Class 10 Non-Hindi (अहिन्दी ) पाठ -3 कर्मवीर
1. कर्मवीर चिलचिलाती धूप को क्या बना देते हैं ?
( क ) बादल
( ख ) छाया
( ग ) चाँदनी
( घ ) अंधकारमयी।
उत्तर ( ग )
2. कर्मवीर हँस – हँस के क्या चबा लेते हैं ?
( क ) गन्ना
( ख ) मकई
( ग ) लोहे का चना
( घ ) चावल
उत्तर- ( ग )
3. ‘ कर्मवीर ‘ शीर्षक कविता किस भाषा में लिखी गयी है ?
( क ) अवधि
( ख ) मैथिली
( ग ) भोजपुरी
( घ ) खड़ी हिन्दी।
उत्तर- ( घ )
4. कर्मवीर ‘ पुरुष क्या करते हैं ?
( क ) बेकार की बातों में समय बर्बाद करते हैं
( ख ) झूठी कल्पना का हवाई महल , बनाते हैं
( ग ) हीरा को कोयला बनाते हैं
( घ ) कर्मवीर पुरूषार्थी होते हैं
उत्तर- ( घ )
5. ‘ कर्मवीर ‘ की क्या पहचान है ?
( क ) जो कर्म के प्रति निष्ठा रखते हैं ।
( ख ) भाग्य के भरोसे बैठे रहते हैं ।
( ग ) आज का काम कल पर टालते हैं ।
( घ ) भाग्य को कोसते रहते हैं ।
उत्तर- ( क )
6. ‘ कर्मवीर ‘ कविता के आधार पर आप अपना आदर्श किसे मानते हैं ?
( क ) डॉ . राजेन्द्र प्रसाद
( ख ) जवाहर लाल नेहरू
( ग ) सुभाषचन्द्र बोस
( घ ) महात्मा गाँधी।
उत्तर- ( घ )
7. परिश्रम के द्वारा मनोवांछित लक्ष्य कौन प्राप्त करता है ?
( क ) कर्मवीर
( ख ) परिश्रम नहीं करने वाला
( ग ) ईश्वर पर भरोसा करने वाला
( घ ) दूसरों पर आश्रित रहने वाला
उत्तर- ( क )
8. व्यक्ति की कैसी निष्ठा उसके सफलता का निर्धारण करती है ?
( क ) कर्म के प्रति
( ख ) दयारहित
( ग ) अभावपूर्ण
( घ ) पश्चातापपूर्ण।
उत्तर- ( क )
9. अयोध्या सिंह उपाध्याय लिखित शीर्षक पाठ है
( क ) कर्मवीर
( ख ) ईदगाह
( ग ) तू जिन्दा है तो
( घ ) सभी
उत्तर- ( क )
10. सभ्यता एवं संस्कृति के रक्षक और निर्माणकर्ता हैं
( क ) साधू
( ख ) वीर
( ग ) कृषक
( घ ) कर्मवीर
उत्तर- ( घ )
11. ‘ साध्य की महत्ता तभी है , जब उसका साधन भी महान हो ‘ उक्ति है
( क ) विवेकानंद की
( ख ) महात्मा गाँधी की
( ग ) दयानंद सरस्वती की
( घ ) रवीन्द्रनाथ टैगोर की।
उत्तर ( ख )
12. सब जगह सब काल में कौन फले – फूले मिलते हैं ?
( क ) दानवीर
( ख ) बलवीर
( ग ) कर्मवीर
( घ ) वचनवीर
उत्तर- ( ग )
13. कर्म के प्रति निष्ठा ही व्यक्ति की निर्धारित करती है ।
( क ) असफलता
( ख ) अशिक्षा
( ग ) सफलता
( घ ) विफलता।
उत्तर- ( ग )
14. जंगलों में भी महामंगल कौन रचा देते हैं ?
( क ) शूरवीर
( ख ) दानवीर
( ग ) धर्मवीर
( घ ) कर्मवीर।
उत्तर- ( घ )
v.v.i Subjective Question ( 2marks )
1. आप अपने को कर्मवीर कैसे साबित कर सकते हैं ?
उत्तर – हम अपने को कर्मवीर अपने दृढ़ निश्चय से साबित कर सकते हैं । जैसे हम विद्यार्थी हैं । विद्याध्ययन मेरा कर्म है । यदि हम पूर्ण निष्ठा से अपनी पढ़ाई करते हैं तो निश्चय ही सफलता मेरा पाँव चूमेगी । ईश्वरचन्द्र विद्यासागर , अब्राहम लिंकन , महात्मा गाँधी आदि इसके ज्वलंत उदाहरण हैं , जिन्होंने अपने कर्म से संसार को एक नई दिशा दी ।
2. परिश्रम के द्वारा मनोवांछित लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकती है । कैसे ?
उत्तर – परिश्रम के द्वारा मनोवांछित लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकती है । इसके लिए किसी भी व्यक्ति को तन – मन से उस कार्य के प्रति समर्पित होना आवश्यक है । जब कोई व्यक्ति पूर्ण उत्साह के साथ लक्ष्य प्राप्ति के लिए परिश्रम करता है तो उसका आत्मविश्वास बढ़ता जाता है । यही आत्मविश्वास उसे कर्म मार्ग में आने वाली बाधाओं से लड़ने तथा कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करता है । बाबा भीमराव अंबेदकर इसके ज्वलंत प्रमाण हैं , जो अपनी कर्मनिष्ठा के बल पर महान पद पर आसीन हुए तथा ‘ बाबा ‘ के नाम से आज पूज्य हैं ।
3. “ कल करे सो आज कर , आज करे सो अब । पल में परलय होएगा , बहुरि करेगा कब ” से संबंधित अर्थ वाले पंक्तियों को लिखिए ।
उत्तर – आज करना है जिसे करते उसे हैं आज ही । सोचते – कहते हैं जो कुछ , कर दिखाते हैं वही ।। मानते जी की हैं , सुनते हैं सदा सबकी कही । जो मदद करते हैं अपनी इस जगत् में आप ही ।। भूलकर वे दूसरों का मुंह कभी ताकते नहीं । कौन ऐसा काम है वे कर जिसे सकते नहीं ।
v.v.i Subjective Question ( 5 marks )
1. अपने देश की उन्नति के लिए आप क्या – क्या कीजिएगा ?
उत्तर – अपने देश की उन्नति के लिए सबसे पहले मैं लोगों को परिश्रमी , कि ईमानदार , त्यागी , कष्टसहिष्णु तथा स्वावलंबी बनने के लिए प्रेरित करूंगा । प्रकार कोई भी व्यक्ति , समाज या देश उन्नति या विकास की ओर तभी अग्रसर होता का है जब वह स्वावलंबी तथा स्वाभिमानी होता है । स्वावलंबी या स्वाभिमानी के व्यक्ति अपने आन – मान – सम्मान के लिए अपने प्राण की बाजी तक लगा देता है । वह मरना पसंद करता है किन्तु परमुखापेक्षी होना पसंद नहीं करता । अत : इस हर व्यक्ति को आत्मनिर्भर , परिश्रमी तथा स्वाभिमानी बनने के लिए प्रेरित परिवेश से करूंगा , ताकि वे अपने कर्म से देश को सुसम्पन्न बना सके ।
2. कर्मवीर की पहचान क्या है ?
अथवा ,
कर्मवीर किसे कहा जा सकता है ?
उत्तर – कर्मवीर विषम परिस्थिति में भी सहज बने रहते हैं । वे भाग्यवादी और बोध नहीं , कर्मवादी होते हैं । वे हर काम तत्क्षण करने का प्रयास करते हैं , किसी कल पर छोड़ना उनकी आदत नहीं होती । वे अपनी दृढ़ता से विपरीत वातावरण को अनुकूल बना लेते हैं । उनका सिद्धान्त ‘ करो या मरो ‘ है इस होता है । जब कोई काम आरंभ करते हैं तो पूरा करने के बाद ही दम लेते आधार हैं । ऐसे व्यक्ति युग पुरुष होते हैं जो समय की धारा को अपने अनुकूल मोड़ कहानी का लेते हैं । कर्मवीर परमुखापेक्षी एवं पराश्रयी नहीं होते । वे सदा अपने पराक्रम सार्थक , पर भरोसा करते हैं । उनका समय ऐसे कार्य में व्यतीत होता है , जिससे सबका कल्याण होता है । अतः कह सकते हैं कि कर्मवीर निर्भीक , देशप्रेमी , स्वावलंबी , नयी छवि आत्मविश्वासी , परोपकारी , सहज , सरल तथा स्वाभिमानी होते हैं ।