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Class 10 Science NCERT Solutions in Hindi Chapter – 16 प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन

Class 10 Science NCERT Solutions in Hindi Chapter – 16 प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन

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Class 10 Science NCERT Solutions in Hindi Chapter – 16 प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन

पृष्ठ 302

प्रश्न 1. पर्यावरण मित्र बनने के लिए आप अपनी आदतों में कौन-से परिवर्तन ला सकते हैं?

‘उत्तर :- (1) धुआँ रहित वाहनों का प्रयोग करके।

(2) पॉलीथीन का उपयोग न करना।

(3) जल संरक्षण को बढ़ावा देकर ।

(4) वनों की कटाई पर रोक लगाकर।

(5) वृक्षारोपण।

(6) तेल से चालित वाहनों का कम-से-कम उपयोग करके।

(7) व्यर्थ बहते जल की बर्बादी रोक कर।

(8) ठोस कचरे का कम-से-कम उत्पादन कर।

(9) सोच-समझ कर विद्युत उपकरणों का उपयोग करके।

(10) पुनः चक्रण हो सकने वाली वस्तुओं का उपयोग करके।

(11) 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाकर।

(12) नालियों में रसायन तथा उपयोग किया हुआ तेल न डालकर।

(13) जैव निम्नीकरणीय और जैव अनिम्नीकरणीय कचरे को अलग-अलग फैंककर।

(14) सीसा रहित पेट्रोल का प्रयोग करके ।

उपरोक्त विभिन्‍न विधियों को अपनाकर हम पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे सकते हैं।

 

प्रश्न 2. संसाधनों के दोहन के लिए कम अवधि के उद्देश्य के परियोजना के क्या लाभ हैं?

‘उत्तर :- इसका केवल एक ही लाभ है, मनुष्य की आत्म-केंद्रित (स्वार्थ) संतुष्टि। पेड़- पौधों को काट कर हम अपने स्वार्थ की पूर्ति कर लेते हैं लेकिन यह नहीं सोचते कि इससे पर्यावरण असंतुलित हो जाता है। संसाधनों के दोहन के लिए कम अवधि के उद्देश्य की परियोजनाओं को कुछ सोच-समझ कर ही बनाना चाहिए।

 

प्रश्न 3. यह लाभ, लंबी अवधि को ध्यान में रखकर बनाए गए परियोजनाओं के लाभ से किस प्रकार भिन्न हैं?

उत्तर :- प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन करते समय लंबी अवधि को ध्यान में रखना होता है। जिससे कि वे अगली कई पीढ़ियों तक उपलब्ध हो सकें। अल्प अवधि के लाभ के लिए पेड़ काटे जाते हैं लेकिन लंबी अवधि को ध्यान में रख कर पुन: वृक्षारोपण किया जाना चाहिए। वनों की कटाई से कृषि, आवासीय और औद्योगिक कार्यों के लिए भूमि प्राप्त हो सकती है लेकिन इससे भूमि कटाव की समस्या और पर्यावरण की सुरक्षा नहीं रह सकती।

 

प्रश्न 4. क्या आपके विचार में संसाधनों का समान वितरण होना चाहिए ? संसाधनों के समान वितरण के विरुद्ध कौन-कौन सी ताकतें कार्य कर सकती हैं?

उत्तर :- आर्थिक विकास का पर्यावरण संरक्षण के साथ सीधा संबंध है। संसार में संसाधनों का असमान वितरण ग़रीबी का एक मुख्य कारण है। संसाधनों का समान वितरण एक शांतिपूर्ण संसार की स्थापना कर सकता है। सरकारी अभिकर्ता और कुछ स्वार्थी तत्त्व प्राकृतिक संसाधनों के समान वितरण के विरूद्ध कार्य करते हैं । चोरी छिपे वनों की कटाई इसी का एक उदाहरण है।

 

पृष्ठ 306

प्रश्न 1. हमें वन एवं वन्य जीवन का संरक्षण क्यों करना चाहिए?

उत्तर :- वन एवं वन्य जीवन को निम्नलिखित कारणों से सुरक्षित रखना चाहिए–

(1) प्रकृति में पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए।

(2) जीन पूल की सुरक्षा के लिए।

(3) फल, मेवे, सब्ज्ियाँ तथा औषधियाँ प्राप्त करने के लिए।

(4) इमारती तथा जलाने वाली लकड़ी प्राप्त करने के लिए।

(5) पर्यावरण में गैसीय संतुलन बनाने के लिए।

(6) वृक्षों के वायवीय भागों से पर्याप्त मात्रा में जल का वाष्पन होता है जो वर्षा के स्रोत का कार्य करते हैं।

(7) मृदा अपरदन एवं बाढ़ पर नियंत्रण करने के लिए।

(8) वन्य जीवों को आश्रय प्रदान करने के लिए।

(9) धन प्राप्ति के अच्छे स्रोत के रूप में।

(10) स्थलीय खाद्य श्रृंखला की निरंतरता के लिए।

(11) प्राणियों की प्रजाति को बनाए रखने के लिए।

(12) वन्य प्राणियों से ऊन, अस्थियाँ, सींग, दाँत, तेल, वसा तथा त्वचा आदि प्राप्त करने के लिए।

 वन्य जीवन का संरक्षण राष्ट्रीय पार्क तथा पशुओं और पश्चियों के लिए शरण स्थल बनाने से किया जा सकता है। यह पशुओं का शिकार करने की निषेध आज्ञा का कानून प्राप्त करके किया जा सकता है।

 

प्रश्न 2. संरक्षण के लिए कुछ उपाय सुझाइए।

‘उत्तर :- पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए वन्य जीवन का संरक्षण आवश्यक है। इसके लिए निम्नलिखित दो उपाय किए जा सकते हैं-

(i) सरकार को ऐसे कानून बनाने चाहिएं जिससे शिकारियों को प्रतिबंधित वन्य पशु का शिकार करने पर दंड मिलना चाहिए।

(2) राष्ट्रीय पार्क और पशु-पश्षी विहार स्थापित किए जाने चाहिएं जहां पर वन्य पशु सुरक्षित रह सकें।

(3) वनों को काटने पर रोक लगानी चाहिए।

(4) पर्यावरण की सुरक्षा के लिए वृक्षारोपण करना चाहिए और रोपित पेड़-पौधों की सुरक्षा करनी चाहिए।

(5) वनों की आग से रक्षा करनी चाहिए। प्रति वर्ष विश्व में अनेक वन जल कर नष्ट हो जाते हैं।

(6) वनों को अधिक चराई से बचाना चाहिए।

 

पृष्ठ 370

प्रश्न 1. अपने निवास क्षेत्र के आस-पास जल संग्रहण की परंपरागत प्रणाली का पता लगाइए।

उत्तर :- हमारे निवास क्षेत्र के आस-पास वर्षा के जल को जोहड़ों और तालाबों में इकट्ठा करने का प्रचलन था। भूमिगत टैंकों में भी जल संग्रहण का प्रचलन था।

 

प्रश्न 2. इस प्रणाली का पेयजल व्यवस्था ( पर्वतीय क्षेत्रों में, मैदानी क्षेत्र अथवा पठार क्षेत्र) से तुलना करें।

उत्तर :- पर्वतीय क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था–

(i) लद्दाख के क्षेत्रों में जिंग दूवारा जल संरक्षण किया जाता है, जिसमें बर्फ़ के ग्लेशियर को रखा जाता है जो दिन के समय पिघल कर जल की कमी को पूरा करता है।

(ii) बाँस की नालियाँ–जल संरक्षण की यह प्रणाली मेघालय में सदियों पुरानी पदुधति है। इसमें जल को बाँस की नालियों दूवारा संरक्षित करके उन्हें पहाड़ों के निचले भागों में उन्हीं बाँस की नालियों दूवारा लाया जाता है।

 

मैदानी क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था–

(i) तमिलनाडु क्षेत्र में वर्षा जल को बड़े-बड़े टैंकों में संरक्षित किया जाता है तथा ज़रूरत के समय उपयोग करते हैं।

(ii) बावरियाँ–ये मुख्यतः राजस्थान में पाए जाते हैं । ये छोटे-छोटे तालाब हैं जो प्राचीन काल में बंजारों दवारा पीने के पानी की पूर्ति के लिए बनाए गए थे।

 

पठारी क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था–

(1) भंडार–ये मुख्यतः महाराष्ट्र में पाए जाते हैं, जिसमें नदियों के किनारों पर ऊँची दीवारें बनाकर बड़ी मात्रा में जल को संरक्षित किया जाता है।

(2) जोहड़–ये पठारी क्षेत्रों की ज़मीन पर पाए जाने वाले प्राकृतिक छोटे mखड्डे होते हैं। जो वर्षा जल को संरक्षित करने में सहायक होते हैं।

 

प्रश्न 3. अपने क्षेत्र में जल के स्त्रोत का पता लगाइए, कया इस स्त्रोत से जल क्षेत्र के सभी निवासियों को उपलब्ध है?

‘उत्तर :- नई दिल्‍ली शहर में जलापूर्ति का मुख्य साधन नदी है। यमुना नदी का पानी पाइपों के दूवारा दिल्‍ली शहर में लाया जाता है। कुछ पानी शहर के अंदर ही बोर दूवारा ज़मीन से निकाला जाता है। सभी निवासियों के लिए जल की आपूर्ति नहीं हो पाती ।

 

NCERT अभ्यास प्रश्न उत्तर:

प्रश्न 1. अपने घर में पर्यानुकूलित बनाने के लिए आप उसमें कौन-कौन से परिवर्तनM सुझा सकते हैं?

उत्तर :- निम्नलिखित परिवर्तन लाकर हम अपने घर में पर्यानुकूलित वातावरण बना सकते हैं-

(1) हम बिजली के पंखे तथा बल्ब के स्विच बंद करके विद्युत का अपव्यय रोक सकते हैं।

(2) टपकने वाले जल के पाइप या नल की मुरम्मत करवा कर हम जल की बचत कर सकते हैं।

(3) हमें तीन Rs दूवारा बताए हुए मार्ग पर चलने की कोशिश करनी चाहिए।

(4) हमें पुन: चक्रण योग्य वस्तुओं को कूड़े के साथ नहीं फेंकना चाहिए।

(5) हमें चीज़ों (जैसे लिफ़ाफ़े ) को फेंकने की अपेक्षा फिर से प्रयोग में लाना चाहिए।

(6) हमें आहार को व्यर्थ नहीं करना चाहिए।

(7) हमें अपने आवास के आस-पास कचरे और गंदे जल को इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए।

(8) जल के व्यर्थ रिसाव को रोकना चाहिए।

(9) जल को मितव्ययिता से प्रयोग करना चाहिए।

(10) आवासीय कूड़े-कचरे को कूड़ादान में इकट्ठा कर उसका निपटान करना चाहिए।

 

प्रश्न 2. क्या आप अपने विद्यालय में कुछ परिवर्तन सुझा सकते हैं जिनसे इसे पर्यानुकूलित बनाया जा सके ?

‘उत्तर :- निम्नलिखित परिवर्तनों द्वारा हम अपने विद्यालय में पर्यानुकूलित वातावरण बना सकते हैं-

(1) हमें विद्यालय में ज़्यादा से ज़्यादा पेड़-पौधे लगाने चाहिएं।

(2) बच्चों को शिक्षा देनी चाहिए कि फूल तथा पत्तियों को न तोड़ें।

(3) हमें जल का अपव्यय रोकना चाहिए।

(4) कमरों में ज़्यादा-से-ज़्यादा खिड़कियाँ बनानी चाहिएं ताकि सूर्य की रोशनी अंदर आए और कम-से-कम बिजली खर्च हो।

(5) हमें कूड़ा-कचरा इधर-उधर नहीं फेंकना चाहिए, बल्कि चीज़ों का पुनः उपयोग करना चाहिए।

(6) शौचालय और मूत्रालयों की नियमित सफाई-धुलाई की जानी चाहिए।

(7) विद्युत्‌ अपव्यय को नियंत्रित करना चाहिए।

(8) विद्यालय के आस-पास कचरे के ढेर और रुका हुआ गंदा जल नहीं होना चाहिए।

(9) विद्यालय का भवन साफ-सुधरा रखना चाहिए।

(10) जैव निम्नीकृत और जैव अनिम्नीकृत कूड़े-कचरे के एकत्रीकरण के लिएM ‘कूड़ादान अलग-अलग होने चाहिए। इससे कूड़े का निपटान सरलता से हो सकेगा।

 

प्रश्न 3. इस अध्याय में हमने देखा कि जब हम वन एवं वन्य जंतुओं की बात करते हैं तो चार मुख्य दावेदार सामने आते हैं। इनमें से किसे वन उत्पाद प्रबंधन हेतु निर्णय लेने के अधिकार दिए जा सकते हैं ? आप ऐसा क्यों सोचते हैं?

उत्तर :- वन एवं वन्य जंतुओं की बात करते समय सामने आने वाले चार मुख्य दावेदार हैं-

(1) वन के अंदर एवं इसके निकट रहने वाले लोग अपनी तरह-तरह की आवश्यकताओं के लिए वन पर निर्भर रहते हैं।

(2) सरकार का वन विभाग वनों से प्राप्त साधनों का नियंत्रण करता है।

(3) उद्योगपति तेंदु पत्ती का प्रयोग कर बीड़ी उत्पादकों से लेकर कागज़ मिल तक वन उत्पादों का उपयोग करते हैं।

(4) वन्य जीवन और प्रकृति प्रेमी प्रकृति का संरक्षण इसकी आदूय अवस्था में चाहते हैं वन उत्पाद प्रबंधन हेतु निर्णय लेने के अधिकार वन के अंदर तथा निकट रहने वाले उन लोगों को देने चाहिए जो सदियों से वनों पर निर्भर रहते हैं। परंतु कुछ अधिकार सरकार के पास भी होने चाहिएं ताकि लोग वनों का उपयोग ठीक से करें तथा इनका अपव्यय न करें। वन्य जीवन एवं प्रकृति प्रेमियों को भी कुछ अधिकार देने चाहिएं क्योंकि वे प्रकृति का संरक्षण इसका आदूय अवस्था में करना चाहते हैं।

प्रश्न 4. एक एकल व्यक्ति के रूप में आप निम्न के प्रबंधन में क्या योगदान दे सकते हैं।

(a) बन एवं वन्य जंतु

(b) जल संसाधन

(c) कोयला एवं पेट्रोलियम

 

उत्तर :- (a) वन एवं वन्य जंतु–दूसो लोगों में वनों के संरक्षण के प्रति जागरूकता जगा सकते हैं, अपने क्षेत्र के उन क्रियाकलापों में भाग ले सकते हैं जो वन तथा वन्य जंतुओं के संरक्षण को महत्त्व देते हैं । संरक्षण के नियमों को अपनाकर तथा इन मसले पर काम कर रही कमेटियों की सहायता करके भी हम वन एवं वन्य जंतुओं के प्रबंधन में योगदान दे सकते हैं।

 

(b) जल संसाधन–अपने घर तथा कार्य स्थान पर जल का अपव्यय रोक कर तथा वर्षा के जल को अपने घारों में संग्रहण करके।

 

(c) कोयला एवं पेट्रोलियम–विद्युत्‌ के अपव्यय को रोक कर तथा कम- से-कम बिजली उपयोग करके हम इनके प्रबंधन में योगदान दे सकते हैं । निजी वाहन की अपेक्षा सार्वजनिक वाहन का उपयोग कर पेट्रोल-डीज़ल

की बचत कर सकते हैं ।

 

प्रश्न 5. आप एक एकल व्यक्ति के रूप में विभिन्‍न प्राकृतिक उत्पादों की खपत कम

करने के लिए क्या कर सकते हैं?

उत्तर :- (1) विद्युत्‌ को कम-से-कम इस्तेमाल कर सकते हैं तथा इसके अपव्यय को रोक सकते हैं ।

(2) तीन (R’s) के नियमों का पालन करके हम प्राकृतिक उत्पादों की खपत कम कर सकते हैं।

(3) हमें आहार को व्यर्थ नहीं करना चाहिए।

(4) जल को व्यर्थ होने से रोकना चाहिए।

(5) खाना पकाने के लिए भी लकड़ी की जगह गैस का इस्तेमाल करना चाहिए।

 

प्रश्न 6. निम्न से संबंधित ऐसे पाँच कार्य लिखिए जो आपने पिछले एक सप्ताह में किए हैं–

(a) अपने प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण ।

(b) अपने प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव को और बढ़ाया है।

उत्तर :- (a) (1) विद्युत्‌ उपकरणों का व्यर्थ उपयोग नहीं किया।

(2) रोशनी के लिए LED, CFL का प्रयोग करके।

(3) स्कूल आने-जाने के लिए अपने वाहन की जगह सरकारी वाहनों का प्रयोग करके।

(4) नहाने में कम-से-कम पानी का उपयोग किया।

(5) पर्यावरण के संरक्षण से संबंधित जागरूकता अभियान में भाग लिया।

 

(b) (1) कंप्यूटर पर प्रिंटिंग के लिए अधिक कागज़ों का प्रयोग किया।

(2) पंखा चलते छोड़कर कमरे से बाहर गया।

(3) दीवाली पर पटाखे जलाकर।

(4) मोटर साइकिल का अत्यधिक प्रयोग करके।

(5) आहार को व्यर्थ किया।

 

प्रश्न 7. इस अध्याय में उठाए बिंदुओं ( समस्याओं ) के आधार पर आप अपनी जीवन- शैली में क्या परिवर्तन लाना चाहेंगे जिससे हमारे संसाधनों के प्रदूषण को बढ़ावा मिल सके ?

‘उत्तर :- हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि हम एक समाज में रहते हैं, अकेले नहीं।

हमें अपने संसाधनों का कम-से-कम उपयोग करना चाहिए तथा किसी भी तरह उन्हें व्यर्थ नहीं करना चाहिए।

हमें तीन (R’s) के नियमों का पालन करना चाहिए। (Reduce,  Recycle,Reuse)

हमें निजी वाहनों की अपेक्षा सरकारी वाहनों का उपयोग करना चाहिए।

हमें अपने पर्यावरण को प्रदूषित नहीं करना चाहिए।

इन सब बातों को अपने जीवन में महत्त्व देकर हम अपने संसाधनों के संप्रदूषण को बढ़ावा दे सकते हैं।

 

लघुउत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. ऐसी पाँच चीज़ों की सूची बनाइए जिन्हें आप स्कूल में प्रतिदिन इस्तेमाल करते हैं। सूची में से उन चीज़ों को पहचानिए जिनका पुनःचक्रण किया जा सकता है।

उत्तर :- विद्यालय में प्रतिदिन उपयोग की वस्तुएँ– पेन, पेंसिल, कागज, ब्लेड, पैमाना, प्लास्टिक की थैलियाँ।

 

प्रश्न 2. सामुदायिक स्तर पर जल-संभरण से संबंधित दो लाभों की सूची बनाइए।

उत्तर :- (i) सामुदायिक स्तर पर जल संभरण कृषि उत्पादन में सहायक होता है।

(ii) अल्प वृष्टि के समय यह सूखे से निपटने में सहायक होता है।

 

प्रश्न 3. कर्नाटक के एक गाँव में लोगों ने एक ऐसी झील के चारों तरफ खेती करना आरंभ किया जो हमेशा ही पानी से भरी रहती थी। अपनी उपज बढ़ाने केलिए उन्होंने अपने खेतों में उर्वरक का उपयोग किया। शीघ्र ही उन्होंने देखाकि वह झाल रैरते हुए हरे पौधों से ढक गई, और फिर झील में पौधे और मछलियाँ बड़ी संख्या में मरने लगे। इस स्थिति का विश्लेषण कीजिए और पौधों की अत्यधिक वृद्धि का और झील की मछलियों का बड़ी संख्या में मरने के कारण बताइए।

उत्तर :- अधिक से अधिक खादयानन उपजाने हेतु किसान दवारा अत्यधिक मात्रा से र्वरकों का उपयोग होने लगा। अधिक नाइट्रोजन व फॉस्फोरस युक्त यौगिक (उर्वरक) वर्षा जल के साथ झील में इकट्ठा होने के कारण उसमें पोषक तत्वों की वृद्धि होने लगी जिससे जलीय पादपों में लगातार वृद्धि के कारण संपूर्ण झील ढक गए। इस घटना को यूट्रोफिकिशन कहा जाता है। संपूर्ण झील के ढक जाने के कारण जलीय जीवों (मछलियों) को सूर्य का प्रकाश व ऑक्सीजन की कमी होने लगी जिससे उनकी मृत्यु होने लगी।

 

प्रश्न 4. अपने घर में कम बिजली खर्च करने के लिए आप क्या उपाय करेंगे?

उत्तर- घर में बिजली कम खर्च करने के उपाय–

(a) जब घर से बाहर हों, तो पंखे, बल्ब, T.V , AC कूलर आदि बंद कर देना चाहिए।

(b) साधारण बल्ब की जगह LED, CFL का उपयोग करना चाहिए।

(c) सोलर सेल का उपयोग अधिक बिजली बचा सकती है।

(d) सर्दियों के मौसम में सौर जल ऊष्मक का प्रयोग करना चाहिए।

प्रश्न 5. हालाँकि कोयला और पेट्रोलियम जैव संहति के अपघटन से उत्पन्न होते हैं, फिर भी हमें उनके संरक्षण करने की आवश्यकता है। क्यों ?

‘उत्तर :- कोयला एवं पेट्रोलियम दोनों जैव संहति के अपघटन से उत्पन्न हैं जिसमें लाखों बर्ष लग जाते हैं । इनके उपलब्ध भंडार सीमित मात्रा में हैं जो कुछ वर्षों में समाप्त हो सकते हैं। इसलिए इनको लंबी अवधि तक कायम रखने हेतु संरक्षण अति आवश्यक है।

 

प्रश्न 6. वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड स्तर का नियंत्रण करने के लिए कुछ उपायों का सुझाव दीजिए।

‘उत्तर :- वातावरण में CO2 स्तर को नियंत्रित करने के उपाय–

(a) कोयला एवं पेट्रोलियम पदार्थों का उपयोग कम करना चाहिए।

(b) पेट्रोलियम के स्थान पर CNG का उपयोग अत्यधिक करना चाहिए।

(c) अत्यधिक संख्या में पेड़-पौधे लगाकर |

 

प्रश्न 7. (A) चित्र 16.1 (a) और (b) में जलाशयों का पता लगाइए और उनके नामबताइए।

(B) कौन-सा जलाशय दूसरे जलाशय की अपेक्षा अधिक लाभप्रद है, और क्यों?


                                              चित्र 16.1

 

उत्तर :- (A) चित्र (a) में जलाशय – तालाब चित्र (b) में जलाशय — भूमिगत जल

(B) भूमिगत जल तालाब की अपेक्षा अधिक लाभदायक है। यह भूमि के अंदर होने के कारण वाध्यित नहीं हो पाता जिससे विस्तृत क्षेत्र में पेड़-पौधों को जल उपलब्ध हो पाता है। यह जल प्रदूषित भी नहीं हो पाता है।

 

दीर्घउत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के संबंध में, कम उपयोग करना, पुनःचक्रण और पुनःउपयोग शब्दों की व्याख्या कीजिए। अपने दैनिक जीवन में प्रयोग करने वाले पदार्थों में से प्रत्येक श्रेणी के दो-दो पदार्थों की पहचान कीजिए ।

उत्तर :- उत्तर के लिए लघु-उत्तरीय महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर 2, 3 4 देखें।

 

प्रश्न 2. अपने दैनिक जीवन में किए जाने वाले उन पाँच क्रियाकलापों की सूची बनाइए जिनमें प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण किया जा सकता है अथवा ऊर्जा के उपयोग को कम किया जा सकता है।

उत्तर :- उत्तर के लिए अभ्यास प्रश्नोत्तर 6 देखें।

 

प्रश्न 3. कया जल संरक्षण आवश्यक है? कारण बताइए।

उत्तर :- उत्तर के लिए लघु-उत्तरीय महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर 2325 देखें।

 

प्रश्न 4. अपशिष्ट जल का उपयोग करने की कुछेक लाभकारी विधियों का सुझावदीजिए।

उत्तर :- अपशिष्ट जल के उपयोग की लाभकारी विधियाँ–

(a). भूमिगत जलस्तर के पुनःचक्रम करने में ।

(b). फसलों की सिंचाई करने में ।

(c). बगीचों, पार्कों की सिंचाई में ।

(d) अपशिष्ट जल को शुद्ध कर गाड़ियों को धोने में ।

 

प्रश्न 5. एक संसाधन के रूप में वन का क्या महत्व है?

उत्तर :- उत्तर के लिए पाद्यपुस्तक प्रश्नोत्तर पृष्ठ 306 प्रश्न ! देखें।

 

प्रश्न 6. बंगाल के अराबाड़ी वनों को संरक्षित वन का एक उत्तम उदाहरण क्यों माना जाता है?

उत्तर–. बंगाल के अराबाड़ी वनों को संरक्षित वन का उत्तम उदाहरण इसलिए माना जाता है क्योंकि वहाँ के वन विभाग ने अपनी नीतियों में बदलाव कर वनों की सुरक्षा के लिए वहाँ के नागरिकों को भी हिस्सेदार बना दिया। वहाँ के नागरिकों को यह जिम्मेदारी दी गई कि वे वनों की देखभाल करें तथा वहाँ की उपज का पच्चीस प्रतिशत खुद उपयोग करें। उन्हें अत्यंत ही कम मूल्य पर ईंधन हेतु लकड़ी तथा पशुओं को चराने की अनुमति भी मिली। इस प्रकार बंगाल के अराबाड़ी वनों के स्थानीय निवासियों की ऐच्छिक व सकारात्मक भागीदारी से साल के वृक्षों को संरक्षण मिला। इस प्रकार यह वन संरक्षण का उत्तम उदाहरण है।

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