You are currently viewing Class 10 Non-Hindi (अहिन्दी ) पाठ -8 बच्चे की दुआ
Class 10 Non-Hindi (अहिन्दी ) पाठ -8 बच्चे की दुआ

Class 10 Non-Hindi (अहिन्दी ) पाठ -8 बच्चे की दुआ

                      Class 10 Non-Hindi (अहिन्दी ) पाठ -8 बच्चे की दुआ

 

1. ‘ बच्चे की दुआ ‘ कविता में बच्चे अल्लाह से किससे बचाने की दुआ करते है ?

( क ) अच्छाई

( ख ) बुराई

( ग ) संघर्ष

( घ ) दुःख।

उत्तर-( ख )

 

2. ‘ बच्चे की दुआ ‘ शीर्षक कविता के लेखक या रचनाकार हैं

( क ) ईश्वरचंद

( ख ) महादेवी

( ग ) पंत

( घ ) मो . इकबाल।

उत्तर- ( घ )

 

3. ‘ बच्चे की दुआ ‘ शीर्षक कविता क्या है ?

( क ) प्रार्थना

( ख ) गीत

( ग ) प्रार्थना गीत

( घ ) सभी गलत हैं।

उत्तर ( ग )

 

4. ‘ बच्चे की दुआ ‘ एक

( क ) निबंध है

( ख ) महाकाव्य है

( ग ) छंदमुक्त कविता है

( घ ) प्रार्थना गीत है।

उत्तर- ( घ )

 

5. ‘ बच्चे की दुआ ‘ शीर्षक कविता में दुआ कौन कर रहा है ?

( क ) कवि

( ख ) बच्चे

( ग ) देशवासी

( घ ) देश के युवा।

उत्तर ( ख )

 

6. ‘ बच्चे की दुआ ‘ शीर्षक कविता में किसे बेहतर बनाने की कामना मुखर हुई है

( क ) संसार

( ख ) घर

( ग ) जंगल

( घ ) विश्व।

उत्तर- ( क )

 

7. बच्चे ईश्वर से क्या मांग रहे हैं ?

( क ) उनसे उनके वतन की शान बढ़े

( ख ) उनसे कोई अपराध न हो

( ग ) नेक राह पर चलें और बुराई से बचें

( घ ) इनमें से कोई नहीं।

उत्तर- ( क )

 

8. दर्द मंद और वंचितों की हिफाजत का संकल्प किस कविता में है ?

( क ) बच्चे की दुआ

( ख ) तू है तो

( ग ) कर्मवीर

( घ ) सभी सही हैं।

उत्तर- ( क )

 

9. कविता को उर्दू भाषा में क्या कहते हैं ?

( क ) बज्म

( ख ) गजल

( ग ) नज़्म

( घ ) गीत।

उत्तर- ( ग )

 

10. कवि स्वर्ग को कहाँ उतारने को कहता है ?

( क ) पाताल में

( ख ) घर में

( ग ) दरवाजे पर

( घ ) जमीन पर।

उत्तर- ( घ )

 

11. कवि शंकर शैलेन्द्र जमीन पर क्या उतार लाने को कहते हैं ?

( क ) स्वर्ग

( ख ) अमरत्व

( ग ) झरना

( घ ) नहर।

उत्तर- ( क )

 

12. मो ० इकबाल अपने दम पर किसका अंधेरा दूर करना चाहते हैं ?

( क ) घर का

( ख ) मुहल्ले का

( ग ) देश का

( घ ) दुनिया का।

उत्तर- ( ग )

 

13. ‘ जइफ ‘ का अर्थ होता है

( क ) जवान

( ख ) जुल्फों वाले

( ग ) विर्धी

( घ ) बालक

उत्तर- ( क )

 

14. ‘ चमन ‘ का अर्थ है |

( क ) आकाश

( ख ) नदी

( ग ) मरुस्थल

( घ ) फूलवारी।

उत्तर- ( घ )

                                

 

                                

                                      v.v.i Subjective Question ( 2marks )

 

1. अल्लाह और ईश्वर में कोई फर्क नहीं है । इस बात से आप कहाँ तक सहमत हैं ? स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर – अल्लाह और ईश्वर दोनों एक ही हैं । दोनों ईश्वर का ही नाम है । अल्लाह का अर्थ होता है जो किसी के प्रेमपूर्ण पुकार या आन्तरिक ( आर्तनाद ) पुकार पर प्रकट होते हैं किन्तु खुदा जो स्वयं प्रकट होकर द्रुष्टों हार करते हैं तथा धर्म की स्थापना करते हैं । अर्थात् जब दुष्टों के आतंक या पाप से धरती त्राहि – त्राहि करने लगती है तब ईश्वर मानव रूप में प्रकट होकर संसार में शांति की स्थापना करते हैं और मानव कल्याण का संदेश देते हैं । अत : दोनों एक ही हैं । मैं इस बात से पूर्ण सहमत हूँ ।

 

2. आपको यदि अल्लाह या ईश्वर से कुछ मांगने की जरूरत तो आप क्या – क्या माँगेंगे ?

उत्तर – यदि मुझे अल्लाह या ईश्वर से कुछ माँगने की जरूरत होगी तो मैं ईश्वर से एक सच्चा मानव बनने की अभिलाषा प्रकट करूँगा । सच्चा मानव ईमानदार , सत्यवादी , कर्मठ , आचारवान , स्नेही , त्यागी , परोपकारी , देशप्रेमी , स्वाभिमानी तथा दूसरों के दुःख – सुख में हाथ बँटाने वाला होता है । जिनमें ये गुण नहीं होते , वे स्वार्थी , ईर्ष्यालु , कुमार्गी , अभिमानी , छिद्रान्वेषी , झूठा आदि गुणों से युक्त होते हैं । ऐसे व्यक्तियों को लोग घृणा की दृष्टि से देखते हैं तथा इनसे सदा दूर रहने में ही अपनी भलाई समझते हैं । जो लोग इन दुर्गुणों से अछूते हैं , उन्हें हर कोई सम्मान की दृष्टि से देखता है तथा आदर्श पथ – प्रदर्शक मानता है । इसीलिए मैं एक सच्चा मानव बनाने की प्रार्थना ईश्वर से करूँगा ताकि जीवन धारण का उद्देश्य सफल हो सके ।

                                         v.v.i Subjective Question ( 5marks )

 

1. आपके घर में या पड़ोस में बुजुर्ग होंगे , आप उनकी देखभाल कैसे करना चाहेंगे ? उल्लेख कीजिए ।

उत्तर – मैं अपने घर में या पड़ोस के बुजुर्ग की देखभाल पारिवारिक सदस्य के समान करूँगा । उनकी हर जरूरत का ध्यान रखूगा । उनसे प्रेमपूर्वक बात करूँगा । उनकी हर समस्या को अपनी समस्या मानकर यथोचित हल करने का प्रयास करूंगा । कोई ऐसा अवसर न आए जिससे उन्हें आत्मकष्ट महसुस हो , इसका पूर्ण ख्याल रखूगा । उनकी सेवा अपना परिवार मानकर करूँगा क्योंकि अंत में हर किसी को इस अवस्था से गुजरना पड़ता है । इसलिए उनकी सेवा करना मेरा पुनीत कर्तव्य है । फलतः इस कर्तव्य भावना से दूसरे भी प्रेरित होंगे , जिससे आनेवाली पीढ़ियाँ भी बुजुर्गों की सेवा करना सीखेंगी ।

Leave a Reply