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Class 10 Economics V.V.I Subjective Questions & Answer Chapter - 4 हमारी वित्तीय संस्थाएँ

Class 10 Economics V.V.I Subjective Questions & Answer Chapter – 4 हमारी वित्तीय संस्थाएँ

                            

                                                             (  2 – MARKS QUESTIONS  )

 

प्रश्न:1 व्यावसायिक बैंक के किन्हीं तीन प्रमुख कार्यों की विवेचना करें ।

उत्तर:- व्यावसायिक बैंक विभिन्न प्रकार के कार्यों के द्वारा समाज एवं राष्ट्र की सेवा करते हैं ।

   इसके निम्नलिखित तीन प्रमुख कार्य हैं

( i ) जमा को स्वीकार करना – व्यावसायिक बैंकों का सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्य अपने ग्राहकों से जमा के रूप में मुद्रा प्राप्त करना है क्योंकि इसी आधार पर वे अपने लाभ का एक प्रमुख भाग प्राप्त करते हैं । ये स्थायी जमा , चालू जमा , संचयी जमा , आवर्ती जमा के रूप में ग्राहकों के बचत को जमा करते हैं ।

( ii ) ऋण प्रदान करना – बैंक के पास जो रुपया जमा के रूप में आता है उसमें से एक निश्चित राशि नगद कोष में रखकर उचित जमानत के आधार पर एवं सेवा प्राप्ति हेतु उत्पादन एवं उपभोक्ता को ऋण प्रदान करते हैं ।

( iii ) उपयोगिता सम्बन्धी कार्य – बैंक अपने ग्राहकों को विभिन्न उपयोगिता सम्बन्धी सुविधा प्रदान करते हैं । बैंक यात्री चेक एवं साख प्रमाण , पत्र , ए ० टी ० एम ० एवं क्रेडिट कार्ड की सुविधा एवं लॉकर की सुविधा प्रदान करते हैं ।

 

प्रश्न:2 सहकारिता से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर:- सहकारिता का अर्थ है मिल – जुलकर कार्य करना । जब यही कार्य आर्थिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए किया जाता है तो अर्थशास्त्र में सहकारिता कहलाता है । तात्पर्य यह कि एक संगठन जिसके अन्तर्गत दो या अधिक व्यक्ति मिल – जुलकर स्वेच्छापूर्वक आर्थिक उद्देश्यों की पूर्ति हेतु कार्य करते हैं , सहकारिता कहलाती है ।

 

प्रश्न:3 स्वयं सहायता समूह से आप क्या समझते हैं ? यह ग्रामीण विकास में किस प्रकार सहयोग करता है ?

उत्तर:- स्वयं सहायता समूह में प्रायः महिलाओं का 15-20 सदस्यीय अनौपचारिक समूह होता है जो अपने आर्थिक क्रियाकलापों से बचत करती है फिर बैंकों से लघु ऋण लेकर अपने सदस्यों के पारिवारिक जरूरतों को पूरा करती हैं । इनके द्वारा विकास की गतिविधियाँ चलायी जाती है । गाँवों के विकास का कार्य एवं महिला सशक्तिकरण इसके द्वारा सम्पन्न किया जाता है । ग्रामीण विकास में सहयोग स्वयं सहायता समूह के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में भी विकास की गति को बढ़ावा मिला है , क्योंकि इसमें छोटे – छोटे समूह बनने के कारण इनके आपसी सम्बन्ध बहुत अच्छे हो जाते हैं इसलिए यह एक – दूसरे की सहायता भी करते हैं तथा इनके बीच आपसी तालमेल व सहयोग की भावना भी विकसित हो जाती है तथा आपसी झगड़े समाप्त हो जाते हैं ।

 

प्रश्न:4 व्यावसायिक बैंक के प्रमुख कार्यों का वर्णन करें ।

उत्तर:-  व्यावसायिक बैंकों के प्रमुख कार्य इस प्रकार हैं-

( i ) ये जमा राशि अपने ग्राहकों से स्वीकार करते हैं ।

( ii ) ये ग्राहकों को ऋण प्रदान करते हैं ।

( iii ) ये सामान्य उपयोगिता संबंधित कार्य सम्पादित करते हैं ।

( iv ) ये एजेंसी संबंधी कार्य करते हैं ।

 

प्रश्न:5 निम्न के विस्तारित रूप लिखें ।

 ( a ) आर . बी . आई .

( b ) जी ० एन ० पी

( c ) जी . डी ० पी ०

( d ) एन ० एस ० एम ० ओ ०

( e ) नाबार्ड

( f ) एस . एच . जीन

उत्तर:-

( a ) Reserve Bank of India

( b ) Gross National Product .

( c ) Gross Domestic Product

( d ) National Sample Survey Organ .

( e ) National Employment Guarantee Act

( f ) Self Help Group

 

प्रश्न:6  वित्तीय संस्थान से आप क्या समझते हैं ? यह कितने प्रकार के होते हैं ?

उत्तर:-  संस्थाएँ जो आर्थिक विकास के लिए उद्यम एवं व्यवसाय के वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कार्य करती हैं , वित्तीय संस्थाएँ कहलाती हैं । ये वित्तीय संस्थाएँ राज्य संबंधित होती हैं तथा केन्द्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दिए गए निर्देशों के अधीन निश्चित मापदण्ड पर काम करती हैं । यह तीन प्रकार के होते हैं ।

 

 

                                                                       (  5 – MARKS QUESTIONS  )

 

प्रश्न:1 राष्ट्रीय वित्तीय संस्थान किसे कहते हैं ? इसे कितने भागों में बाँटा जाता है ? वर्णन करें । अथवा , भारत में संस्थागत वित्तीय स्रोत कौन – कौन हैं ?

उत्तर:- राष्ट्रीय स्तर की वित्तीय एवं साख नीतियों का निर्धारण एवं निर्देशन , वित्त प्रबंधन के कार्यों को सम्पादित करने वाली संस्थाएँ राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाएँ कहलाती हैं । इनके दो महत्वपूर्ण अंग हैं भारतीय मुद्रा बाजार तथा भारतीय पूँजी बाजार । भारतीय मुद्रा बाजार उद्योग एवं व्यवसाय के क्षेत्र के लिए अल्पकालीन एवं मध्यकालीन वित्तीय व्यवस्था का प्रबंधन करता है । यदि उद्योग एवं व्यवसाय के लिए दीर्घकालीन वित्तीय व्यवस्था एवं प्रबंधन किया जाता है तो यह भारतीय पूँजी बाजार है

भारतीय मुद्रा बाजार- यह संगठित और असंगठित क्षेत्रों में विभक्त है । संगठित क्षेत्र के अंतर्गत वाणिज्य बैंक , निजी क्षेत्र के बैंक , सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक तथा विदेशी बैंक शामिल हैं । असंगठित क्षेत्र के अन्तर्गत देशी बैंकर जिनमें गैर बैंकिंग वित्तीय कम्पनियाँ हैं । संगठित बैंकिंग प्रणाली तीन प्रकार की बैंकिंग व्यवस्था से मिलकर बनी है केन्द्रीय बैंक , वाणिज्य बैंक तथा सहकारी बैंक ।

भारतीय पूँजी बाजार का वर्गीकरण- यह प्रतिभूति बाजार , अघौगीक बाजार विकास वित्त संस्थान तथा गैर बैंकिंग वित्त कम्पनियाँ में विभक्त है ।

 

प्रश्न:2 स्वयं सहायता समूह में महिलाएँ किस प्रकार अपनी भूमिका निभाती हैं । वर्णन करें ।

उत्तर:- बीस व्यक्तियों – खासकर महिलाओं का एक अनौपचारिक समूह स्वयं सहायता समूह कहलाता है । इस समूह में लोग अपनी बचत को तथा बैंकों से लघु ऋण प्राप्त कर सदस्यों के जरूरतों को पूरा करते हैं । स्वयं सहायता समूह महिलाओं के सशक्तिकरण तथा ग्रामीण विकास का कार्य कर रही हैं । प्राप्त ऋण से महिलाएँ स्वरोजगार के अवसरों का सृजन करती हैं । इससे महिलाएँ आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बन की जाती हैं । ये महिलाएँ नियमित बैठकों द्वारा महिलाओं को एक मंच प्रदान करती हैं । जहाँ वह तरह तरह के सामाजिक मुद्दों जैसे स्वास्थ्य , पोषण और घरेलू हिंसा इत्यादि पर चर्चा करती हैं ।

 

प्रश्न:3 राज्य संस्थागत वित्तीय स्रोत के कार्यों का वर्णन करें ।

उत्तर:-  राज्य स्तरीय संस्थागत वित्तीय स्रोतों में सहकारी बैंक , प्राथमिक सहकारी समितियाँ , भूमि विकास बैंक , व्यावसायिक बैंक , क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक तथा नाबार्ड आते हैं । सहकारी बैंकों के माध्यम से राज्य के किसान अल्पकालीन , मध्यकालीन एवं दीर्घकालीन ऋण प्राप्त करते हैं । ये कई स्तरों पर अपने स्रोतों से कार्य करते हैं । प्राथमिक सहकारी साख समितियाँ या प्राथमिक कृषि साख समितियाँ ( PACS ) उत्पादक कार्यों के लिए अधिकतम एक वर्ष के लिए ऋण उपलब्ध कराती है । यह अवधि विशेष परिस्थिति में तीन वर्ष के लिए बढ़ायी जा सकती है । भूमि विकास बैंक कृषि में स्थायी सुधार एवं विकास के लिए दीर्घकालीन ऋण की व्यवस्था करता है । व्यावसायिक बैंक भी अपने राज्य स्तरीय दायित्वों के अन्तर्गत शाखाओं का विस्तार करते हुए कृषकों को ऋण उपलब्ध कराते हैं । क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सीमान्त एवं छोटे किसानों को , कारीगरों तथा अन्य कमजोर वर्गों को . जरूरतों के मुताबिक ऋण या साख उपलब्ध कराती है । नाबार्ड जो राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के नाम से जानी जाती है । कृषि एवं ग्रामीण विकास के लिए सरकारी संस्थाओं , व्यावसायिक बैंकों तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को वित्त की सुविधा प्रदान करता है जिसे ये बैंक ग्रामीणों तक पहुँचाते हैं ।

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