबंधों का पता चलता है।

 

प्रश्न:2 वर्गिकी का जनक किसे कहते हैं ?

उत्तर:- कैरोलस लिन्नियस (Caroles Linnaeus) ने अठारहवीं शताब्दी में सर्वप्रथम वर्गिको या टैक्सोनॉमी (taxonomy) की स्थापना की, अतः उन्हें वर्गिकी का जनक कहते हैं।

 

प्रश्न:3 किन आधारों पर जीवों को विभिन्न समूहों में रखा जाता है ?

उत्तर:- जीवों के आपसी समानताओं एवं विषमताओं के आधार पर उन्हें विभिन्न समूहों में रखा जाता है।

 

प्रश्न:4  आदिम जीव किसे कहते हैं ?

उत्तर:-  ऐसे जीवों को जिनके शरीर प्राचीन बनावट के हैं तथा जिनमें कोई खास परिवर्तन नहीं आया उन्हें आदिम या प्रीमिटिव जीव कहते हैं।

 

प्रश्न:5 अपेक्षाकृत उन्नत जीव को क्या कहते हैं ?

उत्तर:-  विकास के क्रम में जो नये जीव उत्पन्न हुये वे उन्नत, विकसित एवं अपेक्षाकृत जटिल थे।

 

प्रश्न:6  मोनेरा को किस आधार पर अलग किया गया है?

उत्तर:- प्रोकैरियोटा में एक ही जगह मोनेरा है जिसमें जीवाणु तथा साइनोबैक्टीरिया या नीलहरित शैवाल को रखा गया। जगत मोनेरा के बाद भी कुछ कठिनाइयाँ रह गयीं। जीवाणु जैसा यूकैरियोटिक जीव है लेकिन प्रकाश-संश्लेषण में असमर्थ है। इन्हें न तो मोनेरा में न तो इसीलिये कवक के लिये एक नया जगत बनाया गया जिसे जगत फंजाई नाम दिया गया।

 

प्रश्न:7 प्रोटिस्टा के दो उदाहरण लिखें।

उत्तर:- प्रोटिस्टा के दो उदाहरण ये हैं-

(i) एककोशिकीय सूक्ष्मजीव

(ii) सरल सूक्ष्मजीव।

 

प्रश्न:8  शैवाल को किस विभाग में रखा गया है ?

उत्तर:-  शैवाल को थैलोफाइटा विभाग में रखा गया है।

 

प्रश्न:9  शैवाल तथा कवक के बीच सहजीवी संबंध का एक उदाहरण दें।

उत्तर:- लाइकेन शैवाल तथा कवक बीच सहजीवी संबंध का एक उदाहरण है।

 

प्रश्न:10 बायोफाइटा की एक विशेषता को लिखें।

उत्तर:- ब्रायोफाइटा की एक विशेषता है-इसके अधिकांश पौधे हरे एवं छोटे होते हैं।

 

प्रश्न:11 संघ पोरीफेरा के दो उदाहरण दें।

उत्तर:- संघ पोरीफेरा के दो उदाहरण इस प्रकार हैं-

(i) साइकन (Sycom) तथा

(ii) हायलोनेमा।

 

प्रश्न:12  दो समुद्री जन्तुओं (एक वर्ग मत्स्य तथा एक संघ इकाइनोडर्मेटा से) के नाम लिखें।

उत्तर:-  दो समुद्री जन्तुओं (एक वर्ग मत्स्य तथा एक संघ इकाइनोडर्मेटा से) के नाम ये हैं-

(i) मेढक

(ii) तारा मछली।

 

प्रश्न:13 नम मिट्टी में पाये जानेवाले एक एनीलिडा का नाम लिखें।

उत्तर:- केंचुआ।

 

प्रश्न:14 एक स्वतंत्रजीवी प्लेटीहेल्मिन्थीज का नाम लिखें।

उत्तर:- प्लेनेरिया।

 

प्रश्न:15 उपसंच वर्टिजेटा की एक प्रमुख विशेषता नवाएं।

उत्तर:- सिर में विशेष प्रकार के जोड़े संवेदी अंग (Sense organ) होते हैं, जिनसे वर्टिब्रेटा जन्तु देखने, सुनने तथा सूंघने जैसे कार्य करते हैं। ये विशेषता उपसंघ वर्टिब्रेटा में पायी जाती है।

 

प्रश्न:16  संघ कॉडेंटा की एक विशेषता का उल्लेख करें।

उत्तर:- इनमें नोटोकॉर्ड या पृष्ठरज्जु (dorsal notochord) उपस्थित होता है। अधिकांश कॉर्डेटों में यह उपास्थि या अस्थि के बने एक अन्त:कंकाल कशेरूक दण्ड (vertebral colum) या रीढ़ की हड्डी में परिवर्तित हो जाता है।

                                                                           -:  लघु उत्तरीय प्रश्न  :-

 

प्रश्न:1 बर्गिकी से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर:- विज्ञान की वह शाखा जो वर्गीकरण के अध्ययन से संबंधित है जिसमें जीवों का सुव्यवस्थित और क्रमानुसार विभिन्न समूहों में विभाजन उनका जैविक नामकरण तथा उससे संबंधित सिद्धान्त का अध्ययन किया जाता है उसे वर्गिकी या वर्गीकरण विज्ञान कहते हैं।

 

प्रश्न:2 वर्गीकरण की इकाइयों के नाम लिखें।

उत्तर:- वर्गीकरण की निम्नलिखित इकाइयाँ हैं-

(i) जगत या किंगडम (Kingdom)

(ii) उपजगत या सबकिंगडम (Sub-kingdom)

(iii) फाइलम (Phylum) या डिवीजन (Division)

(iv) वर्ग या क्लास (Class)

(v) गण या ऑर्डर (Order)

(vi) कुल या फैमिली (Family)

(vii) वंश या जेनेरा (Genera)

(viii) जाति या स्पीशीज (Species)।

 

प्रश्न:3 पाँच जगत वर्गीकरण का आधार क्या है?

उत्तर:-

 (i) जीव प्रोकैरियोटिक है या यूकैरियोटिक।

(ii) जीव एककोशिकीय या बहुकोशिकीय है या नहीं।

(iii) कोशिका में कोशिकाभित्ति है या नहीं।

(iv) वे अपना भोजन स्वयं बनाते हैं या नहीं।

 

प्रश्न:4 कवकों को अलग जगत फंजाई में क्यों रखा गया?

उत्तर:- जगत मोनेरा के बाद भी कुछ कठिनाइयाँ रह गयीं। जीवाणु जैसा कवक (Fungi) यूकैरियोटिक जीव है लेकिन प्रकाश-संश्लेषण में असमर्थ है। इन्हें न तो मोनेरा में न तो प्रोटिस्टा में रखा जा सकता है जिसके अन्तर्गत अब प्रकाश-संश्लेषण में सक्षम शैवाल है। इसीलिये कवक के लिये एक नया जगत बनाया गया जिसे जगत फंजाई (Kingdom Fungi) कहा जाता है।

 

प्रश्न:5 जीवाणुओं के विभिन्न रूपों के नाम लिखें।

उत्तर:- जीवाणु के अनेक रूप होते हैं, जैसे कोकाई (Cocci) गोल होते हैं, बैसीलस (Bacillus), दण्डाकार (Rod-Shaped) तथा स्पाइरिला (Spirilla) कॉमा की तरह दिखते हैं।

 

प्रश्न:6 पादप जगत के प्रमुख वर्ग कौन हैं ? इस वर्गीकरण का क्या आधार है?

उत्तर:- पादप जगत के पाँच प्रमुख समूह हैं—

(i) थैलोफाइटा

(ii) ब्रायोफाइटा

(iii) टैरीडोफाइटा

(iv) जिम्नोस्पर्म

(v) एंजियोस्पर्म।

 

वर्गीकरण का आधार-

(i) क्या पौधे में स्पष्ट अवयव हैं या नहीं।

(ii) क्या पौधे में स्पष्ट व अलग ऊतक है जो व भोजन का स्थानान्तरण करते हैं।

(iii) क्या पौधे में बीज है।

(iv) क्या बीज फल से ढंके होते हैं।

 

प्रश्न:7 प्रोटिस्टा में किस प्रकार के जीवों को सम्मिलित किया गया है ?

उत्तर:- जगत में मुख्यतः विभिन्न प्रकार के जलीय, एककोशिकीय, सरल यूकैरियोटिक सूक्ष्मजीवों को सम्मिलित किया गया है।

 

प्रश्न:8 थैलोफाइटा के दो मुख्य लक्षणों को लिखें।

उत्तर:- थैलोफाइटा के दो मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं-

(i) इनका शरीर जड़, तना एवं पत्तियों में विभाजित नहीं रहता है, लेकिन यह एक थैलस (thallus) के रूप में रहता है। इसलिये इन्हें थैलोफाइटा कहते हैं।

(ii) इनमें संवहनीय तंत्र नहीं पाया जाता है।

 

प्रश्न:9 बायोफाइटा एवं टेरिडोफाइटा के बीच दो मुख्य अंतरों को स्पष्ट करें।

उत्तर:- 

                -:  ब्रायोफाइटा  :-

(i) इनमें संवहन ऊतक अनुपस्थित होते हैं।

(ii) इनमें वास्तविक जड़ नहीं पाया जाता है।

     
               -:   टेरिडोफाइटा  :-

(i) इनमें समान ऊतक मौजूद होते हैं।

(ii) इनमें जड़ पाये जाते हैं।

 

प्रश्न:10 किस आधार पर फैनरोगैम्स को दो भागों में विभाजित किया गया है?

उत्तर:- बीज की संरचना इस प्रकार रहती है कि भ्रूण के साथ संचित खाद्य पदार्थ भी रहता है। जब भ्रूण का विकास होता है यानी भ्रूण के अंकुरण के समय संचित खाद्य पदार्थ उसकी वृद्धि में सहायक होता है। बीज की अवस्था के आधार पर फैनरोगैम्स को दो भागों में विभाजित किया जाता है।

 

प्रश्न:11 संघ एस्केल्पिन्थीज या निमेटोडा के तीन विशेषताओं का उल्लेख करें।

उत्तर:- संघ एस्केल्मिन्थीज या निमेटोडा के तीन विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

(i) इनका शरीर अखण्डित तथा द्विपार्श्व सममित होता है।

(ii) ये लम्बे और बेलनाकार (Cylindrical) कृमि हैं, अत: ये गोलकृमि (Roundworm)कहलाते हैं।

(iii) शरीर में मिथ्या देहगुहा (False coelom) पाया जाता है, जो कूटसीलोम (Pseudocoelom) कहलाता है।

 

प्रश्न:12 संघ आर्थोपोडा के तीन प्रमुख लक्षणों का उल्लेख करें।

उत्तर:- संघ आर्थोपोडा के तीन प्रमुख लक्षण या विशेषतायें हैं-

(i) ये जल (मृदुजलीय एवं समुदी) तथा स्थल के सभी प्रकार के वासस्थानों में पाये जाते हैं। ये स्वतंत्रजीवी तथा परजीवी दोनों होते हैं।

(ii) इनका शरीर द्विपार्श्व सममित, ट्रिप्लोब्लास्टिक तथा खण्डित होता है।

(iii) इनमें मजबूत संधित उपांग ( Jointed Appendages ) होते हैं।

 

प्रश्न:13 मछलियों की विशेषताओं का उल्लेख करें।

 उत्तर:- मछलियों की विशेषतायें निम्नलिखित हैं-

(i) इनका शरीर धारारेखीय (Streamline) होता है। शरीर के इस आकार के कारण मछलियों को तैरते समय जल अवरोध कम-से-कम लगता है।

(ii) इनकी त्वचा शल्कों (Scales) से ढंकी होती है।

(iii) इनमें तैरने के लिए पंख (Fins) तथा मांसल पूँछ होते हैं।

(iv) अन्त:कंकाल उपास्थि (जैसे स्कोलिओडोन, इलेक्ट्रिक रे) या अस्थि (जैसे रेहू, कतला, ट्यूना आदि) के बने होते हैं।

(v) इनमें श्वसन क्लोम या गिल्स (Gills) की सहायता से होता है। गिल्स की मदद से ये जल में घुली ऑक्सीजन का उपयोग श्वसन के लिये करते हैं।

(vi) इनके हृदय में दो वेश्म या कक्ष (Chambers) होते हैं।

(vii) ये अनियततापी या असमतापी या शीतरक्तीय (Cold blooded) होते हैं। अर्थात् वातावरण के तापक्रम के अनुसार इनके शरीर का तापक्रम बदलता रहता है।

(viii) ये जल में अण्डे देनेवाले वर्टिब्रेट हैं।

 

प्रश्न:14  संघ कॉडेंटा की तीन प्रमुख लक्षणों का उल्लेख करें।

उत्तर:- संघ कॉर्डेटा की तीन प्रमुख लक्षण या विशेषतायें ये हैं-

(i) ये जल और स्थल में पाये जानेवाले ट्रिप्लोब्लास्टिक, सीलोमेटा (त्रिस्तरीय, सीलोमेट)

(ii) इनमें नोटोकॉर्ड या पृष्ठरज्जु उपस्थित होता है। अधिकांश कॉर्डेटों में यह उपास्थि या अस्थि के बने एक अंन्त:कंकाल कशेरूक दंड या रीढ़ की हड्डी में परिवर्तित हो जाता है। ( ग्रसनी क्लोम या ग्रसनी गिल छिद्र उपस्थित होते हैं, ये जिन कॉर्डेटा के प्रौढ अवस्था में नहीं होते हैं, उनकी भ्रूणीय अवस्था में अवश्य मिलते हैं।

(iii) पृष्ठीय नलाकार या खोखला तंत्रिका रज्जु उपस्थित होता है।

 

प्रश्न:15  वर्ग मैमेलिया की चार विशिष्ट लक्षणों का उल्लेख करें।

उत्तर:- वर्ग मैमेलिया के चार लक्षण इस प्रकार हैं-

(i) ये नियततापी होते हैं।

(ii) त्वचा बाल या रोम से ढंका रहता है।

(iii) बाह्य कर्ण उपस्थित होता है।

(iv) इनमें स्तन पाये जाते हैं। स्तन में नवजात के पोषण के लिये दुग्ध ग्रंथियाँ पायी जाती हैं।

 

प्रश्न:16 द्विपार्श्व सममित जन्तु से क्या समझते हैं ?

उत्तर:- द्विपार्श्व सममित जन्तु के शरीर को एक काट द्वारा दो समान भागों में बाँट सकते हैं। बायें और दाहिने भाग में एक ही प्रकार की रचनायें पायी जाती हैं, जैसे मेढक, मछली आदि में।

 

प्रश्न:17 जीव विज्ञान की वह शाखा जिसके अन्तर्गत जीवों का वर्गीकरण तथा जैविक नामकरण एवं उससे संबंधित सिद्धांतों का अध्ययन किया जाता है, क्या कहलाता है?

उत्तर:- वर्णकी अथवा वर्गीकरण विज्ञान।

 

प्रश्न:18  पृथ्वी पर जीवों की उत्पत्ति सर्वप्रथम लगभग कितने वर्ष पूर्व हुई थी?

उत्तर:- 3.5 बिलियन वर्ष पूर्व हुआ था।

 

प्रश्न:19 क्लोरोफिल वर्णकविहीन पौधों को किस जगत में रखा गया है?

उत्तर:- कवक की जगत में रखा गया है।

 

प्रश्न:20 जावों के पाँच जगत वर्गीकरण किस वैज्ञानिक के द्वारा स्थापित किया गया है?

उत्तर:- आर. व्हिटेकर (R. Whittaker)

 

प्रश्न:21 वैसे सूक्ष्मजीव जिनके कोशिकांग झिल्ली से घिरे नहीं होते हैं, क्या कहलाते हैं?

उत्तर:- प्रोटिस्टा।

 

प्रश्न:22  बीज रहित पौधों को पादप जगत के किस उपजगत में रखा गया है?

उत्तर:-  क्रिप्टोगैम्स।

 

प्रश्न:23 पादप जगत का वह उपजगत जिसमें बीजयुक्त पौधे सम्मिलित किए गए हैं, क्या कहलाता है?

उत्तर:- फैनरोगैम्स।

 

प्रश्न:24 थैलोफाइट, ब्रायोफाइटा एवं टेरिडोफाइटा पादप जगत के किस उपजगत में सम्मिलित है?

उत्तर:- क्रिप्टोगैम्स।

 

प्रश्न:25  बीजयुक्त पौधों का पादप जगत के किस उपजगत में रखा गया है?

उत्तर:- स्पर्मेटोफाइटा।

 

प्रश्न:26 वैसे पौधे को जिनका शरीर जड़ तना एवं पत्तियों में विभाजित नहीं होता है, उपजगत क्रिप्टोगैम्स के किस विभाग में सम्मिलित किए गए हैं?

उत्तर:- थैलोफाइटा।

 

प्रश्न:27 ऐगार का उत्पादन किस प्रकार के शैवालों से किया जाता है?

उत्तर:-  लाल शैवाल।

 

प्रश्न:28 शैवालों के वैसे जातियों के नाम बताएँ जो विशेष प्रकार के कवकों के साथ स्थायी अंतसंबंध बनाती है?

उत्तर:- सहजीविता।

 

प्रश्न:29 दैसे पौधे जिनके बीज फलों के भीतर नहीं बनते है, को उपजगत फैनरोगैम्स के किस विभाग में रखा गया है?

उत्तर:-  जिम्नोस्पर्म।

 

प्रश्न:30 एकबीज पत्री पौधों के पत्तियों में किस प्रकार का शिरा-विन्यास होता है?

उत्तर:-  समांतर।

 

प्रश्न:31 वैसे जन्तु जिनके शरीर दो जनन स्तरों का बना होता है क्या कहलाते हैं?

उत्तर:- द्विस्तरीय जन्तु।

 

प्रश्न:32 वैसा जंतु जिसके शरीर को एक काट के द्वारा दो हू-बहू समान भागों में बाँटा जा सकता है, क्या कहलाता है?

उत्तर:- द्विपार्श्व समभित।

 

प्रश्न:33  स्पंजों को जंतु जगत के किस संघ में सम्मिलित किया गया है?

उत्तर:- पॉरिफेरा।

 

प्रश्न:34 संघ पॉरिफेरा के जंतुओं में अलैंगिक विधि से होने वाला प्रजनन विधि क्या कहलाता है?

उत्तर:- मुकुलन या जेम्यूल

 

प्रश्न:35 संघ सीलेटरेटा या नाइडेरिया के शरीर में पाए जानेवाली वैसी कोशिकाएँ जो शरीर की रक्षा तथा शिकार को पकड़ने में सहायक होती है, क्या कहलाती है?

उत्तर:- दंश कोशिकाएँ।

 

प्रश्न:36 वैसी कोशिकाएँ जो संघ सीलेंटरेटा के जन्तुओं के अतिरिक्त जंतु जगत में अन्यत्र नहीं पायी जाती है, क्या कहलाती है?

उत्तर:- दंश कोशिकाएँ।

 

प्रश्न:37  वैसे जंतु जिनके शरीर में देहगुहा नहीं होती है, क्या कहलाते हैं?

उत्तर:- प्लेटीहेल्मिन्थीज।

 

प्रश्न:38  संघ प्लेटीहेल्मिन्थीज के एक ऐसे जंतु का नाम बताएँ जो स्वतंत्रयांची होता है?

उत्तर:- प्लेनेरिया।

 

प्रश्न:39 कूटसीलोम की उपस्थिति किस संघ के जंतुओं का लक्षण है?

उत्तर:- एस्केल्मिन्थीज।

 

प्रश्न:40  संघ एनीलिडा के जंतुओं में प्रचलन के लिए पाई जानेवाली काँटेनुमा रचनाएँ क्या कहलाती है।

उत्तर:-  शूक

 

प्रश्न:41 जंतु जगत का सबसे बड़ा संघ कौन-सा है?

उत्तर:- आर्थोपोडा।

 

प्रश्न:42  उत्सजी अंग मैलपीगियन नलिकाओं की उपस्थिति संघ के जंतुओं के लक्षण है?

उत्तर:- आर्थोपोडा।

 

प्रश्न:43 घोंघा का शरीर जिस कोमल झिल्ली के द्वारा घिरा होता है। वह क्या कहलाता है?

उत्तर:- प्रावार या मेंटल

 

प्रश्न:44 संघ इकाइनोडयेटा के जंतुओं के शरीर में स्थित वह तंत्र जो प्रचलल एवं श्वसन में सहायक होता है, क्या कहलाता है?

उत्तर:- जल परिवहन तंत्र

 

प्रश्न:45 उपपय वर्टिनेटा का दूसरा नाम क्या है?

उत्तर:- क्रेनियेटा।

 

प्रश्न:46  मछलियों के श्वसन अंग क्या कहलाते हैं?

उत्तर:- क्लोम या गिल्स।

 

प्रश्न:47 वैसे वर्टिब्रेटा जो जल एवं स्थल दोनोवास-स्थानों में रह सकते हैं, क्या कहलाते हैं?

उत्तर:-  जल-स्थलचर या उभयचर।

 

प्रश्न:48  वर्ग रेप्टीलिया के जंतुओं में निषेचन किस प्रकार का होता है।

उत्तर:- अंत: निषेचन।

प्रश्न:49 किस वर्ग के जंतुओं का अंत: कंकाल हल्की तथा स्पंजी हड्डियों का बना होता है?

उत्तर:-  एवीज।

 

प्रश्न:50  रेप्टीलिया, एवीज, तथा मैमेलिया में कौन नियततापी जंतु होता है?

उत्तर:- एवीज।

 

 

                                                                             -:  दीर्घ उत्तरीय प्रश्न  :-

 

प्रश्न:1  मोनेरा की विशेषताओं को लिखें।

उत्तर:- मोनेरा की विशेषतायें या लक्षण निम्नलिखित हैं

(i) इनमें केंद्रककाय (Nucleoid) पाया जाता है। सुस्पष्ट केंद्रक नहीं होता है। कुछ में कोशिकाभित्ति होती है।

(ii) ये स्वयंपोषी/परपोषी होते हैं। कुछ विषमपोषी भी।

(iii) उदाहरण-नीले-हरे शैवाल (Blue-Green Algae), सायनोबैक्टीरिया तथा माइकोप्लाज्मा आदि।

 

प्रश्न:2  शैवाल कवक से किस प्रकार भिन्न हैं ? दोनों का एक-एक उदाहरण दें।

उत्तर:- 

                             -:  कवक  :-

(i) कवक यूकैरियोटिक जीव है लेकिन प्रकाश-संश्लेषण में असमर्थ है।

(ii) कवक बहुकोशिकीय होते हैं।

 उदाहरण- मशरूम।

  
                             -:  शैवाल  :-

(i) शैवाल पादप जगत का सबसे सरल जलीय जीव है जो प्रकाश-संश्लेषण द्वारा भोजन का निर्माण करता है।

(ii) कुछ शैवाल एककोशिकीय होते हैं,

जैसे— क्लेमाइडोमोनस जबकि अन्य बहुकोशिकीय धागे की तरह संरचना वाले होते हैं।

जैसे- स्पाइरोगाइरा।

 उदाहरण— ऐगारे

 

प्रश्न:3  जिम्नोस्पर्म के मुख्य लक्षणों को लिखें।

उत्तर:-  जिम्नोस्पर्म के प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं-

(i) इनमें फूल का अभाव होता है।

(ii) ये पौधे बहुवर्षी, सदाबहार (Evergreen) एवं काष्ठीय (woody) होते हैं।

(iii) इन पौधों में जड़ें, तना एवं पत्तियाँ विकसित होती हैं।

(iv) इनका मुख्य उदाहरण साइकस (Cycas) एवं पाइनस (Pinus) के पौधे हैं। इनकी मूसला जड़ों में शैवाल सहजीवी की तरह रहते हैं।

(v) साइकस ताड़ जैसा (Palm-like) मरुद्भिदी पौधा है जिसमें तना लंबा, मोटा तथा अशाखित होता है। इसके सिरे पर अनेक हरी पत्तियाँ गोलाकार ढंग से एक मुकुट जैसा रचना बनाती हैं। इसमें नर एवं मादा पौधे अलग-अलग होते हैं।

(vi) इन पौधों के बीज फूलों के भीतर नहीं बनते इसलिये बीजों के बाहर फल का कोई आवरण भी नहीं होता है। यही कारण है कि ऐसे बीजों को नग्नबीजी भी कहा जाता है। बीज आवरण से ढंका नहीं होता, इसलिये इन्हें अनावृतबीजी भी कहते हैं।

 

प्रश्न:4 द्विबीजपत्री तथा एकबीजपत्री पौधों को किन आधारों पर विभाजित किया जाता है ?

उत्तर:- बीजों में बीजपत्र की संख्या के आधार पर इसे दो भागों में बाँटा गया है-

एकबीजपत्री या मोनोकॉटिलीडन्स- बीजों में केवल एक ही बीजपत्र मौजूद रहता है। इसीलिये इन्हें एकबीजपत्री कहते हैं। इसमें पतली पत्ती पर शिराविन्यास समानान्तर होता है। इनके संवहन बंडल (जाइलम एवं फ्लोएम) फैले हुये रहते हैं। इनमें रेशेदार जड़तंत्र होता है। उदाहरण- धान, बाँस, घास, गेहूँ, नारियल, ईख, तार इत्यादि।

द्विबीजपत्री या डाइकॉटिलीडन्स— द्विबीजपत्री बीजों में दो बीजपत्र मौजूद होते हैं। इसलिये इन्हें द्विबीजपत्री भी कहते हैं। इनकी पत्तियों में जालिकावत शिराविन्यास रहता है। इनमें पाया जानेवाला संवहन बण्डल वलयाकार रूप में रहता है। इनका जड़तंत्र अधिमूल एवं इसकी शाखाओं के साथ फैला रहता है। उदाहरण—आम, बरगद, कटहल, लीची आदि के वृक्ष।

 

प्रश्न:5 जंतु जगत के प्रमुख विशेषताओं का वर्णन करें

उत्तर:- जन्तु जगत की प्रमुख विशेषतायें निम्नलिखित हैं-

(i) ये बहुकोशिकीय (Multicellular) तथा यूकैरियोटी (Eukaryote) होते हैं।

(ii) जन्तु परपोषी या विषमपोषी होते हैं अर्थात् क्लोरोफिल अनुपस्थित रहने के कारण जन्तु अपने भोजन का संश्लेषण स्वयं नहीं करते हैं। बल्कि भोजन के लिये ये अन्य जीवों (पौधों एवं जन्तुओं) पर निर्भर होते हैं। आवश्यकता से अधिक मात्रा में ग्रहण किये गये भोज्य पदार्थ जैसे कार्बोहाइड्रेट का संचय ये ग्लाइकोजन के रूप में करते हैं।

(iii) इनका शरीर द्विस्तरीय या डिप्लोब्लास्टिक अथवा त्रिस्तरीय या ट्रिप्लोब्लास्टिक होता है। जन्तुओं का शरीर जब दो जनन-स्तरों एक्टोडर्म तथा एंडोडर्म का बना होता है तब वे द्विस्तरीय परन्तु वैसे जन्तु जिनके शरीर के निर्माण में इन दो जनन-स्तरों के अतिरिक्त तीसरा जनन-स्तर मिसोडर्म भी सम्मिलित होता है, ट्रिप्लोब्लास्टिक कहलाते हैं।

(iv) जन्तु प्राय: चलायमान होते हैं।

(v) शरीर का आकार निम्नलिखित प्रकार का हो सकता है—

(a) द्विपार्श्व सममित (b) अरीय सममित (c) असममित।

(vi) वास्तविक देहगुहा या सीलोम मौजूद हो भी सकता है या नहीं भी। शरीर की दीवार और आहारनाल के बीच की जगह को देहगुहा कहते हैं। जब इस देहगुहा के चारों ओर भ्रूण के मेसोडर्म की एक परत होती है तब देहगुहा को सीलोम कहते हैं।

(vii) बाह्यकंकाल अथवा अंत:कंकाल का होना या नहीं होना।

(viii) उपांगों का पाया जाना या नहीं पाया जाना। उपांग संधित अथवा असधित हो सकते हैं।

(ix) नोटोकॉर्ड एवं आहारनाल का पाया जाना अथवा नहीं पाया जाना।

(x) उच्च कोटि के जन्तुओं में तंत्रिका तंत्र तथा पेशीतंत्र पाये जाते हैं। जन्तु कहलाते हैं।

 

प्रश्न:6 वर्ग एंफिबिया के विशेषताओं का उदाहरण सहित वर्णन करें। ये उभयचर क्यों कहलाते हैं?

उत्तर:-  वर्ग एंफिबिया की विशेषतायें ये हैं-

(i) यह अनियततापी या शीतरक्तीय जन्तु है।

(ii) इनकी त्वचा ग्रंथिमय होती है। त्वचा पर शल्क नहीं होते हैं।

(iii) श्वसन त्वचा गिल्स और फेफड़े द्वारा होता है।

(iv) अंत:कंकाल अस्थि का बना होता है।

(v) हृदय में तीन कक्ष या वेश्म दो अलिंद एवं एक निलय होते हैं। लाल रुधिरकण केंद्रकयुक्त होता है।

(vi) मूलाशय और मूत्रजननवाहिनी क्लोएका में खुलते हैं।

(vii) बाह्य निषेचन होता है।

(viii) परिवर्धन के समय टैडपोल लार्वा बनता है जो कायांतरण के पश्चात शिशु बनता है।

 

उदाहरण- मेढ़क, टोड, धात्री दादुर, हायला, नेक्ट्यूरस, सैलामेंडर इत्यादि।

ये उभयचर इसलिये कहलाते हैं कि ये जल और स्थल दोनों पर निवास करने में सक्षम होते हैं।

 

प्रश्न:7 वर्ग मैमेलिया के लक्षणों का वर्णन करें। इस वर्ग के कुछ जन्तुओं के नाम लिखें।

उत्तर:- वर्ग मैमेलिया के लक्षण निम्नलिखित हैं-

(i) ये नियततापी होते हैं।

(ii) त्वचा बाल या रोम से ढंका रहता है।

(iii) बाह्य कर्ण उपस्थित है।

(iv) इनमें स्तन पाये जाते हैं। स्तन में नवजात के पोषण के लिये दुग्ध ग्रंथियाँ पायी जाती हैं।

(v) श्वसन फेफड़े द्वारा होता है।

(vi) हृदय में चार कोष्ठ होते हैं। लाल रुधिरकण केंद्रकहीन होता है।

(vii) इनमें अन्त:निषेचन होता है। मादा शिशुओं को जन्म देती है। हालाँकि स्तनी का एक वर्ग अण्डे भी देते हैं (जैसे इकिइना) तथा एक वर्ग अविकसित शिशु को जन्म देते हैं (जैसे कंगारू)। कंगारू में अविकसित शिशु प्रारंभ में उदर के नीचे स्थित मासूपिया नामक थैली में रहते हैं जहाँ ये दुग्ध ग्रंथि से पोषण प्राप्त करते हैं। इस वर्ग के कुछ जन्तु इस प्रकार हैं-बतखचोंचा, कंगारू, चमगादड़, गिलहरी, खरहा, चूहा, कुत्ता, मैकाक, शेर, हाथी, मनुष्य इत्यादि।

 

प्रश्न:8 वर्ग एवी विशेषताओं का उल्लेख करें। इनके शरीर के कौन-से अंग पंखों में रूपांतरित होते हैं।

उत्तर:- एवीज की विशेषतायें इस प्रकार हैं-

(i) इस वर्ग के अन्तर्गत पक्षी आते हैं।

(ii) ये नियततापी जन्तु हैं अर्थात इनके शरीर के तापक्रम में वातावरण के तापक्रम के अनुसार परिवर्तन नहीं होता है। ये उड्डयनशील जन्तु हैं।

(iii) शरीर परों से ढंका रहता है।

(iv) जबड़ों में दाँत नहीं होते हैं।

(v) श्वसन फेफड़ों द्वारा होता है।

(vi) हृदय चार वेश्मों में बँटा होता है।

(vii) कंकाल स्पंजी तथा हल्का होता है।

(viii) ये अण्डज होते हैं अर्थात् अण्डे देनेवाले जन्तु हैं। इनके अण्डे कठोर कवच से घिरे होते हैं। एवीज के अग्रपाद पंखों में रूपान्तरित हो जाते हैं। जो जुड़ने में मदद करते हैं।

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