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Class 10 Geography V.V.I Subjective Questions & Answer Chapter - 2 कृषि

Class 10 Geography V.V.I Subjective Questions & Answer Chapter – 2 कृषि

                                                               

                                                               (  2 – MARKS QUESTIONS  )

 

प्रश्न:1  व्यापारिक कृषि एवं निर्वाहक कृषि में अन्तर स्पष्ट करें

उत्तर:- व्यापारिक कृषि में खेती आर्थिक लाभ कमाने के उद्देश्य से की जाती है । इसमें पूँजी एवं तकनीक में खर्च की जाती है ताकि अधिकाधिक उत्पादन हो । जैसे दलहन की खेती परंपरागत तरीके से की जानेवाली खेती निर्वाहक कहलाती है । इस खेती में कम पूँजी लगाकर जीवन निर्वाह हेतु फसल उत्पादन की जाती है । जैसे धान की खेती ।

 

प्रश्न:2  गन्ने की उपज उत्तरी भारत की अपेक्षा दक्षिण भारत में अधिक है कारण बताएँ ।

उत्तर:- गन्ने की फसल के लिए 21 से 27 ° से . तापमान तथा 75 से 120 सेमी ० वर्षा वाली गर्म और आर्द्र जलवायु आदर्श हैं । यह फसल पाले को सहन नहीं कर पाती । पकने पर इसे कम तापमान की आवश्यकता होती है । यह काली , जलोढ़ , दोमट तथा लाल दोमट जैसी विभिन्न मृदाओं में उगायी जा सकती है । सबसे बेहतर मृदा दक्षिण भारत की काली मृदा तथा गंगा के मैदानों की जलोढ़ मृदा है । इसे उगाने के लिए भरपूर धूप वाले सिंचित क्षेत्र की आवश्यकता होती है । गन्ने को चीनी मिलों तक पहुँचाने के लिए सड़क एवं रेल यातायात की आवश्यकता होती है । उत्तर भारत की अपेक्षा दक्षिण भारत में यातायात की अधिक सुविधा है । दक्षिण भारत में गन्ने की , कृषि के लिए उत्तर भारत की तुलना में अधिक अनुकूल परिस्थितियाँ उपलब्ध हैं । अतः यहाँ गन्ने की ऊपज अच्छी होती है ।

                                              

                                                            

                                                                (  5 – MARKS QUESTIONS  )

 

प्रश्न:1  चावल की कृषि के लिए अनुकूल भौगोलिक दशाओं का वर्णन करें । इसके उत्पादक क्षेत्रों का उल्लेख करें ।

उत्तर:- भारत में चावल प्रमुख खाद्यान्न फसल है । इसकी भौगोलिक दशा जो उत्पादन के लिए जरूरी है , इस प्रकार है-

( i ) उष्णकटिबंधीय फसल होने से इसकी उपज के लिए 24-27 ° C तापमान जरूरी है ।

( ii ) 125-200 cm वर्षा जरूरी है ।

( iii ) उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी आवश्यक है ।

( iv ) सस्ते कुशल श्रमिक एवं विस्तृत बाजार उपलब्ध हो । उत्पादक क्षेत्र हरियाणा , पंजाब , उड़ीसा , बंगाल , बिहार , मध्यप्रदेश ।

 

प्रश्न:2  चाय उत्पादन के प्रमुख भौगोलिक दशाओं का वर्णन करें । भारत के चाय उत्पादक क्षेत्रों का उल्लेख करें ।

उत्तर:- चाय उत्पादन हेतु भौगोलिक दशा इस प्रकार है-

( i ) ढालु पठारी जमीन जिसमें जल निकास आसानी से हो सके । मिट्टी जैविक तत्वों से भरपूर हो ।

( ii ) 25 ° –30 ° डिग्री तापमान ।

( iii ) 200-250 cm वर्षा जल जो रुक – रुक कर फसल लगने तक होती रहे ।

( iv ) सस्ते कुशल श्रमिक जो चाय की फलियों को तोड़ सकें । उत्पादक क्षेत्र – असम , पश्चिम बंगाल , तमिलनाडु एवं केरल ।

 

प्रश्न:3  भारतीय कृषि की निम्न उत्पादकता के कारणों को संक्षेप में लिखिए ।

उत्तर:- भारतीय कृषि की निम्न उत्पादकता के निम्नांकित कारण हैं

( i ) जनसंख्या का बढ़ता दबाव – भारतीय कृषि पर निर्भरता अधिक है । कृषि पर निर्भर रहने वाले लोगों का अनुपात 70 % है । अत : उत्पादन लोगों के भोजन में ही खपत हो जाता है ।

( ii ) छोटी जोतें- भारत में जोतों का औसत आकार बहुत छोटा है , देश के कई भागों में कृषि भूमि का आकार इतना छोटा है कि आधुनिक मशीनरी का प्रयोग असंभव है ।

( iii) निवेश की समस्या- धन , बीज , बाजार , परिवहन आदि की कमी के कारण भारतीय कृषि के विकास में रुकावट आई है ।

( iv ) प्रकृति पर अधिक निर्भरता- सिंचाई के साधनों के विकास के बावजूद देश के अधिकांश भागों के किसान अभी भी मानसून तथा प्राकृतिक उर्वरता पर निर्भर हैं । इससे ऊपज कम प्राप्त होती है ।

( v ) वर्षा की अनिश्चितता- भारतीय किसान मानसून पर निर्भर हैं । भारत में हमेशा मानसून की अनिश्चितता बनी रहती है ।

( vi ) घटती कृषि भूमि- औद्योगीकरण एवं नगरीकरण के कारण भारत में कृषि भूमि घटती जा रही है ।

( vii ) आधुनिक कृषि तकनीक का सीमित प्रयोग- भारतीय किसान आधुनिक कृषि तकनीक यानी HYV बीज , कीटनाशक , रासायनिक खाद एवं आधुनिक यंत्रों का सीमित उपयोग करते हैं ।

 

प्रश्न:4  हरित क्रांति से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर:-  हरित क्रांति का अर्थ है – विभिन्न प्रौद्योगिकी तथा संस्थागत सुधारों के कारण कृषि उत्पादन के क्षेत्र में अभूतपूर्व उत्पादकता में क्रांतिकारी परिवर्तन होना । अर्थात् हरित क्रांति से अभिप्राय है कृषि उत्पादन की मात्रा में बहुत तेज गति से वृद्धि एवं स्थायी वृद्धि । गेहूँ की कृषि से हरित क्रांति की शुरुआत हुई । इसके अन्तर्गत उन्नत किस्म के बीज ( Hybrid seed ) , संकरित उन्नत बीज , रासायनिक खाद , सिंचाई , कीटनाशक आदि का व्यापक प्रयोग कर खाद्य उत्पादन में अप्रत्यक्ष वृद्धि की गई । खाद्य उत्पादन में यह मील का पत्थर साबित हुआ । 1966 ई . के बाद भारत में हरित क्रांति हुई । जब भारत स्वतंत्र हुआ , तब खाद्यान्नों की बहुत कमी थी । भारत को विवश होकर अन्य देशों से खाद्यान्न आयात करना पड़ता था । हरित क्रांति के बाद भारत खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर हो गया और कृषि उत्पादों के निर्यात करने की स्थिति में पहुँच गया । 1966-67 ई . में भारत में खाद्यान्न का उत्पादन मात्र 560 लाख टन था । अब यह बढ़कर वार्षिक 2,500 लाख टन से अधिक हो चुका है । पंचवर्षीय योजनाओं भारतीय कृषि को 1960 ई . के आरंभ में विशेष प्राथमिकता दी गई ।

 

प्रश्न:5  गेहूँ उत्पादन हेतु मुख्य भौगोलिक दशाओं का उल्लेख करते हुए भारत के गेहूँ उत्पादक क्षेत्रों के नाम लिखें ।

उत्तर:-  गेहूँ शीतोष्ण जलवायु की मुख्य उपज है । इसके लिए मुख्य भगौलिक दशाएँ इस प्रकार हैं-

( i ) औसत तापमान 40-9 ° सें.ग्रे . किन्तु ग्रीष्म ऋतु में तापमान 15 ° -20 ° से ग्रे ० ।

( ii ) वर्षा 50 सेमी . 90 सेमी . तक ।

( iii ) उपजाऊ दोमट मिट्टी ।

( iv ) मानवीय श्रम शक्ति की पर्याप्त उपलब्धता ।

( v ) विस्तृत बाजार । भारत के गेहूँ उत्पादक क्षेत्र – पंजाब , बिहार , उत्तर प्रदेश , हरियाणा , महाराष्ट्र ।

 

प्रश्न:6  भारतीय कृषि की पाँच प्रमुख विशेषताओं को लिखिए । अथवा , भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का क्या महत्व है ?

उत्तर:- भारतीय कृषि अन्य देशों में पाई जाने वाली कृषि से अनेक अर्थों में भिन्न है । भारतीय कृषि की पाँच प्रमुख विशेषताएँ या महत्व निम्नलिखित हैं

( i ) भारतीय कृषि विस्तृत क्षेत्र में फैली हुई है । देश के कुल क्षेत्रफल का लगभग 47 प्रतिशत भाग कृषि के अन्तर्गत है । इस दृष्टि से भारत विश्व का अग्रणी कृषि प्रधान देश है ।

( ii ) कृषि प्रधान देश होने कारण भारतीय कृषि अर्थव्यवस्था में नींव की तरह है । देश की लगभग 63 % जनसंख्या कृषि से रोजगार प्राप्त करती है ।

( iii ) देश के विभिन्न भागों में उच्च कोटि की सम्पन्न मृदा उपलब्ध है । यहाँ विभिन्न प्रकार की फसलों की खेती संभव हो पाती है ।

( iv ) भारत के विभिन्न क्षेत्रों में जलवायु विविधता पाई जाती है । भारत में अनेक प्रकार की फसलों का उत्पादन किया जाता है ।

( v ) भारत में कृषि प्राथमिक क्रिया है । यह विभिन्न उद्योगों के लिए कच्चा माल भी पैदा करती है ।

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