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Class 9 Science Subjective Question Chapter - 11 कार्य, ऊर्जा और शक्ति

Class 9 Science Subjective Question Chapter – 11 कार्य, ऊर्जा और शक्ति

                                         

                                                                          -:  अतिलघु उत्तरीय प्रश्न  :-

 

प्रश्न:1 विज्ञान के दृष्टिकोण से हम कब कहते हैं कि कार्य किया गया है?

उत्तर:- जब किसी वस्तु पर बल लगे और वह वस्तु बल लगने से विस्थापित हो तो हम कहते हैं कि कार्य किया गया है।

 

प्रश्न:2 जब किसी वस्तु पर लगनेवाला बल इसके विस्थापन की दिशा में हो तो किये गये कार्य का व्यंजक लिखें।

उत्तर:- W=Fs

 

प्रश्न:3 किसी वस्तु के 5N का बल लगाकर उसे गतिशील किया जाता है। यदि वस्तु अपनी प्रारंभिक स्थिति पर लौटकर वापस आ जाए तो किया गया कार्य कितना होगा?

उत्तर:-  शून्य (क्योंकि किसी वस्तु पर बल लगाने से उसके स्थान में परिवर्तन होता है तभी उसको कार्य समझा जाता है।

 

प्रश्न:4 एक पिंड को धरती से किसी कोण पर फेंका जाता है। यह एक वक्र पथ पर चलता है और वापस धरती पर आ गिरता है। पिंड के पथ के प्रारंभिक तथा अंतिम बिंदु एक ही क्षैतिज रेखा पर स्थित हैं। पिंड पर गुरुत्व बल द्वारा कितना कार्य किया गया?

उत्तर:-  पिंड पर गुरुत्व बल ऊर्ध्वाधर दिशा में लगता है और इस दिशा में पिंड का विस्थापन शून्य है, अतः कार्य भी शून्य होगा।

 

प्रश्न:5 पृथ्वी के चारों ओर घूमते हुये किसी उपग्रह पर गुरुत्व बल द्वारा कितना कार्य किया जायेगा?

उत्तर:-  किया गया कार्य शून्य होगा, क्योंकि उपग्रह पर गुरुत्व बल और उपग्रह का विस्थापन हमेशा एक-दूसरे के लंबवत होते हैं।

 

प्रश्न:6 किसी वस्तु का त्वरण शून्य हो सकता है चाहे उस पर कई बल कार्य कर रहे हों क्या आप इससे सहमत हैं ? बताइये क्यों?

उत्तर:-  हां, सहमत हैं क्योंकि यदि कीसी वस्तु पर लगनेवाले सभी बलों का परिणामी (resultant) शून्य हो तो वस्तु का त्व भी शून्य होगा।

 

प्रश्न:7  किसी वस्तु का गतिज ऊर्जा के लिये व्यंजक लिखें।

उत्तर:-  Ek=1/2mv²

 

प्रश्न:8 क्या किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा का ऋणात्मक मान हो सकता है ?

उत्तर- हौ

 

प्रश्न:9 ऊपर की ओर फेंकी गई किसी वस्तु में जैसे-जैसे वह ऊपर जाती है, उसकी गतिज ऊर्जा में वृद्धि होती है या कमी?

उत्तर:-  उसकी गतिज ऊर्जा में धीरे-धीरे कमी आयेगी।

 

प्रश्न:10 समान द्रव्यमान की दो वस्तुओं को h तथा 2h ऊँचाइयों पर रखा गया है उसकी स्थितिज ऊर्जाओं का अनुपात क्या होगा?

उत्तर:-  1 : 2

क्योंकि स्थितिज ऊर्जा = mg1h :. Mg2h =1/2

 

प्रश्न:11 क्या किसी वस्तु की स्थितिज ऊर्जा ऋणात्मक हो सकती है।

उत्तर:-  नहीं।

 

प्रश्न:12 ऊर्जा, कार्य करने की क्षमता है तो, कार्य करने की समय-दर (time rate) को क्या कहते है?

उत्तर:-  कार्य करने की समय दर को शक्ति कहते हैं?

 

प्रश्न:13 कोई पिंड एक निश्चित ऊँचाई से गिराया जाता है। गिरते समय किस प्रकार की ऊर्जा का रूपान्तरण हो रहा है?

उत्तर:-  गिरते समय उसकी स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में बदलने लगती है।

 

प्रश्न:14 मुक्त रूप से गिरता हुआ पिंड अंततः धरती तक पहुँचने पर रुक जाती है। इसकी गतिज ऊर्जा का क्या होता है?

उत्तर:-  पिंड की गतिज ऊर्जा ऊष्मा और ध्वनि ऊर्जा के रूप में परिवर्तित हो जाती है।

 

प्रश्न:15 1 वाट शक्ति को परिभाषित करें।

उत्तर:-  शक्ति का मात्रक यदि कार्य ‘जूल’ (J) में और समय सेकंड (s) में मापा गया हो तो शक्ति का मात्रक जूल प्रति सेकंड (संकेत J/s) होगा। जूल प्रति सेकण्ड को ब्रिटेन के वैज्ञानिक वाट के सम्मान में वाट (Watt) कहा जाता है, जिसका संकेत w है। वाट शक्ति का SI मात्रक है। अत: 1W = 1j/s.

 

प्रश्न:16 1 किलोवाट घंटा (1 kWh) की परिभाषा दें।

उत्तर:-  1 किलोवाट (kw) की दर से 1 घंटे में व्यय ऊर्जा 1 किलोवाट घंटा (1 kWh) कहलाती है।

 

प्रश्न:17 1 kW की दर से 1 घंटे में व्यय हुयी ऊर्जा कितने किलोग्राम घंटा के बराबर होता है l

उत्तर:-  1kWh = (1 किलोवाट) (1 घंटा) = (1000 वाट)×(60×60 सेकंड) = 3.6×106

वाट सेकंड = 3.6×106 जूल (j)

अत: 1kWh = 3.6x106J

 

प्रश्न:18 ऊर्जा रूपांतरण की दर को क्या कहते हैं ?

उत्तर:-  शक्ति।

 

प्रश्न:19 यदि दो व्यक्ति 50kg द्रव्यमान की दो वस्तुओं को अलग-अलग 2 तथा 5 मिनट में 50m की ऊंचाई पर ले जाते हैं तो वस्तु पर किसी व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य अघि क होगा?

उत्तर:-  दोनों व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य समान होगा क्योंकि कार्य समय पर निर्भर नहीं करता है।

 

प्रश्न:20 यदि किसी मशीन को 5000J कार्य करने में 10s का समय लगता है तो उसकी शक्ति क्या होगी?

उत्तर:-  शक्ति = कार्य / समय = 500/10=500w=500w

 

प्रश्न:21 1 जूल (J) को परिभाषित करें।

उत्तर:-  एक जूल कार्य की वह मात्रा है जो एक न्यूटन के बल द्वारा बल की दिशा में एक मीटर की दूरी से चलाने में किया गया है।

 

प्रश्न:22  शक्ति क्या हैl

उत्तर:-  प्रति इकाई समय में किये गये कार्य को शक्ति (Power) कहते हैं। अर्थात् शक्ति कार्य करने की समय-दर है।

                   

 

 

                                                                               -:  लघु उत्तरीय प्रश्न  :-

 

प्रश्न:1 विज्ञान के दृष्टिकोण से कार्य की जो परिभाषा है, उसके अनुसार बताये कि निम्नलिखित क्रियाकलापों में कार्य हो रहा है अथवा नहीं-

(a) ऊषा एक तालाब में तैर रही है।

(b) एक घोड़े ने अपनी पीठ पर बोझ उठा रखा है।

(c) एक पवन चक्की (विंड मिल) कुएँ से पानी उठा रही है।

(d) एक पौधे का हरी पत्तियों में प्रकाशसंश्लेषण की प्रक्रिया हो रही है।

(e) एक इंजन ट्रेन को खींच रहा है।

(f)अनाज के दाने धूप में सूख रहे हैं।

(g) एक पाल-नाव पवन ऊर्जा के कारण गतिशील है।

उत्तर:-

(a) हाँ,

(b) नहीं,

(c) हाँ,

(d) नहीं,

(e) हाँ,

(f) नहीं,

(g) हाँ

 

प्रश्न:2 10 kg द्रव्यमान की एक वस्तु को मेज पर किसी बिंदु A से दूसरे बिंदु B तक लाया जाता है। यदि A तथा 8 को मिलानेवाली रेखा क्षैतिज हो तो वस्तु पर गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य कितना होगा? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिये।

उत्तर:-  गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य शून्य होगा, क्योंकि यहाँ वस्तु का A से B तक विस्थापन गुरुत्व बल के लंबवत दिशा में हो रहा है।

 

प्रश्न:3  क्या किसी पिंड पर लगनेवाले किसी भी बल की अनुपस्थिति में, इसका विस्थापन हो सकता है ? अपने उत्तर की व्याख्या करें।

उत्तर:-  हाँ, बल की अनुपस्थिति में भी पिंड का विस्थापन हो सकता है। बल की अनुपस्थिति (अर्थात् F = 0) में पिंड का त्वरण शून्य होगा और पिंड एकसमान वेग से गतिशील रहेगी (न्यूटन के प्रथम गति नियम से)।है।

 

प्रश्न:4  कोई मनुष्य किसी बोझ को अपने सिर आधे घंटे तक रखे रहता है और थक जाता । क्या उसने कोई कार्य किया या नहीं?

उत्तर:-  चूँकि ऐसी स्थिति में बोझ का विस्थापन शून्य है, इसलिये मनुष्य ने कोई कार्य नहीं किया।

 

प्रश्न:5 निम्नांकित में प्रत्येक स्थिति में m द्रव्यमान की वस्तु पर एक बल F लग रहा है वस्तु का विस्थापन s है। बताइये किया गया कार्यं धनात्मक है, ऋणात्मक या सुन्य है l

उत्तर:-  

(a) शून्य कार्य (b) धनात्मक कार्य (c) ऋणात्मक कार्य।

 

प्रश्न:6  किसी वस्तु का द्रव्यमान दुगुना करने पर या उसका चेण दुगुना करने पर उसकी गतिज ऊर्जा किस स्थिति में अधिक प्रभावित होगी?

उत्तर:-  वस्तु का द्रव्यमान दुगुना कर दिया जाये तो उसकी गतिज ऊर्जा दुगुनी हो जायेगी बशर्ते उसकी चाल समान रहे।

 

प्रश्न:7 जब कोई चालक किसी पहाड़ी पर अपना वाहन चलाता है। उसकी चाल को ल्यों बढ़ा देता है ?

उत्तर:-  जब चालक वाहन को पहाड़ी पर चढ़ाता है तब वाहन की स्थितिज ऊर्जा उसकी गतिज ऊर्जा की कीमत पर चढ़ती है। अत: स्थितिज ऊर्जा में वृद्धि के कारण गतिज ऊर्जा की सभी को पूरा करने के लिये चालक वाहन की चाल को बढ़ा देता है।

 

प्रश्न:8 मुक्त रूप से गिरते हुये एक पिंड की स्थितिज ऊर्जा लगातार कम होती जाती है। क्या यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन करता है? कारण बुतायें।

उत्तर:-  पिंड ऊर्जा संरक्षण के नियम का उल्लंघन नहीं करता है। मुक्त रूप से गिरते पिंड की स्थितिज ऊर्जा, गतिज ऊर्जा में रूपांतरित होती जाती है।

 

प्रश्न:9 जब आप अपनी सारी शक्ति लगाकर एक बड़ी चट्टान को धकेलना चाहते हैं और इसे हिलाने में असफल हो जाते हैं तो क्या इस अवस्था में ऊर्जा का स्थानांतरण होता है ? आपके द्वारा व्यय की गयी कुर्जा कहाँ चली जाती है।

उत्तर:-  हाँ, इस अवस्था में भी ऊर्जा का स्थानांतरण (रूपांतरण) होता है। हमारे द्वारा व्यय की गयी ऊर्जा ऊष्मा (ऊर्जा) में रूपांतरित हो जाती है।

 

प्रश्न:10 जब आप साइकिल चलाते हैं तो कौन-कौन-सी ऊर्जाओं के रूपांतरण होते हैं ?

उत्तर:-  जब हम साइकिल चलाते हैं तो हमारी पेशियों में संचित रासायनिक ऊर्जा (Chemical Energy) पैडल को यांत्रिक ऊर्जा (Mechanical Energy) में रूपांतरित होती है और फिर इस ऊर्जा से साइकिल के चक्कों को गतिज ऊर्जा प्राप्त होती है।

 

प्रश्न:11 एक बैटरी बल्ब जलाती है। इस प्रक्रम में होनेवाले ऊर्जा परिवर्तनों का वर्णन करें।

उत्तर:-  बैटरी में रासायनिक ऊर्जा संचित रहती है। जब बल्ब जलता है तो वही रासायनिक कर्जा विद्युत ऊर्जा के रूप में और फिर यह विद्युत ऊर्जा प्रकाश ऊर्जा और ऊष्मीय ऊर्जा में

 

प्रश्न:12 जब हम किसी सरल लोलक के गोलक को एक ओर ले जाकर छोड़ते हैं तो यह दोलन करने लगता है। इसमें होनेवाले.ऊर्जा परिवर्तनों की चर्चा करें। गोलक कुछ समय पश्चात विराम अवस्था में क्यों आ जाता है? अंतत: इसकी ऊर्जा का म्या होता है?

उत्तर:-  जब सरल लोलक का गोलक निति (Vaccum) में दोलन करता है तो स्थितिज ऊर्जा और गतिज ऊर्जा का स्थितिज ऊर्जा में रूपान्तरण होता रहता है। परन्तु गोलक की कुल यांत्रिक ऊर्जा अर्थात उसके स्थितिज ऊर्जा तथा गतिज ऊर्जा का योग हमेशा नियत रहता है (ऊर्जा के संरक्षण का सिद्धांत)। परन्तु जब गोलक वायु में दोलन करता है तो दोलन के क्रम में वायु से घर्षण के विरुद्ध कार्य करते-करते उसकी ऊर्जा ऊष्मीय कर्जा के रूप में रूपांतरित होती जाती है और अंततः कुछ समय पश्चात गोलक विराम की अवस्था में आ जाता है।

 

प्रश्न:13 कार्य, शक्ति और ऊर्जा में विभेद करें।

उत्तर:-  

कार्य – जब कोई वस्तु किसी बल के प्रभाव के अधीन चलती है तब कार्य सम्पन्न हुआ कहा जाता है। यदि वस्तु पर आरोपित बल F हो और वस्तु द्वारा बल की दिशा में तय कीगयो दूरी S हो, तो सम्पन्न कार्य w= Fs, कार्य का मात्रक जूल (J) होता है।

ऊर्जा – कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते हैं। ऊर्जा का मात्रक भी जूल (J) होता है।

शक्ति – प्रति इकाई (एकांक) समय में किये गये कार्य को शक्ति कहते हैं। शक्ति का मात्रक वाट (W) होता है।

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