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Class 10 Non-Hindi (अहिन्दी ) पाठ - 17 खुशबू रचते हैं हाथ

Class 10 Non-Hindi (अहिन्दी ) पाठ – 17 खुशबू रचते हैं हाथ

                     Class 10 Non-Hindi (अहिन्दी ) पाठ – 17 खुशबू रचते हैं हाथ

 

1. ‘ खुशबू रचते हैं हाथ ‘ शीर्षक पाठ है

( क ) कविता

( ख ) कहानी

( ग ) उपन्यास

( घ ) श्लोक

उत्तर- ( क )

 

2. ‘ खुशबू रचते हैं हाथ ‘ किसकी रचना या कवि कौन है ?

( क ) बिहारी

( ख ) अरूण कमल

( ग ) गोपाल सिंह नेपाली

( घ ) कबीर

उत्तर- ( ख )

 

3. ‘ खूशबू रचते हैं हाथ ‘ शीर्षक कविता में किस लघु उद्योग का वर्णन है ?

( क ) पटाखा

( ख ) फुलझड़ी

( ग ) पापड़

( घ ) अगरबत्ती

उत्तर- ( घ )

 

4. खुशबू रचने वाले हाथ किस परिस्थितियों में रहने को विवश है ?

( क ) सुलभ

( ख ) दुर्गम

( ग ) दयनीय

( घ ) अच्छी।

उत्तर- ( ग )

 

5. ” खुशबू रचते हैं हाथ ‘ शीर्षक पाठ का मुख्य उद्देश्य क्या है ?

( क ) श्रम की महत्ता को प्रतिपादित करना

( ख ) श्रम न करना

( ग ) आलसी बनना

( घ ) सभी गलत हैं

उत्तर- ( क )

 

6. ‘ खुशबू रचते हैं हाथ ‘ शीर्षक पाठ में कैसे हाथों का वर्णन हुआ है ?

( क ) सुन्दर हाथ

( ख ) कोमल और मुलायम हाथ

( ग ) मेंहदी रचे हाथ

( घ ) श्रम से कठोर हाथ

उत्तर- ( घ )

 

7. ‘ खूशबू रचते हैं हाथ ‘ क्या बनाते हैं ?

( क ) कपड़े

( ख ) गद्दे

( ग ) कालीन

( घ ) खुशबुदार अगरबत्तियाँ

उत्तर- ( घ)

 

8. अगरबत्ती बनाने वाले लोगों पर लिखी गयी कविता है-

( क ) पीपल

( ख ) तू जिन्दा है तो

( ग ) बच्चे की दुआ

( घ ) खुशबू रचते हैं हाथ

उत्तर- ( घ )

 

9. खुशबूदार अगरबत्तियाँ कौन बनाते हैं ?

( क ) अमीर लोग

( ख ) सेठ लोग

( ग ) पढ़े – लिखे लोग

( घ ) समाज के वनचित , गरीब और निःसहाय लोग

उत्तर- ( घ )

 

10. केवड़ा , गुलाब , खस , रातरानी आदि नाम होते हैं |

( क ) मिठाइयों के

( ख ) फलों के

( ग ) सब्जियों के

( घ ) अगरबत्तियों के

उत्तर- ( घ )

 

11. ‘ उभरी नसों वाली हाथ ‘ से तात्पर्य है

( क ) दीनता की चक्की में पिसने वाले दुर्बल हाथ

( ख ) बीमार हाथ

( ग ) अमीर हाथ

( घ ) सभी गलत हैं

उत्तर- ( क )

 

12. सफलता की जननी कौन है ?

( क ) साहस

( ख ) सोच

( ग ) श्रम

( घ ) निराशा

उत्तर- ( ग )

 

13. हर काम की सफलता का राज क्या है ?

( क ) श्रम

( ख ) पूँजी

( ग ) आलस्य

( घ ) झूठ

उत्तर- ( क )

 

 

 

                                        Subjective Question ( 2marks )

 

1. ‘ खुशबू रचते हैं हाथ ‘ से क्या तात्पर्य है ?

उत्तर – ‘ खुशबू रचते हैं हाथ ‘ कहने का कवि का तात्पर्य है कि जिन हाथों की मदद से लोग सुखमय जीवन का आनंद लेते हैं अथवा जिनके श्रम के परिणामस्वरूप स्वर्गिक सुख का भोग करते हैं , वह हर काम श्रमिक के सहयोग से ही सम्पन्न होता है । बिना श्रम किसी काम के पूर्णता की कल्पना तक नहीं की जा सकती है । श्रम पर ही सारी सफलता निर्भर करती है एक – से – एक अद्भुत वस्तु इन्हीं हाथों के श्रम की देन हैं । अत : व्यक्ति का भाग्य या सुख इन्हीं हाथों के श्रम पर आश्रित है । इसीलिए कवि को कहना पड़ा ‘ खुशबू रचते हैं हाथ ‘ जो कटु सत्य है ।

 

2. ‘ उभरी नसों वाले हाथ ‘ का क्या अर्थ है ?

उत्तर – ‘ उभरी नसों वाले हाथ ‘ से तात्पर्य है कि दीनता की चक्की में पिसने के कारण जिनका शरीर दुर्बल हो गया है । उभरी हुई नसें इस बात को सिद्ध करती हैं कि उसने सुख – सुविधा के साधन जुटाने में कठिन परिश्रम किया है ।

 

3. खुशबू रचने वाले हाथ कैसी परिस्थितियों में रह रहे हैं ?

उत्तर – खुशबू रचने वाले हाथ अति दयनीय परिस्थितियों में रह रहे हैं । इनके निवास के चारों ओर कूड़े – कर्कट के ढेर जमा हैं । शहर के गंदे जल निकलने वाला नाला इन्हीं के घर के पास में बहता है । फलत : वंचित लोगों के मुहल्ले का वातावरण अति दूषित है । कूड़े – कचड़े से निकलने वाली दुर्गंध से मुहल्ले के निवासियों का जीना दुभर है । कवि खेद प्रकट करते हुए कहता कि जिन हाथों से दूसरों को स्वच्छ वातावरण में रहने का अवसर मिलता है , वे हाथ स्वयं गंदे वातावरण में जीवन बिताने को मजबूर हैं । यह कितनी बड़ी विडंबना है ।

 

4. पीपल के पत्ते – से नए – नए हाव ‘ का क्या अर्थ है ?

उत्तर – ‘ पीपल के पत्ते – से नए – नए हाथ से कवि का तात्पर्य उनकोमल हाथों से है जो सृष्टि – श्रृंगार के उद्देश्य से श्रम करते हैं । उनका विश्वास है किम बल पर ही मुखमय जीवन का आनंद लिया जा सकता है क्योंकि बिन श्रम के किसी आवश्यकता की पूर्ति हो ही नहीं सकती । हौसले की उड़ान

                                       Subjective Question ( 5marks )

 

1. अमीरी एवं गरीबी की खाई को कैसे पाटा जा सकता है ? अपना सुझाव दीजिए ।

उत्तर – अमीरी एवं गरीबी की खाई पाटने के लिए सर्वप्रथम व्यक्ति को सहृदय होना होगा । धन की सीमा निश्चित करनी होगी । मजदूरों को उसके श्रम के अनुरूप पारिश्रमिक दिया जाए । गरीबों को उत्थान के लिए भोजन , वस्त्र , आवास , शिक्षा आदि की नि : शुल्क सुविधा दी जाय । गरीब बच्चों के लिए अलग से स्कूल तथा छात्रावास की व्यवस्था हो । अमीरों की सुख – सुविधा की वस्तु पर टैक्स लगाए जाएँ । रोजगार के लिए ऋण दिया जाए । आर्थिक सहायता देकर सूदखोर , महाजनों के चंगुल से छुटकारा दिलाया जाए । इन सब कृत्यों से अमीरी – गरीबी की खाई पाटी जा सकती है ।

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