प्रश्न:1 न्यूलैंड्स के अष्टक नियम को लिखें।
उत्तर:- 1866 ई० में अंग्रेज वैज्ञानिक जॉन न्यूलैंड्स ने सात तत्त्वों को परमाणु द्रव्यमान के आरोही क्रम में व्यवस्थित किया। उन्होंने सबसे कम परमाणु द्रव्यमान वाले तत्त्व हाइड्रोजन से आरंभ किया तथा 56वें तत्त्व थोरियम पर इसे समाप्त किया। उन्होंने पाया कि प्रत्येक आठवें तत्त्व का गुणधर्म पहले तत्त्व के गुणधर्म के समान है। उन्होंने इसकी तुलना संगीत के अष्टक से की और इसलिए इन्होंने अष्टक का सिद्धांत कहा। इसे “न्यूलैंड्स का अष्टक सिद्धांत” कहा जाता है।
प्रश्न:2 तत्त्वों के वर्गीकरण में डॉबेराइनर के क्या आधार थे?
उत्तर:- डॉबेराइनर ने समान गुणधर्मों वाले तत्त्वों को समूहों में व्यवस्थित करने का प्रयास किया। उन्होंने तीन-तीन तत्त्व वाले कुछ समूहों को चुना एवं उन समूहों को त्रिक कहा। डॉबेराइनर ने बताया कि त्रिक के तीनों तत्त्वों का उनके परमाणु द्रव्यमान, के आरोही क्रम में रखने पर बीच वाले तत्त्व का परमाणु द्रवयमान अन्य दो तत्त्वों के परमाणु द्रव्यमान का लगभग औसत होता है।
प्रश्न:3 डॉबेराइनर के तत्त्वों के वर्गीकरण की क्या सीमाएँ थीं?
उत्तर:-
(i) उस समय तक ज्ञात सभी तत्त्वों का वर्गीकरण त्रिक के आधार पर नहीं हो सका।
(ii) यह त्रिक नियम कुछ ही तत्त्वों तक सीमित रहा।
(iii) उस समय तक ज्ञात तत्त्वों में केवल तीन त्रिक ही ज्ञात हो सके।
प्रश्न:4 त्रियक नियम के अनुसार तत्त्वों को बढ़ते हुए परमाणु भार के क्रम में इन (Li, Na, K) तीन तत्त्वों को किस क्रम में सजाया गया?
उत्तर:- इन तीनों तत्त्वों के परमाणु द्रव्यमान को इस क्रम में सजाया गया कि बीच वाले तत्त्व का परमाणु द्रव्यमान शेष दोनों तत्त्वों के परमाणु द्रव्यमान का औसत मान के बराबर हो।
प्रश्न:5 मेंडलीव के आवर्त सारणी की विसंगतियों को लिखें।
उत्तर:- मेंडलीव के आवर्त सारणी की विसंगतियाँ निम्न हैं-
(i) निश्चित रूप से आवर्त सारणी में हाइड्रोजन का नियत स्थान नहीं दिया जा सका है। यह मेंडलीव के आवर्त सारणी की पहली कमी थी। उन्होंने अपनी सारणी में हाइड्रोजन को उचित स्थान नहीं दे सके।
(ii) मेंडलीव आवर्त सारणी में समस्थानिकों और नोबल गैसों के लिए कोई स्थान नहीं दिया गया।
(iii) मेंडलीव आवर्त सारणी में एक तत्त्व से दूसरी तत्त्व की ओर बढ़ने पर परमाणु द्रव्यमान नियमित रूप से नहीं बढ़ते। इसलिए यह अनुमान लगाना होगा कि दो तत्त्वों के बीच कितने तत्त्व खोजे जा सकते हैं। जब भारी तत्त्वों पर विचार करते हैं तो कठिनाई उत्पन्न हो जाती है।
प्रश्न:6 मेंडलीफ ने तत्त्वों का वर्गीकरण किस आधार पर किया?
उत्तर:- मेंडलीफ ने अपनी सारणी में तत्त्वों को उनके मूल गुणधर्म, परमाणु द्रव्यमान तथा रासायनिक गुणधर्मों में समानता के आधार पर व्यवस्थित किया।
प्रश्न:7 मेंडलीफ आवर्त सारणी में कभी-कभी अधिक द्रव्यमान वाले तत्त्व को कम द्रव्यमान वाले तत्त्व के पहले क्यों रखना पड़ा?
उत्तर:- क्रम इसलिए उलटना पड़ा ताकि समान गुणधर्म वाले तत्त्वों को एक साथ रखा जा सके।
जैसे— कोबाल्ट (58.9) को सारणी में निकेल (58.7) के पहले रखा गया है। इसी प्रकार Te तत्त्व (127.60) को आयोडिन (I) परमाणु द्रव्यमान 126.90 के पहले रखा गया है।
प्रश्न:8 आवर्त में बायीं से दायीं ओर जाने पर इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की प्रवृत्ति कैसे परिवर्तित होगी?
उत्तर:-आवर्त में बायीं से दायीं ओर बढ़ने पर बाहरी कोश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या क्रमानुसार बढ़ती जाती है। अतः अष्टक की प्राप्ति में एकांतर रूप से कम इलेक्ट्रॉनों की आवश्यकता होगी। अतः इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की प्रवृत्ति बढ़ती है।
प्रश्न:9 तत्त्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास का आधुनिक आवर्त सारणी में तत्त्व की स्थिति से क्या संबंध है?
उत्तर:-आधुनिक आवर्त सारणी तत्त्वों के परमाणु संख्या के आरोही क्रम में सजाया गया है। अगर एक तत्त्व Mg ( परमाणु संख्या 12 ) है तो आवर्त सारणी में ऐलुमिनियम परमाणु संख्या 13 को एक ही आवर्त में रखा गया है। जबकि Mg समूह 12 में और ऐलुमिनियम समूह 13 में। Mg का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (2,8,2) है और Al का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (2,8,3) है। आवर्त में लगातार बायीं से दायीं ओर जाने पर संयोजकता इलेक्ट्रॉन में क्रमानुसार 1 इलेक्ट्रॉन की वृद्धि होती है। इसी प्रकार एक समूह (2) में Mg (12) और कैल्सियम परमाणु संख्या (20) लिया जाए तो इनका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (2,8,2) और (2,8,8,2) प्राप्त होता है। इन्हें एक समूह में रखा गया है, लेकिन Mg में तीन कोश और Cu में चार कोश प्राप्त है। दोनों तत्त्वों की संयोजकता समान (2) है। लेकिन Mg का परमाणु साइज Ca के परमाणु साइज से छोटा है। अतः इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के आधार पर उनके परमाणु संख्या को ध्यान में रखकर तत्त्वों को आवर्त सारणी में स्थान दिया गया है। अतः तत्त्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास का आधुनिक आवर्त सारणी तत्त्वों की स्थिति से संबद्ध है। किसी भी तत्त्व को आवर्त सारणी में देखकर उसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
प्रश्न:10 आवर्त सारणी में आवर्त तीन में कौन तत्त्व हैं और उनकी संख्या क्या है?
उत्तर:- आवर्त तीन में उपस्थित तत्त्व निम्नांकित हैं-
Na, Mg, Al, Si, P, S, CI, Ar
कुल तत्त्वों की संख्या = 8
प्रश्न:11 आवर्त में इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रवृत्ति कैसे बदलेगी?
उत्तर:- आवर्त में जैसे-जैसे संयोजकता कोश के इलेक्ट्रॉनों पर किया जाने वाला प्रभावी नाभिकीय आवेश बढ़ता है, इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रवृत्ति घट जाती है।
प्रश्न:12 दूसरे आवर्त के तत्त्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखें।
उत्तर:- दूसरे आवर्त के तत्त्व Li, Be, B, N, O, F तथा Ne हैं। संयोजकता इलेक्ट्रॉनों और कोशों की संख्या भी लिखें।
इन तत्त्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास
3 4 5 7 8 9 10
Li Be. B N O F Ne
(2,1) (2,2) (2,3) (2,5) (2,6) (2,7) (2,8)
इनके संयोजकता इलेक्ट्रॉन क्रमशः 1, 2, 3, 4, 5, 7 और 8 हैं और कोशों की संख्या दो है।
प्रश्न:13 निम्न तत्त्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखें।
(i) Ca (ii) Cr
उत्तर:-
(i) Ca- परमाणु संख्या – 20
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,8, 8, 2
(ii) Cr – परमाणु संख्या 24
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 8, 6
प्रश्न:14 आवर्त में बायीं से दायीं ओर जाने पर परमाणु त्रिज्या क्यों घटती है?
उत्तर:- नाभिक में आवेश के बढ़ने से यह इलेक्ट्रॉनों को नाभिक की ओर खींचता है जिससे परमाणु का आकार घटता है और इसकी परमाणु त्रिज्या घट जाती है।
प्रश्न:15 कार्बन, ऑक्सीजन, फ्लोरीन तथा नियॉन किस वर्ग का सदस्य है?
उत्तर:-
कार्बन वर्ग 14 का सदस्य है।
ऑक्सीजन वर्ग 16 का सदस्य है।
फ्लोरीन वर्ग 17 का सदस्य है।
नियॉन वर्ग 18 का सदस्य है।
प्रश्न:16 पहले, दूसरे और तीसरे आवर्त में कितने तत्त्व हैं?
उत्तर:-
पहले आवर्त में 2 तत्त्व हैं।
दूसरे आवर्त में 8 तत्त्व हैं।
तीसरे आवर्त में 8 तत्त्व हैं।
प्रश्न:17 उत्कृष्ट गैसों को अलग समूह में क्यों रखा गया है?
उत्तर:- उत्कृष्ट गैसें He, Ar, Ne आदि के परमाणु क्रमांक क्रमश: 2, 18, 10 हैं। इनका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (2), (2, 8, 8), (2,8) है। इनकी संयोजकताएँ शून्य हैं अतः इन्हें अलग समूहों में रखा गया क्योंकि इनके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास भिन्न-भिन्न हैं।
प्रश्न:18 दूसरे आवर्त के तत्त्वों के परमाणु त्रिज्या लिखें।
उत्तर:- दूसरे आवर्त के तत्त्व B, Be, O, N, Li, C हैं।
इनके परमाणु त्रिज्या इस प्रकार हैं।
B Be O N Li C
Pm → 88 111 66 74 152 77,
प्रश्न:19 आपके अनुसार उत्कृष्ट गैसों को अलग समूहों में क्यों रखा गया?
उत्तर:- चूँकि ये गैसें मेंडलीफ आवर्त सारणी के बनने के काफी बाद पाया गया, जिसे सारणी में खाली जगहों में रखा गया। सभी गैसें अभिक्रियाशील थे, अतः उन्हें एक अलग समूह में रखना उचित था।
प्रश्न:20 पहले, दूसरे, तीसरे एवं चौथे आवर्त में कितने तत्त्व हैं?
उत्तर:-
पहले आवर्त में तत्त्वों की संख्या – 2
दूसरे आवर्त में तत्त्वों की संख्या – 8
तीसरे आवर्त में तत्त्वों की संख्या – 8
चौथे आवर्त में तत्त्वों की संख्या – 18
प्रश्न:21 (a) आवर्त सारणी में बोरॉन के स्तंभ के सभी तत्त्वों के कौन-से गुणधर्म समान हैं?
(b) आवर्त सारणी में फ्लोरिन के स्तंभ के सभी तत्त्वों के कौन-से गुणधर्म समान हैं?
उत्तर:- (a) सभी तत्त्वों की संयोजकता इलेक्ट्रॉन समान है।
(b) संयोजकता इलेक्ट्रॉन (7) सभी तत्त्वों के समान है।
प्रश्न:22 प्रथम समूह के तत्त्वों के परमाणु त्रिज्या में परिवर्तन का अध्ययन कीजिए तथा उन्हें आरोही क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
प्रथम समूह के तत्त्व. Na Li Rb Cs K
परमाणु त्रिज्या (Pm) 86 152 244 262 231
(a) किस तत्त्व का परमाणु सबसे छोटा तथा किसका सबसे बड़ा है?
(b) समूह में ऊपर से नीचे जाने पर परमाणु साइज में कैसा परिवर्तन होगा?.
उत्तर:-
(a) सोडियम का परमाणु सबसे छोटा और Cs का परमाणु सबसे बड़ा है।
(b) Li को छोड़कर सोडियम (Na) पोटैशियम (K), रूबिडियम (Rb) तथा सिजियम (Cs) का क्रमानुसार परमाणु साइज बढ़ते जाता है।
प्रश्न:23 आधुनिक आवर्त सारणी में कैल्सियम (परमाणु संख्या 20) के चारों ओर 12, 19, 21 तथा 38 परमाणु संख्या वाले तत्त्व स्थित हैं। इनमें से किन तत्त्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्म कैल्सियम के समान हैं।
उत्तर:- Mg (12) और स्ट्रॉशियम (38) के गुणधर्म से Ca का गुणधर्म मिलता जुलता है। Mg और Sr के भौतिक और रासायनिक गुण Ca से मिलता जुलता है।
प्रश्न:24 आवर्त में बायीं से दायीं ओर जाने पर संयोजकता किस प्रकार परिवर्तित होती है?
उत्तर:- आवर्त में बायीं से दायीं ओर जाने पर क्रमानुसार परमाणु संख्या में वृद्धि होती है और संयोजकता भी इस क्रम में बढ़ते जाता है। जैसे आवर्त तीन के तत्त्व Na और Mg है। इनकी संयोजकताएँ 1 और 2 हैं।
प्रश्न:25 नाइट्रोजन ( परमाणु संख्या 7 ) तथा फॉस्फोरस ( परमाणु संख्या 15 ) आवर्त सारणी के समूह 15 के तत्त्व हैं। इन दोनों तत्त्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए। इनमें से कौन-सा तत्त्व अधिक ऋण-विद्युत होगा और क्यों?
उत्तर:-
N परमाणु संख्या 7
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (2,5)
P फॉस्फोरस का परमाणु संख्या 15
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,8,5
N का परमाणु साइज फॉस्फोरस के परमाणु साइज से कम है। अत: N अधिक ऋण विद्युत होगा और P अपेक्षाकृत कम होगा।
प्रश्न:26 लीथियम, सोडियम, पोटैशियम ये सभी धातुएँ जल से अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस मुक्त करती हैं। क्या इन तत्त्वों के परमाणुओं, में कोई समानता है?
उत्तर:- इन तीनों तत्त्वों के संयोजकता इलेक्ट्रॉन समान हैं। अत: इनकी धातुई अभिलाक्षणिक गुण क्रमानुसार ऊपर से नीचे की ओर जाने पर बढ़ता जाता है।
प्रश्न:27 इनके नाम बतावें-
(a) तीन तत्त्वों जिनके बाहरी कोश में एक इलेक्ट्रॉन उपस्थित हो।
(b) दो तत्त्वों जिनके बाहरी कोश में दो इलेक्ट्रॉन उपस्थित हो।
(c) तीन तत्त्वों जिनका बाहरी कोश पूर्ण हो।
उत्तर:-
(a) हाइड्रोजन, लीथियम और सोडियम।
(b) मैग्नीशियम और कैल्सियम।
(c) Ne, Ar और Kr
प्रश्न:28 परमाणु संख्या 12 वाले मैग्नीशियम तथा परमाणु संख्या 16 वाले सल्फर की संयोजकता क्या है?
उत्तर:- मैग्नीशियम की परमाणु संख्या 12 है। अतः इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (2,8, 2) होगी। अतः इस परमाणु की संयोजकता 2 है। सल्फर का परमाणु संख्या 16 है। इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 6 होगी। संयोजकता इलेक्ट्रॉन 6 है लेकिन 2 इलेक्ट्रॉन की प्राप्ति कर अष्टक पूरा करता है। अतः इसकी संयोजकता 2 होगी।
प्रश्न:29 समूह में इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रवृत्ति किस तरह बदलती है?
उत्तर:- समूह में नीचे की ओर संयोजकता इलेक्ट्रॉन पर क्रिया करने वाला प्रभावी नाभिकीय आवेश घटता है, क्योंकि सबसे बाहरी इलेक्ट्रॉन नाभिक से दूर होते हैं। इसलिए यह इलेक्ट्रॉन सुगमतापूर्वक निकल जाते हैं।
प्रश्न:30 समूह में ऊपर से नीचे जाने पर संयोजकता किस प्रकार परिवर्तित होती है?
उत्तर:- समूह में ऊपर से नीचे जाने पर तत्त्वों की संयोजकताएँ स्थिर रहती हैं। समूह 1 के तत्त्वों की संयोजकताएँ 1 और समूह 2 के तत्त्वों की संयोजकताएँ 2 होती हैं। इसी प्रकार समूह 3 और 4 के परमाणुओं की संयोजकताएँ 3 और 4 होंगी।
प्रश्न:31 मैग्नीशियम की तरह रासायनिक अभिक्रियाशीलता दिखाने वाले दो तत्त्वों के नाम लिखिए। आपके चयन का क्या आधार है।
उत्तर:- दो तत्त्व कैल्सियम (Ca) और स्ट्राँशियम (ST) के संयोजकता इलेक्ट्रॉन मैग्नीशियम के संयोजी इलेक्ट्रॉन के तुल्य है। अत: ये दो तत्त्व मैग्नीशियम के समान अभिक्रियाशीलता दिखाते हैं।
प्रश्न:32 कार्बन (परमाणु संख्या-6) और सिलिकन (परमाणु संख्या-14) के इलेक्ट्रोनिक विन्यास लिखें। इसे आवर्त सारणी के किस समूह और आवर्त में रखा गया है।
उत्तर:-
कार्बन परमाणु संख्या 6
इलेक्ट्रोनिक विन्यास -2,4
सिलिकन, परमाणु संख्या-14
इलेक्ट्रोनिक विन्यास–2,8,4
कार्बन-समूह-6
आवर्त-दूसरा
सिलिकान-समूह संख्या-14
आवर्त संख्या-3
प्रश्न:33 किस तत्त्व में-
(a) दो कोश हैं तथा दोनों इलेक्ट्रॉनों से पूरित हैं?
(b) इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,8,2 है?
(c) कुल तीन कोश हैं तथा संयोजकता कोश में चार इलेक्ट्रॉन हैं?
(d) कुल दो कोश हैं तथा संयोजकता कोश में तीन इलेक्ट्रॉन हैं ?
(e) दूसरे कोश में पहले कोश से दुगुना इलेक्ट्रॉन हैं?
उत्तर:-
(a) निऑन (Ne) (2,8)
(b) मैग्नीशियम (Mg) (2, 8, 2)
(c) सिलकन (Si) (2, 8, 4)
(d) बोरॉन (B) (2, 3)
(e) कार्बन (C) (2,4)
प्रश्न:34 उस तत्त्व के नाम बताएँ
(i) जिसके नाभिक में न्यूट्रॉन नहीं है।
(ii) जो एक मात्र द्रव धातु है।
(iii) जो धातु और अधातु दोनों के गुण दर्शाता है।
उत्तर:-
(i) हाइड्रोजन (H)
(ii) पारा (Hg)
(iii) सिलिकॉन (Si)
प्रश्न:35 आवर्त सारणी के वर्ग 1 के तीन तत्त्वों के नाम और इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखें। इनमें कितने संयोजकता इलेक्ट्रॉन हैं।
उत्तर:- वर्ग 1 के तीन तत्त्व निम्नांकित हैं।
(i) लीथियम (ii) सोडियम तथा (iii) पोटाशियम
(i) लीथियम (Li)-परमाणु संख्या 3,
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 1
(ii) सोडियम (Na) – परमाणु संख्या-11
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास-2, 8, 1
(iii) पोटाशियम (K) – परमाणु संख्या-19
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास-2, 8, 8, 1
प्रश्न:36 हीलियम एक अक्रियाशील गैस है जबकि निऑन की अभिक्रियाशीलता अत्यंत कम है। इनके परमाणुओं में क्या समानता है?
उत्तर:- दोनों तत्त्वों के संयोजकता इलेक्ट्रॉन शून्य (0) है। हीलियम के अधात्विक अभिलक्षण निऑन के अधात्विक अभिलक्षण से ज्यादा है अर्थात् निऑन तत्त्व की अभिक्रियाशीलता हीलियम से कम है। दोनों तत्त्वों में शून्य संयोजकता है। अतः इसे शून्य संयोजकता के आधार पर समान माना जाता है।
प्रश्न:37 हाइड्रोजन के धातु और अधातु से समानता दिखानेवाले दो गुणों को लिखें।
उत्तर:-
(i) हाइड्रोजन का बाह्य इलेक्ट्रॉनिक विन्यास क्षार धातुओं जैसा होता है।
H – 1
Li – 2,1
Na – 2,8,1
(ii) हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, क्लोरीन सल्फर आदि से क्षार धातुओं की तरह संयोग करता है और एक जैसे यौगिक का निर्माण करता है।
जैसे— H2O, FCI, H2S, Na2O, NaCl, Na2S हाइड्रोजन हैलोजन की तरह द्विपरमाणुक अणु बनाता है। अधातुओं के साथ सह संयोजक बंधन बनाता है तथा हैलोजन की तरह ऋणायन बनाता है। हाइड्रोजन-H2, हैलोजन Cl2, Br2, I,
हाइड्राइड आयन H-
क्लोराइड आयन cl-
प्रश्न:38 परमाणु संख्या 3 से 6 तक के सभी तत्त्वों के नाम और संयोजकता बतावें।
उत्तर:-
परमाणु संख्या-3-लीथियम (Li)-1 संयोजकता
परमाणु संख्या 4-बेरेलियम (Br)-2 संयोजकता
परमाणु संख्या-5-बोरन (B)-3 संयोजकता
परमाणु संख्या 6–कार्बन (C)-4 संयोजकता
प्रश्न:39 समूह में ऊपर से नीचे की ओर जाने पर इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की प्रवृत्ति कैसे परिवर्तित होगी?
उत्तर:- समूह में ऊपर से नीचे की ओर जाने पर अधातुओं में कोशों की संख्या बढ़ती है लेकिन संयोजकता इलेक्ट्रॉन समान रहती है। अत: इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की प्रवृत्ति घटती है जबकि कोशों की संख्या बढ़ती है। अधातुओं में ऋणात्मकता की प्रवृत्ति रहती है जिससे यह इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की प्रवृत्ति रखता है। लेकिन समूह में ऊपर से नीचे आने पर इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की प्रवृत्ति घटती है क्योंकि आयनीकरण ऊर्जा की कमी होती है।
प्रश्न:40 एक परमाणु का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,8,7 है, तो इस तत्त्व का नाम एवं परमाणु संख्या क्या है?
उत्तर:- परमाणु का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8,7 है अतः इसकी परमाणु संख्या 17 हैं तथा तत्त्व का नाम क्लोरीन है।