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Class 10 Non-Hindi (अहिन्दी ) पाठ - 16 खेमा

Class 10 Non-Hindi (अहिन्दी ) पाठ – 16 खेमा

 

                               Class 10 Non-Hindi (अहिन्दी ) पाठ – 16 खेमा

 

1. खेमा ‘ कहानी में किसका वर्णन है ?

( क ) बाल मजदूरी का

( ख ) छोटे से बच्चे का

( ग ) युवा पीढ़ी का

( घ ) राजनेताओं का।

उत्तर- ( क )

 

2. खेमा ‘ द्वारा चप्पल मांगने पर कसारा ने क्या कहा ?

( क ) अभी पैसे नहीं है

( ख ) कल ला दूंगा

( ग ) मेरी वाली ले लो

( घ ) अभी रख दूंगा चप्पलें सिर पर

उत्तर-( घ )

 

3. ‘ शीर्षक पाठ गद्य की कौन – सी विधा है ?

( क ) कहानी

( ख ) रिपोर्ट

( ग ) संस्मरण

( घ ) निबंध

उत्तर- ( क )

 

4. खेमा शीर्षक पाठ गद्य की कौन सी विधा है

( क ) खेमा

( ख ) हिना

( ग ) रामू

( घ ) राहुल

उत्तर – ( क )

 

5. खेमा ‘ शीर्षक कहानी किस प्रथा पर करारा प्रहार करती है ? अथवा , ‘ खेमा ‘ कहानी में समाज की किस बुराई का चित्रण किया गया है?

( क ) मजदूर पर

( ख ) मजबुरी पर

( ग )निराला

( घ ) सभी गलत हैं

उत्तर- ( ग )

 

6. खेमा कहाँ काम करता था ? |

( क ) खेत में

( ख ) रसोई घर में

( ग ) सरदार

( घ ) शौकवश

उत्तर- (घ )

 

7. खेमा के मालिक का क्या नाम था ?

( क ) ठाकुर

( ख ) कसारा

( ग ) सरदार

( घ ) गोविन्द

उत्तर-( ख )

 

8. खेमा कितने वर्ष का दिखता था ?

( क ) सात – आठ वर्ष का

( ख ) नौ – दस वर्ष का

( ग ) आठ – नौ वर्ष का

( घ ) दस – ग्यारह वर्ष का

उत्तर- ( ग )

 

9. खेमा के पिता ने उसे किस कारण बेच दिया था ?

( क ) गरीबी के कारण

( ख ) अमीरी के कारण

( ग ) बीमारी के कारण

( घ )शोकवश

उत्तर -( क )

 

10. खेमा के पिता की आर्थिक स्थिति कैसी थी ?

( क ) अच्छी

( ख ) मध्यम

( ग ) अत्यंत दयनीय

( घ ) अज्ञात।

उत्तर-( ग )

 

11. ‘ मुक्ताकाशी ‘ होटल का मालिक है

( क ) कसारा

( ख ) फकीरा

( ग ) दिलबहादुर

( घ ) रामलाल।

उत्तर -( क )

 

12. कसारा ने खेमा को किस लिए फटकारा ?

( क ) चप्पल मांगने पर

( ख ) चाय गिराने पर

( ग ) चाय न देने पर

( घ ) चीनी कम डालने पर

उत्तर – ( क )

 

13. जिसका कोई देखभाल करने वाला नहीं होता है , उसे कहते हैं

( क )लावारिस

( ख ) उत्तराधिकारी

( ग ) संतान

( घ ) सेवक

उत्तर – ( क )

 

14. ” ठीक है , पर कसारा को उसके रुपये लौटाने पड़ेंगे । ” किसने कहा ?

( क ) खेमा के पिता ने

( ख ) लेखक ने

( ग ) राहगीर ने

( घ ) सेवक।

उत्तर- ( ख )

 

 

 

                                   Subjective Question ( 2marks )

 

1. कसारा से चप्पल मांगने पर खेमा को फटकार लगी , उसके बावजूद वह काम करने लगा ? आप रहते तो क्या करते ?

उत्तर – कसारा की फटकार , मार तथा शोषण के बावजूद खेमा इसलिए काम करने लगा , क्योंकि उसके माँ – बाप ने खेमा को उनके हाथों बेच दिया था । अपनी लाचारी के कारण ही वह कसारा का काम करने लगा । यदि मैं रहता तो मैं भी वही करता , जैसा खेमा ने किया । जब कोई व्यक्ति लाचार होता है तो उसे अपनी लाचारी का दंड भोगना पड़ता है । यह संसार का नियम है । यही कारण है कि खेमा कोल्हू का बैल बने रहने के बावजूद गाली सुनता है लेकिन प्रतिकार नहीं करता ।

 

2. कसारा का होटल छोड़ने के बाद खेमा के जीवन में किस प्रकार का परिवर्तन आया होगा ? अपने विचार लिखिए ।

उत्तर – कसारा का होटल छोड़ने के बाद खेमा के जीवन में उसी प्रकार का परिवर्तन आया होगा , जैसा परिवर्तन पक्षी को पिंजरे से मुक्त होने पर होता है । उसका जीवन समयबद्ध हो गया होगा । वह निर्भीक एवं मुक्त वातावरण में रहता होगा । उसे किसी की गाली नहीं सुननी पड़ती होगी । वह समय से सब काम करता होगा । अपने साथियों के साथ खेलता होगा और अपनी बाल्यावस्था के आनंद का मजा लेता होगा । खेमा के जीवन में आमूल – चूल परिवर्तन आ गया होगा ।

 

3. अपने पैरों पर पानी गिराने से खेमा को तसल्ली क्यों मिलती थी ?

उत्तर- अप्रैल का महीना था । धूप तेज हो गई थी । उसे नंगे पैर इधर – उधर चाय पहुँचाने तथा गिलास लाने के लिए जाना पड़ता था । गर्म सड़क पर चलने के कारण उसके पैर जलते थे । अत : जलन से शांति पाने के लिए वह पैरों पर पानी गिरा देता था ।

 

4. खेमा कसारा के होटल पर काम क्यों करता था ?

उत्तर – खेमा कसारा के होटल पर काम करता था । उसके पिता ने अपनी गरीबी के कारण अपने बेटे खेमा को बेच दिया था । खेमा अपने भाइयों में सबसे छोटा था , जो आठ – नौ वर्ष की आयु में रोजगार की पायदान पर चढ़ गया । तात्पर्य यह कि गरीबी के कारण खेमा कसारा के होटल में काम करता था ।

 

5. किन परिस्थितियों में खेमा के पिता ने उसे बेच दिया था ?

उत्तर – खेमा के पिता की आर्थिक स्थिति अति दयनीय थी । वह अपने बच्चों का भरण – पोषण करने में असमर्थ था । वह किसी तरह जीवन गुजार रहा था । गरीबी के कारण वह शक्तिहीन हो गया था । आमदनी के अन्य स्रोत न होने के कारण खेमा के पिता ने उसे इसलिए बेच दिया ताकि उन पैसों से अपना भरण – पोषण कर सके और बच्चों के दायित्व से मुक्त हो सके ।

 

6. खेमा द्वारा चप्पल की मांग करने पर कसारा ने क्या जवाब दिया ?

उत्तर – खेमा द्वारा चप्पल की माँग करने पर कसारा ने जवाब दिया कि अपना काम करो , नहीं तो चप्पलें सिर पर लगेंगी । खाने को दाने नहीं थे , इसलिए तुम्हारे पिता ने तुम्हें मेरे हाथों बेच दिया और अब तुम्हारे पैर पकते हैं , इसलिए चप्पल चाहिए । अर्थात् तुम्हें चप्पलें नहीं मिलेंगी ।

 

 

 

                                     Subjective Question ( 5marks )

 

1. जब लेखक ने खेमा के पिता से कहा कि वे खेमा को अपने साथ ले जाकर पढ़ाना चाहते हैं तब उसकी आंखें क्यों भर आई ? अपना विचार दीजिए ।

उत्तर – जब लेखक ने खेमा के पिता से कहा कि वह खेमा को अपने साथ ले जाकर उसे पढ़ाना चाहते हैं तब उसकी आँखें इसलिए भर आई क्योंकि उसके मन में अपने बच्चे के प्रति अनुराग उमड़ आया था । उसने अपने बच्चे को बेच दिया था । लेखक की बात सुनकर खेमा के पिता को अपनी लाचारी सताने लगी होगी कि बिना रुपये चुकाए खेमा लेखक के साथ कैसे जायेगा । इसी अभाव एवं पुत्र के भविष्य – निर्माण की बातों से उसकी आँखें भर आई ।

 

2. ‘ खेमा ‘ कहानी पढ़कर आपके दिमाग में कौन – से प्रश्न उठ रहे हैं ?

उत्तर — ‘ खेमा ‘ कहानी पढ़कर मेरे दिमाग में यही प्रश्न उठते हैं कि जिस देश के भविष्य को दूध के दाँत गिरने से पहले भरण – पोषण के लिए काल्हू का बैल बनना पड़ता है तथा शोषण , अपमान आदि सहने के लिए विवश होना पड़ता है , उस देश का विकास कैसे होगा ? ऐशो – आराम की जिन्दगी बिताने वालों की शोषक प्रवृत्ति के कारण बाल – मजदूरी को बढ़ावा मिल रहा है । मेरे दिमाग में यह प्रश्न भी उठता है कि सरकार की कमजोरी के कारण ही देश के लाखों बच्चों को खेमा जैसी जिन्दगी बिताने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है ।

 

3. बाल मजदूरी समाप्त करने के लिए सुझाव दीजिए ।

उत्तर- बाल मजदूरी देश के लिए एक गंभीर समस्या है । किसी देश का भविष्य उस देश के बच्चे ही होते हैं । बच्चों के भविष्य पर ही देश का भविष्य बनता – बिगड़ता है । यदि बच्चों को उपयुक्त माहौल मिलता है तो देश का विकास होता है । अनुकूल वातावरण का अभाव होता है तो देश पिछड़ जाता है । इसलिए मेरा सुझाव है कि सर्वप्रथम बाल – मजदूरी उन्मूलन कानून सख्ती से लागू हो । गरीबों को सहायता देकर उनकी आर्थिक दशा सुधारी जाए उन्हें भरण – पोषण में कठिनाई न हो । शिक्षा के प्रचार – प्रसार के लिए हर गाँव कस्बों में विद्यालय खोले जाएँ । गरीब बच्चों को शिक्षा प्राप्ति के प्रति रुचि बढ़ाने का प्रयास किया जाए ।

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