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Class 10 Science NCERT Solutions in Hindi Chapter – 8 जीव जनन कैसे करते हैं?

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Class 10 Science NCERT Solutions in Hindi Chapter – 8 जीव जनन कैसे करते हैं?

पृष्ठ 42

प्रश्न . डी० एन० ए० प्रतिकृति का प्रजनन में क्या महत्त्व है?

उत्तर :- प्रजनन में डी० एन० ए० प्रतिकृति प्राणी के अस्तित्व के लिए बहुत आवश्यक है। यह स्पीशीज़ में पाई जाने वाली विभिन्‍न विशेषताओं के अस्तित्व को बना कर रखने में सहायक है। चाहे डी० एन० ए प्रतिकृति की प्रणाली पूरी तरह से यथार्थ नहीं है पर फिर भी इसमें विभिन्‍नता बहुत धीमी गति से उत्पन्न होती है। इसमें नई ‘विभिन्‍नता के साथ-साथ पुरानी पीढ़ियों की विभिन्‍्नताएं संग्रहित रहती हैं इसलिए. समष्टि के दो जीवों में विभिन्‍नताओं के पैटर्न भी काफ़ी अलग होते हैं। इसके दूवारा दो या अधिक एकल जीवों का विभिन्‍नताओं के नए संयोजन उत्पन्न होते हैं क्योंकि इस प्रक्रम में दो विभिन्‍न जीव भाग लेते हैं । डी० एन० ए० का प्रतिकृति पीढ़ियों तक गुणों को आगे लेकर चलती है। इससे शारीरिक डिजाइन में समता बनी रहती है पर नई विभिन्‍नताओं के कारण इसमें परिवर्तन आते रहते हैं। इससे प्राणी का अस्तित्व बना रहता है चाहे उसमें कुछ अंतर आ जाता है। डी० एन० ‘ए०आनुवंशिक गुणों का संदेश है जो जन्म से संतान को प्राप्त होता है। इसकेकेंद्रक में प्रोटीन संश्लेषण के लिए सूचना विद्यमान होती है। सूचना के बदलजाने पर प्रोटीन भी बदल जाएगी जिस कारण शारीरिक अधिकल्प में भी विविधताउत्पन्न हो जाती है। डी० एन० ए-प्रतिकृति बनने के साथ-साथ दूसरी कोशिकीयसंरचनाओं का सृजन भी होता है। जैव-रासायनिक प्रक्रियाओं के कारण डी० एन०ए० की प्रतिकृति में कुछ विभिन्‍नता उत्पन्न हो जाती है।

 

प्रश्न 2. जीवों में विभिन्‍नता स्पीशीज़ के लिए तो लाभदायक है परंतु व्यष्टि के लिए. आवश्यक नहीं है, क्यों ?

उत्तर :-  जीवों पर परितंत्र के स्थान पर निकेत का सीधा प्रभाव पड़ता है। किसी प्रजाति की समष्टि के स्थायित्व का संबंध जनन से है। जब निकेत में ऐसे परिवर्तन आ जाते हैं जो जीवों के नियंत्रण से बाहर होते हैं जो उग्र परिवर्तन दिखाई देते हैं। इनके परिणामस्वरूप समष्टि का समूल विनाश संभव होता है। यदि समष्टि के जीवों में कुछ विभिन्‍नता होगी तो उनके जीवित रहने की कुछ संभावना है । वैश्विक उष्मीकरण के कारण यदि जल का ताप अधिक बढ़ जाए तो शीतोष्ण जल में पाए जाने वाले जीवाणुओं का नाश हो जाएगा पर गर्मी को सहन कर सकने वाले जीवाणु जीवित रहेंगे और वृद्धि करेंगे। इसलिए विभिन्‍नताएँ स्पीशीज की उत्तर जीविता बनाए. रखने में उपयोगी हैं । विभिन्‍नता स्पीशीज़ के लिए तो लाभदायक है पर व्यष्टि के लिए यह आवश्यक नहीं है।

 

पृष्ठ 46

प्रश्न 1. दविखंडन बहुखंडन से किस प्रकार भिन्न है?

उत्तर :-  दूविखंडन से कोई एक कोशिका दो छोटे और लगभग समान भागों में बंट जाती है। दूविखंडन एक निर्धारित तल से होता है। लेकिन बहुखंडन में एक कौशिक जीव एक साथ अनेक संतति कोशिकाओं में विभाजित हो जाते हैं। दूविखंडन में सिस्ट नहीं बनता लेकिन बहुखंडन में सिस्ट बनता है। अमीबा और पैरामीशियम में दूविखंडन होता है। काला जार के रोगाणु लेसमानियाँ और मलेरिया परजीवी प्लाज्मोडियम में बहुखंडन होता है।

 

प्रश्न 2. बीजाणु दूवारा जनन से जीव किस प्रकार लाभान्वित होता है?

उत्तर :-  बीजाणु वृद्धि करके राइजोपस के नए जीव उत्पन्न करते हैं। बीजाणु के चारों ओर एक मोटी भित्ति होती है जो प्रतिकूल परिस्थितियों में उसकी रक्षा करती है। इनमें उत्पनन बीजाणुओं की संख्या अधिक होती है इसलिए उनके बचने की संभावना ज्यादा होती है । वे सरलता से विपरीत परिस्थितियों में पाए जा सकते हैं। नम सतह के संपर्क में आने पर वे वृद्धि करने लगते हैं।

 

प्रश्न 3. क्या आप कुछ कारण सोच सकते हैं जिससे पता चलता हो कि जटिल संरचना वाले जीव पुनरुदभवन द्वारा नई संतति उत्पन्न नहीं कर सकते ?

उत्तर :-  जटिल संरचना वाले जीवों में जनन भी जटिल होता है। पुनरुद्भवन एक प्रकार से’परिवर्धन है जिसमें जीव के गुणों में अंतर नहीं आता। यह जनन के समान नहीं है।’जटिल संरचना वाले जीव पुनरुद्भवन के दूवारा किसी भी भाग को काट करसामान्यतः बैसा जीव उत्पन्न नहीं कर सकते। क्योंकि उन का शरीर अंगों और अंग तंत्रों में विभाजित होता है।

 

प्रश्न 4. कुछ पौधों को उगाने के लिए कायिक प्रवर्धन का उपयोग क्यों किया जाता है?

उत्तर :-  प्राय: जो पौधे बीज उत्पन्न नहीं करते उनकी जड़, तना, पत्तियों आदि को उपयुक्तपरिस्थितियों में विकसित करके नया पौधा प्राप्त कर लिया जाता है। प्राय: एकलपौधे इस क्षमता का उपयोग जनन-विधि के रूप में करते हैं। उन्हीं को उगाने के लिए कायिक प्रवर्धन किया जाता है।

 

प्रश्न 5. DNA की प्रतिकृति बनाना जनन के लिए आवश्यक क्यों है?

उत्तर :-  जनन की प्रक्रिया से वैसी ही समरूप संतान की प्राप्ति की जाती है जैसे जन्म देनेबाले हों। DNA की प्रतिकृति के परिणामस्वरूप ही वंशानुगत गुणों से युक्त संतानप्राप्त होती है। इसीलिए DNA की प्रतिकृति बनाना जनन के लिए आवश्यक है।’यह जीवन की निरंतरता को बनाए रखता है और जीवों में जाति विशेष के गुण बने

 

पृष्ठ ग54

प्रश्न क.. परागण क्रिया निषेचन से किस प्रकार भिन्न है?

उत्तर :-

परागण

निषेचन

1. वह क्रिया जिसमें परागकण

स्त्रीकेसर के वर्तिकाग्र तकपहुँचते

हैं, परागण कहलाती है।

 

2. यह जनन क्रिया का प्रथम चरण

है।

 

3. परागण क्रिया दो प्रकार की होती.

है-स्व-परागण और पर

परागण

 

4. परागकर्णों के स्थानांतरण के

लिए वाहकों की आवश्यकता

होती है।

 

5. | अनेक परागकर्णों का नुकसान

होता है

6. इस क्रिया में विशेष लक्षणों को

आवश्यकता होती है।

7. इस क्रिया के पूरा हो जाने पर

‘निषेचन क्रिया पूरी होने की आशा.

होती है।

1.बह क्रिया जिसमें नर युग्मक

और मादा युग्मक मिलकर

युग्मनज बनाते हैं, निषेचन

‘ कहलाती है।

2. यह जनन क्रिया का दूसरा

चरण है।

3. निषेचन क्रिया भी दो प्रकार

की होती है–बाहय निषेचन

एवं आंतरिक निषेचन।

4. इस क्रिया में वाहकों की कोई

आवश्यकता नहीं होती।

 

5. इसमें परागकर्णों का नुकसान

नहीं होता।

6. इस क्रिया में विशेष लक्षणों

की आवश्यकता नहीं होती।

7. इस क्रिया के पश्चात्‌ बीजों

और फल बनने की संभावना

हो जाती है।

 

प्रश्न 2. शुक्राशय एवं प्रोस्टेट ग्रंथि की क्या भूमिका है?

उत्तर :-  शुक्राशय एवं प्रोस्टेट ग्रंथि अपना स्राव शुक्र वाहिका में डालते हैं जिससे शुक्राणुएक तरल माध्यम में आ जाते हैं । इसके कारण इनका स्थानांतरण सरलता से होता है। साथ ही यह स्राव उन्हें पोषण भी प्रदान करता है। शुक्राशय से ख्रावित द्रव में फ्रुक्टोज, सिटेट और अनेक प्रोटीन होते हैं। ये दौनों वीर्य की क्रमश; प्रतिशतता 60 : 30 में बनाते हैं । शुक्राशय योनि में संकुचन को ‘उद्दीप्त करता है और प्रोस्टेट मूत्र की अम्लीयता को उदासीन करता है।

 

प्रश्न 3. यौवनारंभ के समय लड़कियों में कौन-से परिवर्तन दिखाई देते हैं?

उत्तर :-  1. शरीर के कुछ नए भागों जैसे काँख और जाँघों के मध्य जननांगी क्षेत्र में बाल गुच्छ निकल आते हैं।

2. हाथ, पैर पर महीन रोम आ जाते हैं।

3. त्वचा तैलीय हो जाती है। कभी-कभी मुहाँसे निकल आते हैं।

4. वक्ष के आकार में वृद्धि होने लगती है।

5. स्तनाग्र की त्वचा का रंग गहरा भूरा होने लगता है।

6. रजोधर्म होने लगता है।

7. अंडाशय में अंड परिपक्व होने लगते हैं।

8. ध्वनि सुरीली हो जाती है।

9. विपरीत लिंग की ओर आकर्षण होने लगता है।

 

प्रश्न 4. माँ के शरीर में गर्भस्थ भ्रूण को पोषण किस प्रकार प्राप्त होता है?

उत्तर :-  गर्भस्थ भ्रूण को माँ के रुधिर से पोषण प्राप्त होता है। इसके लिए प्लेसेंटा की संरचना प्रकृति के दूवारा की गई है। यह एक तश्तरी नुमा संरचना है जो गर्भाशय की भित्ति में धंसी होती है। इसमें भ्रूण की ओर से ऊतक के प्रवर्ध होते हैं। माँ के

ऊतकों में रक्त स्थान होते हैं जो प्रवर्ध को ढाँपते हैं। ये माँ से भ्रूण को ग्लूकोज़, ऑक्सीजन और अन्य पदार्थ प्रदान करते हैं।

 

प्रश्न 5. यदि कोई महिला कॉपर-T’ का प्रयोग कर रही है तो क्या यह उसकी यौन- संचरित रोगों से रक्षा करेगा?

उत्तर :- नहीं, कॉपर-T किसी भी अवस्था में महिला की यौन-संचरित रोगों से रक्षा नहीं करेगा।

 

प्रश्न 1. अलैंगिक जनन मुकुलन दुबारा होता है।

(A) अमीबा

(B) यीस्ट

(C) प्लाज्पोडियम

(D) लेस्मानिया।

उत्तर :-  (B) यीस्ट।

 

प्रश्न 2. निम्न में से कौन मानव में मादा जनन तंत्र का भाग नहीं है?

(A) अंडाशय (B) गर्भाशय

(C) शुक्र वाहिका (D) डिंब वाहिनी ।

उत्तर :- (C) शुक्र वाहिका।

 

प्रश्न 3. परागकोश में होते हैं–

(A) बादय दल (B) अंडाशय

(C) अंडप (D) परागकण।

उत्तर :- (D) परागकण।

 

प्रश्न 4 . अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन का क्या लाभ है?

उत्तर :-  लैंगिक जनन निम्नलिखित कारणों से अलैंगिक जनन की अपेक्षा लाभकारी है–

(I) लैंगिक जनन में नर और मादा से प्राप्त होने वाले नर युग्मक और मादा युग्मक के निषेचन से लैंगिक जनन होता है चूंकि ये दो भिन्न प्राणियों से प्राप्त होते हैं इसलिए संतान विशेषताओं की विविधता को प्रकट करते हैं।

(ii) लैंगिक जनन से गुणसूत्रों के नए जोड़े बनते हैं । इससे विकासवाद की दिशा को नए आयाम प्राप्त होते हैं । इससे जीवों में श्रेष्ठ गुणों के उत्पन्न होने के अवसर बढ़ते हैं ।

 

प्रश्न 5. मानव में वृषण के क्या कार्य हैं ?

उत्तर :- वृषण में नर जनन-कोशिका शुक्राणु का निर्माण होता है। टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन से उत्पादन एवं स्रावण में वृषण की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।

 

प्रश्न 6. ऋतु स्त्राव क्यों होता है?

उत्तर :-  यदि नारी शरीर में निषेचन नहीं हो, तो अंड कोशिका लगभग एक दिन तक जीवित रहती है। अंडाशय हर महीने एक अंड का मोचन करता है और निषेचित अंड की प्राप्ति हेतु गर्भाशय भी हर महीने तैयारी करता है । इसलिए इसकी अंत: भित्ति मांसल एवं स्पॉंजी हो जाती है । यह अंड के निषेचन होने की अवस्था में उसके पोषण के लिए आवश्यक है । लेकिन निषेचन न होने की अवस्था में इस पर्त की भी आवश्यकता नहीं रहती । इसलिए यह पर्त धीरे-धीरे टूट कर योनि मार्ग से रुघिर एवं म्यूकस के रूप में बाहर निकल जाती है। इस चक्र में लगभग एक मास का समय लगता है। इसे ऋतुस्व अथवा रजोधर्म कहते हैं । इसकी अवधि लगभग 2 से 8 दिनों की होती है।

 

प्रश्न 7. पुष्प की अनुदैर्ध्य काट का नामांकित चित्र बनाइए।

उत्तर :-   



प्रश्न 8. गर्भनिरोधक की विभिन्‍न विधियाँ कौन-सी हैं?

उत्तर :- बच्चों के जन्म को नियमित करने के लिए आवश्यक है कि मादा का निषेचन न हो। इसके लिए मुख्य गर्भ निरोधक विधियां निम्नलिखित हैं–

(1) रासायनिक विधि– अनेक प्रकार के रासायनिक ही पदार्थ मादा निषेचन को रोक सकते हैं। स्त्रियों के दूवारा गर्भ-निरोधक गोलियां प्रयुक्त की जाती हैं। झाग की गोली, जैली, विभिन्‍न प्रकार की क्रौमें आदि यह कार्य करती हैं।

(2) शल्य– पुरुषों में नसबंदी तथा स्त्रियों में भी नसबंदी के दूवारा निषेचन रोका जाता है। पुरुषों की शल्य चिकित्सा में शुक्र वाहिनियों को काटकर बांध दिया जाता है जिससे वृषण में बनने वाले शुक्राणु बाहर नहीं आ पाते। स्त्रियों में अंडवाहिनी को काटकर बाँध देते हैं जिससे अंडाशय में बने अंडे गर्भाशय में नहीं आ पाते।





(3) भौतिक विधि– विभिन भौतिक विधियों से शुक्राणुओं को स्त्री के गर्भाशय में जाने से रोक दिया जाता है। लैंगिक संपर्क में निरोध आदि युक्तियों का प्रयोग इसी के अंतर्गत आता है। गर्भधारण को रोकने के लिए लूप या कॉफर-टी को गर्भाशय में स्थापित किया जाता है।

 

प्रश्न 9.एक कोशिक एवं बहुकोशिक जीवों की जनन पद्धति में क्या अंतर है?

उत्तर :-  एक कोशिक प्राय: विखंडन, सुकुलन, पुनरुद्भवन, बहुखंडन आदि विधियों से जन करते हैं। उनमें केवल एक ही कोशिका होती है। वे सरलता से कोशिका विभाजन के ‘दवारा तेजी से जनन कर सकते हैं । बहुकोशिक जीवों में जनन क्रिया जटिल होती है… और यह मुख्य रूप से लैंगिक जनन क्रिया ही होती है।

 

प्रश्न 10. जनन किसी स्पीशीज़ की सम्टि के स्थायित्व में किस प्रकार सहायक है?

उत्तर :-  किसी भी स्पीशीज़ की समष्टि के स्थायित्व में जनन और मृत्यु का बराबर का महत्त्व… है। यदि जनन और मृत्यु दर में लगभग बराबरी की दर हो तो स्थायित्व बना रहता है। एक सम्ट में जन्म दर और मृत्यु दर ही उसके आधार का निर्धारण करते हैं।

 

प्रश्न 11. गर्भनिरोधक युक्तियाँ अपनाने के क्या कारण हो सकते हैं ?

उत्तर :-  गर्भनिरोधक युक्तियाँ मुख्य रूप से अवॉछित गर्भ रोकने के लिए ही अपनाई जाती हैं। इनसे बच्चों की आयु में अंतर बढ़ाने में भी सहयोग लिया जा सकता है। कंडोम के प्रयोग से एड्स, सुजाक, हिपेटाइटिस जैसे यौन संबंधी कुछ रोगों के संक्रमण से भी बचा जा सकता है।

 

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1. नीचे दी गई जीवों को सूची में वे कौन-से जीव हैं जो अलैंगिक विधि से जनन करते हैः

(A) केला

(B) कुत्ता

(c) यीस्ट

(d) अमीबा

(a) (ii) और  (iv)

(b)  (i) , (iii) तथा (iv)

(c) (i) और (iv)

(d (ii), (iii) तथा (iv)

Ans :- ( b)

 

प्रश्न 2. पुष्प में नर और मादा युग्मकों ( जनन-कोशिकाओं ) को उत्पन करने वाले भाग कौन-सा है?

(a) पुकेसर और परागकोष

(b) तंतु और वर्तिकाय्

(c) पारगकोष और अंडाशय

(d) पुंकेसर और वर्तिका

Ans :- ( c)

 

प्रश्न 3 . एक पुष्य में, लैंगिक जनन की परिघटनाओं का सही क्रम निम्नलिखित में से कौन-सा है?

(a) परागण, निषेचन, नवोदूभिदू, भ्रूण

(b) नवोदूभिद, भ्रूण, निषेचन, परागण

(c) परागण, निषेचन, भ्रूण, नवोदभिदू

(d) भ्रूण, नवोदूभिद, परागण, निषेचन

Ans :- ( c )

 

प्रश्न 4. जनन की अलैंगिक विधि से उत्पन्न संतति में परस्पर अधिक समानता होती है.

क्योंकि:

(a) अलैंगिक जनन में ही केवल एक जनक भाग लेता है।

(b) अलैंगिक जनन में युग्मक शामिल नहीं होते।

(c) अलैंगिक जनन लैंगिक जनन से पहले होता है।

(d) अलैंगिक जनन लैंगिक जनन के बाद होता है।

(a) (i) और (ii)

(b) (ii) तथा (iii)

(c) (ii) और (iv)

(d) (iii) तथा (iv)

Ans :- ( a )

 

प्रश्न 5. जनकों से संतति में संप्रेषित होने वाले लक्षण किसमें विद्यमान होते हैं ?

(a) कोशिकाइव्स

(b) राइबोसोम

(c) गॉल्गी काय

(d) जीन

Ans :- ( d )

 

प्रश्न 6. जनकों से संतति में संप्रेषित होने वाले लक्षण क्या प्रदर्शित करते हैं ?

(a) केवल जनकों से समानताएँ

(b) केवल जनाकों से विविधताएँ

(c) जनकों के साथ समानताएँ और विविधताएँ

(d) न समानताएँ और न विविधताएँ

Ans :- ( c )

 

प्रश्न 7. अमीबा, स्पारोगाड़ा और यीस्ट में जनन की सामान्य विशेषता क्या होती है ?

(a) ये अलैंगिक रूप से जनन करते हैं

(b) ये सभी एककोशिक हैं

(c) ये केवल लैंगिक रूप से जनन करते हैं

(d) ये सभी बहुकोशिक है।

Ans :- ( a )

 

प्रश्न 8. स्पाइरोगाइ़रा में, अलैंगिक जनन किसके द्वारा होता है?

(a) तंतुओं को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ कर

(b) एक कोशिका का दो कोशिकाओं में विभाजित होना

(c) एक कोशिका का अनेक कोशिकाओं में विधाजित होना

(d) पुरानी कोशिकाओं से नयी-नयी कोशिकाएँ का बनना

Ans :- ( a )

 

प्रश्न 9. प्लान्योडियय में एक कोशिका के अनेक कोशिकाओं में विभाजित होने की क्षमता को कया कहते हैं?

(a) मुकुलन

(b) न्यूनकारी विभाजन

(c) हिविभाजन

(d) बहुविभाजन

Ans :- ( d )

 

प्रश्न 10. पुष्पी पौधे में जनन अवस्थाओं का सही क्रम कौन-सा है?

(a) चुग्मक, युग्मनज, भ्रूण, नवोदभिदू

(b) युर्मनज, युग्मक, भ्रूण, नवोदभिद्‌

(c) नवोदभिद, भ्रूण, युम्मनज, युर्मक

(d) युग्मक, भ्रूण, युग्मनज, नवोदभिदू

Ans :- ( a )

 

प्रश्न 11. एक स्पीशीज के जनकों और संतततियों में गुणासूत्रों की संख्या किसके कारण नियत बनी रहती है?

(a) युग्मनज के बनने के बाद गुणसूत्रों की संख्या का दोगुना हो जाना

(b) युग्मक बनने के दौरान गुणसूत्रं की संख्या का आध रह जाना

(c) युग्मक बनने के बाद गुणसूत्रों की संख्या का दोगुना हो जाना

(d) चुग्मक बनने के बाद गुणसूत्रं की संख्या का आधा रह जाना।

Ans :- ( b )

 

प्रश्न 12. रा़जोपस में उन नलिकाकार सूत्र-जैसी संरचनाओं को क्या कहते हैं जिन पर बीजाणुधानियाँ लगी होती हैं?

(a) तंतु

(b) हाइफे

(c) राइजॉयड

(d) मूल (जड़)

Ans :- ( b )

 

प्रश्न 13. कायिक प्रवर्धन द्वारा नऐ पौधे निम्नलिखित में से किससे बनते हैं?

(A) तना, जड़ें और पुष्प

(B) तना, जड़ें और पत्तियाँ

(c) तना, पुष्प और फल

(d) तना, पत्तियाँ और पुष्प

Ans :- ( b )

 

प्रश्न 14. डबलरोटी के स्लाइस पर कबक का तीब्र गति से फैलने के लिए उत्तरदायी कारक कौन-से हैं?

(a) बड़ी संख्या में बीजाणुओं का होना

(b) डबलरोटी में नमी और पोषकों की उपलब्धता

(c) नलिकाकार शाखित हाइफों की मौजूदगी

(d) गोलाकार बीजाणुधानियों का निर्माण

(a) (i) और (iii)

(b) (ii) तथा (iv)

(c) (i) और (ii)

(d) (iii) तथा (iv)

Ans :- ( c )

 

प्रश्न 15. पराग-नली की लंबाई निम्नलिखित में से किन-किन के बीच की दूरी पर निर्भर होती है?

(a) परागकण और वर्तिकाग्र का ऊपरी सतह

(b) वर्तिकाग्र की ऊपरी सतह पर पराग कण और बीजॉड

(c) पुंकेसर के भीतर पराग कण और वर्तिकाग्र की ऊपरी सतह

(d) वर्तिकाग्र की ऊपरी सतह और वर्तिकाग्र का निचला भाग

Ans :- ( b )

 

प्रश्न 16. पुष्यों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-से कथन सही हैं?

(a) पुष्प हमेशा उभलिंगी होते हैं

(b) ये लैंगिक जनन के अंग होते हैं

(c) ये पौधों के सभी वर्गों में पाए जाते हैं

(d) निषेचन के बाद इनसे फल बनते हैं

(8) (i) और (iv)

(b) (ii) , (iii) तथा (iv)

(c) (iii) और (iv)

(d) (i) , (iii) तथा (iv)

Ans :- ( d )

 

प्रश्न 17. एकलिंगी पुष्यों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-से कथन सही हैं?

(a) इनमें पुंकिसर और स्त्रीकसर दोनों होते हैं

(b) इनमें या तो पुंकेसर होते हैं अथवा स्त्रीकेसर होते हैं

(c) इनमें परागण होता है.

(d) निषेचन के बाद इनसे फल बतते हैं

(a) (i) और (iv)

(b) (i), (ii) तथा (iv)

(c) (i) , (ii) और (iv)

(d) (i) , (ii) और (iv)

Ans :- ( b )

 

प्रश्न 18. पुष्पी पौधों के संदर्भ में लैंगिक जनन के बारे में निम्नलिखित कथनों में से  कौन-सा कथन सही है?

(a) इसे दो प्रकार के युग्मकों की आवश्यकता होती है

(b) निषेचन एक अनिवार्य घटना होती है.

(c) इसके फलस्वरूप हमेशा ही युग्मनज बनता है.

(d) इससे बनने बाली संतति क्‍लोन होती है

(a) (i) और (iv)

(b) (i), (ii)  तथा (iv)

(c) (i), (ii) और (iii)

(d) (i), (ii) तथा (iv)

Ans :- ( c )

 

प्रश्न 19. चित्र 8.1 में भाग A, B और C किस क्रम में होते हैं:

(a) बीजपत्र, प्रांकुर और मूलांकुर दरी

(b) प्राकुद, मूलॉंकुर और बीजपत्र

(c) प्रॉकु, बीजपत्र और मूलांकुर

(d) मूलांकुर, बीजपत्र और प्रांकुर क्ब्त

Ans :- ( c )

 

प्रश्न 20. लैंगिक जनन के फलस्वरूप उत्पन्न संतति में अधिक विविधता पाई जाती है

(A) लैंगिक जनन एक अधिक समय तक चलने वाली प्रक्रिया है

(B) आनुवंशिक पदार्थ एक ही स्पीशीज के दो जनकों से आता है

(c) आनुवंशिक पदार्थ दो भिन्न स्पीशीजों के दो जनकों से आता है.

(d) आनुवंशिक पदार्थ अनेक जनकों से आता है.

Ans :- ( b )

 

प्रश्न 21. जीवधारियों के लिए जनन करना अनिवार्य है ताकि

(a) व्यष्टि जीवित बना रहे

(b) वे अपनी ऊर्जा-आवश्यकता की पूर्ति कर सकें

(c) वृद्धि को बनाए रखें

(d) पीढ़ी पर पीढ़ी स्पीसीज की निरंतरता को बनाए रखें

Ans :- ( d )

 

प्रश्न 22. किशोरावस्था के दौरान मानव शरीर में अनेक परिवर्तन होते हैं। उस परिवर्तन पर चिद् लगाएँ जिसका संवंध लड़को में लैंगक परिपक्वता से है.

(a) दूध के दाँतों को टूटना

(b) कद का बढ़ना

(c) आवाज का भारी होना

(d) वजन का बढ़ना

Ans :- ( c )

 

प्रश्न 23. स्त्रियों में वह घटना कौन-सी है जो जनन प्रावस्था के प्रारंभ को परिलक्षित करती है?

(a) शरीर की वृद्धि

(b) केशों के पैटर्न में परिवर्तन आना

(c) आवाज में परिवर्तन आना

(d) रजोध्म

Ans :- ( d )

 

प्रश्न 24. पुरूषों में वृषण वृक्षणकोश के भीतर स्थित होते हैं क्योंकि इससे सहायता मिलती है-

(a) मैथुन प्रक्रिया में

(b) शुक्राणु बनने में

(c) युग्मकों के आसानी से स्थानांतरण में

(d) उपरोक्त सभी में

Ans :- ( b )

 

प्रश्न 25. यौबनारंभ पर वृषणों का निम्नलिखित में कौन-सा कार्य नहीं होता?

(a) जनन-कोशिकाओं का निर्माण

(b) टेस्टोस्ट्रेस का व

(c) अपरा का बिकास

(d) ईस्ट्रोजन का स्राव

(a) (i) और (ii)

(b) (ii) और (iii)

(c) (iii) और (iv)

(d) (i) तथा (iv)

Ans :- ( c )

 

प्रश्न 26: नर जननांगों के विभिन्‍न भागों में शुक्राणुओं के परिवाहन के लिए सही क्रम कौन-सा है?

(a) वृषण  शुक्रवाहक  मूत्रमार्ग

(b) कूषण  मूजवाहिनी  मुतमार्ग

(c) बूषण  मूत्रमार्ग  मूत्रवाहिनी

(d) बृषण  शुक्रबाहक  मूत्रवाहिनी

Ans :- ( a )

 

प्रश्न 27. निम्नलिखित में से कौन-सा रोग यौन-संचारित नहीं होता?

(a) सिफलिस (आतशक)

(b) हिंपैटाइटिस

(c) HIV – AIDS

(d) गौनोरिया (सुजाक)

Ans :- ( b )

 

लघुउत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 28. एक उभयलिंगी पौधे में, नन्हे पुंकेसरों को कृत्रिम रूप से निकाल दिए जाने पर भी, फल उत्पन्न होते हैं। उपरोक्त परिस्थिति के लिए उपयुक्त व्याख्या प्रस्तुत कौजिए।

उत्तर :-  उभयलिंगी फूलों से ननहें पुंकिसरों को हटा देने पर स्रीकेसर बचे रह गए जहाँ तक ‘पर-परागण ड्टारा नर कोशिकाएँ पहुँचकर उसे निषेचित किया जो परिपक्व होकर फल का निर्माण किया।

 

‘प्रश्न 29. एककोशिक जीब में क्या आप कोशिका-विभाजन को जनन का एक प्रकार मानेंगे ? एक कारण बताइए।

उत्तर :- हाँ, एक कोशिकीय जीवों में कोशिका विभाजन को जनन का एक प्रकार माना जा सकता है. क्योंकि इन जीबों में कोशिका विभाजित होकर दो या दो से अधिक कोशिकाओं व जीवों का निर्माण करती है।

 

प्रश्न 30. क्लोन से आप क्या समझते हैं ? अलैंगिक जनन द्वारा उत्पनन संततियों में असाधारण समानता क्यों पाई जाती है?

उत्तर :- अलैंगिक जनन द्वारा एक जीव से उसी के समान अन्य जीव तैवार करना क्‍्लोन कहलाता है। इस विधि (क्लोनिंग) द्वार उत्पन्न संततियों में आसाधारण समानता का कारण उनके पैत्रिक DNA. की वास्तविक कॉपी है।

 

प्रश्न 31. लैंगिक रूप से जनन करने बाले जीबों की संतति और जनकों में गुणसूत् समान संख्या में होते हैं। व्याख्या कीजिए।

उत्तर :- लैंगिक जनन में युग्मक बनते समय नर व मादा चुग्मकों के गुणसूत्रों की संख्या आधी रह जाती है। निषेचन के समय दौनों युग्मक मिलकर संतान में गुणसूत्रों की संख्या जनक के गुणसूत्रों की संख्या के बाबर हो जाती हैं ।

 

प्रश्न 32. यीस्ट के निवाह जल में गुणन नहीं करते, बल्कि शर्करा के घोल में करते हैं। इसके लिए एक कारण बताइए

उत्तर :- यीस्ट को सभी जैविक क्रियाकलाप के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है जो उसे शर्करा से प्राप्त होता है। अत: यीस्ट शर्करा के घोल में गुणन कर हैं परन्तु जल में गुणन नहीं करत पाते हैं।

 

प्रश्न 33. ब्रेड का कवक डबलरोटी के सूखे स्लाइस की अपेक्षा नम स्लाइस पर तीज्र गति से क्यों वृद्धि करता है? कारण बताइए।

‘उ्तर– ब्रेड के कवक को वृद्धि के पोषक पदार्थ के साथ-साथ नमी की आवश्यकता होती जो उसे नमी युक्त ब्रेड से प्राप्त होता है । अत: सूखे ब्रेड पर कवक वृद्धि नहीं कर पाते हैं।

 

प्रश्न 34. लैंगिक जनन से उत्पनन संतततियों में विविधताओं के पाए जाने के दो कारण बताइए।

उत्तर :- लैंगिक जनन में उत्पन संततियों में विविधताओं का कारण-

(1) भिन-भिन्‍न लक्षणों वाले दो जीबों का भाग लेना।

(2) जीनों का भिन्न-भिन्न संयोजन

 

प्रश्न 35. प्लैनरिया दो यदि ऊर्ध्वॉधर रूप से दो अद्धंशों में काट दिए जाए तो क्या वे दोनों अधाश पुनरूद्धभवन करके दो नई व्यष्टियाँ बना देंगे? चित्र 8.2 D  और E को दोबारा से बने क्षेत्रों को बनाते हुए पूरा कीजिए।

उत्तर :- हाँ, प्लैनरिया को उच्वॉंपर अर्थात में काट देने पर भी पुनरूद्भवन ड्वारा दो   नई व्यष्टियाँ बना लेंगे












उत्तर :- हाँ, प्लैनेरिया को उर्ध्वाघर अषांशो में ‘काट देने पर भी पुनरूद्भवन द्वारा दो नई व्यप्टियाँ बना लेंगें।

प्रश्न 36. इंटरनेट की सहायता से पाँच जंतुओं और पाँच पौधों में पाए जाने वाले गुणसूत्रों की संख्या ज्ञात कीजिए। इन संख्या और जीव के आकार में संबंध स्थपित कीजिए और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

(a) क्‍या अपेक्षाकृत बड़े जीवों में गुणसूतरों कोशिकाओं की संख्या अधिक होती हे?

(b) क्‍या अधिक गुणसूत्रं वाले जीवों की अपेक्षा कम गुणसूत्रों वाले जीव अधिक आसानी से जनन करते हैं?

(c) गुणसूत्रं कोशिकाओं की संख्या जितनी अधिक होगी, DNA की मात्रा भी उतनी ही अधिक होगी। इस कथन के औचित्य को सिद्ध कौजिए।

उत्तर :- (A) नहीं, गुणसूत्रों व कोशिकाओं की संख्या का सबंध जीवों के आकार से नहीं है।

(B) नहीं, प्रजनन की प्रक्रिया गुणसूत्रों को संख्या पर निर्भर नहीं है।

(C) हाँ, क्योंकि गुणसूत्र का मुख्य अंश DNA होता है। जीव जनन कैसे करते हैं? गा

 

प्रश्न 37. तंबाकू के पौधे में, नर युग्मक के चौबीस गुणसूत्र होते हैं। मादा युग्मक में गुणसूत्रों की संख्या कितनी होगी ? युग्मनज में गुणसूत्रों की संख्या कितनी होगी?

उत्तर :-  तंबाकू के युग्मनाज में गुणसूत्रों की संख्या (24 + 24) = 48 होगी।

 

प्रश्न 38, जिन पुष्पों में परागण नहीं होता है तो ऐसे पुष्पों में निषेखन क्यों नहीं हो सकता?

उत्तर :-  परागण नहीं होने की स्थिति में नर युग्मक अण्डाशय में नहीं पैंहुच पाएगा, जिसके कारण पुष्ो में निषेचन नहीं हो पाएगा।

 

प्रश्न 39. क्या किसी जीव विशेष के युग्मनज में, भ्रूणीय कोशिकाओं में और वयस्क में गुणसूत्रों की संख्या एक समान होती है? इन तीनों अवस्थाओं में यह नियतता किस प्रकार बनी रहती है?

उत्तर :-   हाँ, जीव के युग्ममज, भ्रूणीय कोशिकाएँ एवं वयस्क में गुणसूत्रों की संख्या समान होती है। इन तीनों अवस्थाओं में समसूत्री विभाजन के कारण यह नियतता बनी रहती है।

 

प्रश्न 40. निषेचन के बाद पुष्प में युग्मनज कहाँ स्थित होता है?

‘उत्तर :- निषेचन के पश्चात युग्मनज अंडाणु में स्थित होता है।

 

प्रश्न 41. जनन का संबंध स्पीशीज की सम्टि के स्थायित्व से होता है। इस कथन का औचित्य बताइए।

उत्तर :-  उत्तर के लिए अभ्यास प्रश्नोत्तर संख्या 10 देखें।

 

प्रश्न 42. सामान्य वृद्धि और लैंगिक परिपक्वता में परस्पर क्या अंतर होता है?

उत्तर :-  सामान्य वृद्धि में मानव के विभिन्‍न अंगों के साथ-साथ भार, आकार व आकृति में ‘बृद्धि होती है, जबकि लैंगिक परिपक्‍वता मानव में विशिष्ट लक्षण को सूचित करता है। जैसे- नर में आवाज का भरीपन, मूँछे आना, कंधा चौड़ा होना आदि एवं मादा में बक्ष का विकाश, तैलीय त्वचा, विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण आदि।

 

प्रश्न 43. स्खलन के दौरान शुक्राणु का कया मार्ग होता है? नर जनन-तंत्र से संबंधित अंथियों एवं उनके कार्यों की चर्चा कीजिए।

उत्तर :-  स्खलित शुक्राणु वास डिफेंस से होते हुए युरेश्रा से गुजरता है जहाँ जनन तंत्र से जुड़ी दो ग्रंथियाँ सेमिनल वेसिकल व प्रोस्टटे ग्रंथ द्रव स्रावित करते हैं जो शुक्राणु को पोषण देने के साथ-साथ उसको स्थानांतरण व गति करने में सहायक होते हैं।

 

प्रश्न 44. यदि निषेचन न हो तो गर्भाशय में क्या-क्या परिवर्तन होते हैं ?

उत्तर :-  निषेचन नहीं होने की स्थिति में गर्भाशय की मोटी व स्पंजी दीवारें (भिन्ति) टूट- टकर रजोधर्म के समय योनि मार्ग से बाहर निकल जाती है।

 

प्रश्न 45. अल्पवयस्क भ्रूण के आरोपण के बाद गर्भाशय में क्या परिवर्तन होते हैं?

उत्तर :-  अल्पवयस्क भ्रूण के आरोपण के बाद गर्भाशय की दीवार  मोटी होने लगती है जिसे अत्यधिक रूचिर की आवश्यकता होती है एवं प्लेसेंट विकसित होता है भ्रूण को गर्भाशय से जोड़ता है। प्लेसेंटा द्वारा भ्रूण को पोषण व ऑक्सीजन प्राप्त होता है।

 

प्रश्न 46. मैथुन के दौरान यांत्रिक अवरोधों के प्रयुक्त किए जाने के क्या लाभ होते हैं ?

उत्तर :- यांत्रिक अवरोधों को प्रयुक्त कर संक्रमण व अनचाहे गर्भ से बचा जा सकता है।

 

प्रश्न 47. चित्र 8.3 में दिखाए गए निम्नलिखित संबंधित भागों को नामांकित कीजिए—

(A) अंडे का उत्पादन,

(B) निषेचन का स्थल

(C) आयेपण का स्थल

(D) शुक्राणु का प्रवेश



उत्तर :- 

 


प्रश्न 48. एक अंडे और उसके युग्मज के बीच गुणसूत्र संख्या का कया अनुपात होगा ? बताइए कि शुक्राणु आनुवंशिक दृष्टि से किस प्रकार अंडे से भिन्न होता है?

उत्तर :- एक अण्डा व उसके युग्मनज के गुणसूत्रों की संख्या का अनुपात 1: 2 होता है, क्योंकि शुक्राणु में रर प्रकार का गुणसूत्र एवं ४ प्रकार का (46) गुणसूत्र होता है, परन्तु अण्डे में सिर्फ उ६ प्रकार का (23) गुणसूत्र होता है।

 

दीर्घ॑उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 49. बताइए कि मुकुलन, खंडी भवन और पुनरूद्धभवन तीनों को जनन के अलैंगिक प्रकार क्यों माना जाता है ? स्वच्छ आरेखों की सहायता से प्लैनैरिया में होने बाली पुनरूद्धभवन प्रक्रिया की व्याख्या कीजिए।

उत्तर :-  उत्तर के लिए दीर्घउत्ततीय महत्वपूर्ण प्रश्न 7 एवं लघुउत्तरीय प्रश्न 9 देखें।

 

प्रश्न 50. जनन के अलैंगिक और लैंगिक प्रकारों के बीच दो अंतर बताइए। लैंगिक जनन से उत्पन्न संततियों के बीच विविधता क्यों पायी जाती है? व्याख्या कौजिए।

उत्तर :-  अंतर के लिए लघुउत्तरीय महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर 40 देखें। ‘लैंगिक जनन में अलग-अलग जीव से युग्मक मिलते हैं जिनमें DNA कॉपी भिन्न होती है। अत: उनके संततियों में विविधता पायी जाती है।

 

प्रश्न 51. परागण और निषेचन के बीच अंतर बताइए। एक पुष्प में निषेचन का स्थल और उसके उत्पाद बताइए। ‘स्रीकेसर का स्वच्छ एवं नामांकित आरेख बनाइए तथा उसमें परागनली की वृद्धि और बीजांड में उसके प्रवेश करते हुए दिखाइए।



प्रश्न 52. एक युग्मक और युग्मनज के बीच अंतर बताइए। लैंगिक जनन में उनकी भूपिका की व्याख्या कीजिए।

उत्तर :- युग्पक एवं युग्पनाज में अंतर- युग्मक– तर य मादा कोशिकाएँ जो जनन में भाग लेते हैं, युग्पक कहलाती है। ‘युग्ममज– युग्मक के संलयन से उत्पन्न डिप्लोइक कोशिका युग्मनज कहलाती हैं। लैंगिक जनन में नर युग्मक मादा युग्मक (अंडकोशिका) से संलयित होकर युग्मगज बनाता है जो नए जीव के रूप में विकसित होता है।

 

प्रश्न 53. पुष्प का आरेख बनाइए और उसके चार चककरों को नामांकित कीजिए। पुष्प के उन अंगों के नाम लिखिए जिनमें युग्मक बनते हैं।

उत्तर :- 



पुष्प में मादा युग्मक बनने के अंग- स्तरीकेसर, अंडाशय व बीजाण्ड ुष्प में जर बुग्मक बनने के अंग- परागकोश व पुंकेसर।

 

प्रश्न 54. अपरा कया होता है? गर्भावस्था में उसकी भूमिका की चर्चा कीजिए।

उत्तर :- अपय (पलेसंटा) एक नलीनुमा विशिष्ट उत्तक है, जो भ्रूण और गर्भाशय कौ दीवार को जोड़ता है। गर्भावस्‍था में पलेसेंय से ही भ्रूण को ऑक्सीजन व पोषण्राप् होता है एवं विभिन्न अपशिष्ट पदार्थों का भ्रूण से इसी नली के द्वार निरकासन होता है।

 

प्रश्न 55. गर्भधारण रोकने की विभिन्न विधियाँ कौन-सी हैं? किसी एक विधि की विस्तार से चर्चा कीजिए।

‘उत्तर :- उत्तर के लिए अभ्यास प्रश्नोतर संख्या 8 देखें।

 

प्रश्न 56. निषेचन कैसे होता है ? निषेचन सामान्यत: माह में केवल एक बार होता है। चर्चा कीजिए।

उत्तर :- मैथुन के समय शुक्राणु यौनिमार्ग से चलकर आंडबाहिका में उपस्थित अंडकोशिका से मिलता है। नर तथा मादा दुग्मकों के इस संलयन को निषेचन कहते हैं। निषेचन साहिना में सामान्यत: एक बार होता है क्योंकि प्रत्येक 28 वें दिन के बाद परिपक्व अंडाशय एक अण्डाणु छोड़ता है।

 

प्रश्न 57. जनन प्रधानतः वह परिघटना है जो किसी व्याष्टि के जीवित बने रहते के लिए नहीं होती बल्कि स्पीशीज के स्थायीत्व के लिए होती है। इस कथन का औचित्य बताइए।

उत्तर :-  उत्तर के लिए पादयपुस्तक प्रश्नोत्त पृष्ठ 142 के प्रश्न 2 देखें।

 

प्रश्न 58. यौन-संचारित रोगों का बर्णन कीजिए और बताइए कि उनसे कैसे बचा जा सकता है।

उत्तर :-   उत्तर के लिए लघुठत्तरीय महत्वपूर्ण प्रश्न 43 व 44 देखें।

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