( 2 – MARKS QUESTIONS )
प्रश्न:1 कुल या सकल घरेलू उत्पाद किसे कहते हैं ?
उत्तर:- किसी वर्ष विशेष में किसी देश में उत्पादित कुल वस्तुओं और सेवाओं की मात्रा कुल या सकल घेरलू उत्पाद ( GDP ) है ।
प्रश्न:2 आय से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:- किसी भी प्रकार का शारीरिक अथवा मानसिक कार्य करने के फलस्वरूप किसी व्यक्ति को जो पारिश्रमिक मिलता है , तो यह पारिश्रमिक उस व्यक्ति की आय कहलाता है । उदाहरण के लिए कोई प्रोफेसर यदि वर्ग में बच्चों को पढ़ाता है तो उसके बदले उसे मासिक वेतन मिलता है । यह वेतन ही आय है ।
प्रश्न:3 सकल घरेलू उत्पाद से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:- सकल घरेलू उत्पाद से तात्पर्य किसी देश में किसी दिए गए वर्ष में वस्तुओं और सेवाओं की कुल उत्पादित मात्रा है । उदाहरण के लिए वर्ष 2009-10 में यदि खाद्यान्न से 40 लाख करोड़ रुपये एवं अन्य सेवाओं से प्राप्त लाभ 60 लाख करोड़ है तो यह सकल घरेलू उत्पाद है ।
प्रश्न:4 प्रतिव्यक्ति आय क्या है ?
उत्तर:- प्रतिव्यक्ति आय का अर्थ है – कुल राष्ट्रीय आय में कुल जनसंख्या का भाग । कुल राष्ट्रीय आय में देश की कुल जनसंख्या से भाग देकर प्राप्त किया जाता है । उदाहरण के लिए भारत की कुल राष्ट्रीय आय यदि 1 करोड़ रुपया है एवं जनसंख्या 1 करोड़ है तो प्रतिव्यक्ति आय एक रुपया होगी । प्रतिव्यक्ति आय = राष्ट्रीय आय देश की कुल आय । 2008-09 में भारत की प्रतिव्यक्ति आय 25,494 रुपया थी । संघशासित क्षेत्र चण्डीगढ़ 70361 रुपये , गोवा 50,565 तथा बिहार में प्रतिव्यक्ति आय 10,570 रुपये ( 2007-08 ) थी । बिहार में सबसे ज्यादा प्रतिव्यक्ति आय वाला जिला पटना तथा सबसे कम प्रतिव्यक्ति आय वाला जिला शिवहर था ।
प्रश्न:5 राष्ट्रीय आय की गणना में होने वाली कठिनाइयों का वर्णन करें ।
उत्तर:- राष्ट्रीय आय की गणना में निम्नांकित कठिनाइयाँ होती हैं – आँकड़ों को एकत्र करने में कठिनाई , दोहरी गणना की सम्भावना , मूल्य के मापने में कठिनाई आदि ।
प्रश्न:6 राष्ट्रीय आय की परिभाषा दें । इसकी गणना की प्रमुख विधि कौन – कौन सी है ?
उत्तर:- वर्ष भर में किसी देश में अर्जित आय की कुल मात्रा राष्ट्रीय आय कहलाती है । अर्थात् किसी देश का एक वर्ष में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं का कुल मूल्य राष्ट्रीय आय कहलाता है । राष्ट्रीय आय = उपभोग व्यय + विनियोग । आर्थिक प्रगति को मापने का सर्वोत्तम तरीका राष्ट्रीय आय है । राष्ट्रीय आय की गणना जब राष्ट्र के व्यक्तियों की आय , उत्पादन के माध्यम से की जाती है तो यह उत्पादन गणना विधि है । ” आय गणना विधि ” के अन्तर्गत राष्ट्रीय आय की गणना राष्ट्र के व्यक्तियों की आय के आधार पर की जाती है । जब राष्ट्रीय आय की गणना व्यक्तियों द्वारा की गयी व्यय के आधार पर की जाती है तो यह ‘ व्यय गणना विधि ‘ कहलाती है । जब राष्ट्रीय आय की गणना विभिन्न परिस्थितियों में व्यक्तियों के प्रयास से उत्पादित वस्तुओं के विभिन्न मूल्यों के आधार पर की जाती है तो ऐसी अवस्था में यह मूल्य योग विधि कहलाती है । ” व्यावसायिक गणना विधि ” के अन्तर्गत राष्ट्रीय आय की गणना व्यावसायिक संरचना के आधार पर की जाती है । अर्थशास्त्र में उपरोक्त विधियों में उत्पादन गणना विधि और आय गणना विधि सर्वोत्तम मानी जाती है ।
प्रश्न:7 क्या प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि राष्ट्रीय आय को प्रभावित करती है ? वर्णन करें ।
उत्तर:- प्रति व्यक्ति आय का एकत्रीकरण राष्ट्रीय आय का निर्माण करता है । प्रति व्यक्ति आय जितनी अधिक होगी राष्ट्रीय आय उसी अनुपात में बढ़ती है । राष्ट्रीय आय में वृद्धि हेतु सरकारें व्यक्तिगत आय में वृद्धि का प्रयास करती है , कार्यक्रमों के माध्यम से सरकार व्यक्तिगत आय में वृद्धि करती है । इससे व्यक्तियों की क्षमता वृद्धि होती है । प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि से आर्थिक विकास की गति तीव्र हो जाएगी । यदि आर्थिक विकास या राष्ट्रीय आय में कमी होगी तो प्रति व्यक्ति आय भी निश्चित तौर पर कम हो जाएगी । इस प्रकार प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि से राष्ट्रीय आय में वृद्धि हो जाती है । इस प्रकार दोनों में समानुपातिक सम्बन्ध है ।