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Class 9 Science Subjective Question Chapter - 5 जीवन की मौलिक इकाई

Class 9 Science Subjective Question Chapter – 5 जीवन की मौलिक इकाई

        

                                                                  -:  अतिलघु उत्तरीय प्रश्न  :-

 

प्रश्न:1 कोशिका को सर्वप्रथम किस वैज्ञानिक ने देखा?

उत्तर:- कोशिका की खोज सर्वप्रथम रॉबर्ट हुक ने (1665) में की। उन्होंने कार्क की एक महीन काट में मधुमक्खी के छत्ते के समान कोठरियाँ देखीं जिन्हें उन्होंने कोशिका (सेल-Cell) का नाम दिया।

 

प्रश्न:2 कोशिका को जीवन की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई क्यों कहा जाता है ?

उत्तर:- सभी जीव कोशिकाओं के बने होते हैं, ये जीवन की मूलभूत इकाई हैं। जीवित कोशिका में मूलभूत कार्य करने की क्षमता होती है। अत: इसे जीवन की संरचनात्मक तथा क्रियात्मक इकाई कहते हैं।

 

प्रश्न:3 कोशिकाभिक्ति कहाँ पायी जाती है ?

उत्तर:- कोशिकाभित्ति पादप कोशिकाओं में पायी जाती है।

 

प्रश्न:4 कौन- से कोशिकांग सक्रिय श्वसन स्थल हैं ?

उत्तर:- माइटोकॉण्ड्रिया कोशिकांग के सक्रिय श्वसन स्थल हैं।

 

प्रश्न:5 किस कोशिकांग को आत्म-हत्या की थैली कहा जाता है?

उत्तर:- लाइसोसोम को आत्म-हत्या की थैली कहा जाता है।

 

प्रश्न:6 कोशिका के अन्दर प्रोटीन संश्लेषण कहाँ होता है?

उत्तर:- कोशिका के अन्दर प्रोटीन संश्लेषण राइबोसोम में होता है।

 

प्रश्न:7 लवक कहाँ पाये जाते हैं ?

उत्तर:- लवक सिर्फ पादप कोशिकाओं में पाये जाते हैं।

 

प्रश्न:8 कोशिका के किन्हीं दो अंगकों के नाम लिखें जिसमें DNA पाया जाता है।

उत्तर:- कोशिका के दो अंगक माइटोकॉण्ड्रिया तथा लवक में DNA पाया जाता है।

 

प्रश्न:9 भोजन का सम्पूर्ण ऑक्सीकरण किस कोशिकांग में होता है ?

उत्तर:- भोजन का सम्पूर्ण ऑक्सीकरण माइटोकॉण्ड्रिया में होता है।

 

प्रश्न:10 कोशिकाभित्ति तथा कोशिका झिल्ली में मूल अन्तर क्या है?

उत्तर:- कोशिकाभित्ति कड़ी और निर्जीव होती है, जबकि कोशिका झिल्ली अर्द्धपारगम्य एवं सजीव होती है।

 

प्रश्न:11 कोशिका झिल्ली को चयनात्मक पारगम्य झिल्ली क्यों कहते हैं ?

उत्तर:- कोशिका झिल्ली द्वारा कुछ ही पदार्थ अन्दर या बाहर आ-जा सकते हैं, सब पदार्थ नहीं। इसलिए इसको चयनात्मक पारगम्य झिल्ली कहते हैं।

 

प्रश्न:12 क्या पादप कोशिका में सेंट्रोसोम पाया जाता है ?

उत्तर:- नहीं, पादप कोशिका में सेंट्रोसोम नहीं पाया जाता है।

 

प्रश्न:13 गॉल्जी उपकरण कहाँ पाया जाता है?

उत्तर:- गॉल्जी उपकरण कोशिका में पाया जाता है।

 

प्रश्न:14 ल्यूकोप्लास्ट का क्या कार्य है ?

उत्तर:- ल्यूकोप्लास्ट खाद्य संचय का कार्य करता है।

 

प्रश्न:15 अन्तःप्रद्रव्यी जालिका कितने प्रकार की होती है ?

उत्तर:- दो प्रकार की होती है

        चिकनी तथा दानेदार

 

प्रश्न:16 कौन-सी कोशिकीय रचना जीन वाहक है?

उत्तर:- DNA.

 

प्रश्न:17 क्रोमैटिन धागे कब क्रोमोसोम की तरह दिखायी पड़ते हैं ?

उत्तर:- कोशिका विभाजन के समय क्रोमाइटिन धागे क्रोमोजोम की तरह दिखायी पड़ते हैं।

 

प्रश्न:18 जीन किसे कहते हैं ?

उत्तर:- DNA के क्रियात्मक खण्ड को जीन कहते हैं।

 

प्रश्न:19 क्रोमोसोम का निर्माण किन-किन घटकों से होता है?

उत्तर:- क्रोमोसोम का निर्माण ऐलीकिल, मैट्रिक्स, क्रोमाइटिक्स, क्रोमोनिमायटा और सेंट्रोमीयर घटकों से होता है।

 

प्रश्न:20 केंद्रिका कहाँ पाया जाता है ?

उत्तर:- केंद्रिका केंद्रक के अन्दर केंद्रक द्रव्य में पाया जाता है।

 

प्रश्न:21 किस प्रकार की कोशिका में केंद्रक नहीं पाया जाता है?

उत्तर:- प्रोकैरियोटिक कोशिका में केंद्रक नहीं पाया जाता है।

 

प्रश्न:22 कोशिका के भीतरी तथा बाहरी वातावरण के बीच गैसों का आदान-प्रदान किस क्रिया द्वारा होता है?

उत्तर:- सिर्फ विसरण के द्वारा।

 

प्रश्न:23 पौधों में गैसों का आदान-प्रदान किस संरचना द्वारा होता है।

उत्तर:- पौधों में गैसों का आदान-प्रदान स्टोमैटा द्वारा होता है।

 

प्रश्न:24 पौधों के मूल रोम द्वारा जल के अवशोषण में किस क्रिया का उपयोग होता है ?

उत्तर:- परासरण द्वारा।

 

प्रश्न:25 जीवों का शरीर किससे बना होता है?

उत्तर:- कोशिकाओं से।

 

प्रश्न:26 बहुकोशिकीय जीवों का विकास एक कोशिका से किस क्रिया द्वारा होता है?

उत्तर:- कोशिका विभाजन द्वारा।

 

प्रश्न:27 एक ऐसे कोशिका का उदाहरण दें जो अपना आकार बदलती रहती है।

उत्तर:- अमीबा।

 

प्रश्न:28 जीवों के शरीर में कोशिकाओं की संख्या किस पर निर्भर करती है?

उत्तर:- जीव के शरीर के आकार पर।

 

प्रश्न:29 केन्द्रक के बारे में सर्वप्रथम किस वैज्ञानिक ने बताया?

उत्तर:- मैक्स मुल्ज

 

प्रश्न:30 यह किसने बताया कि नई कोशिकाओं का निर्माण पहले से मौजूद कोशिकाओं से होता है?

उत्तर:- विरचो ( Vircho ) ने।

 

प्रश्न:31 कोशिकाद्रव्यं एवं केन्द्रक को सम्मिलित रूप से क्या कहते हैं?

उत्तर:- जीवद्रव्य या प्रोटोप्लाज्मा

 

प्रश्न:32 कोशिकाभित्ति किसके कारण कड़ी और निर्जीव होती है?

उत्तर:- सेल्यूलोस के कारण।

 

प्रश्न:33 झिल्लीयुक्त कोशिकांग किन कोशिकाओं में पाए जाते हैं?

उत्तर:- यूकरियोटिक कोशिकाओं में।

 

प्रश्न:34 अंत: प्रद्रव्यी जालिका कितने प्रकार की होती है?

उत्तर:- दो प्रकार की

(i) चिकनी अंतः प्रद्रव्यी जालिका,

(ii) खुरदरी अंत: प्रद्रव्यी जालिका।

 

प्रश्न:35 गुच्छों में पाए जाने वाले राइबोसोमों को क्या कहते हैं?

उत्तर:- पॉलीराइबोसोमा

 

प्रश्न:36 पादप कोशिका में गॉल्जी उपकरण को सामान्यतः क्या कहते हैं ?

उत्तर:- डिक्टियोसोमा

 

प्रश्न:37 कोशिका की रसधानियों को चारों ओर से घेरने वाली झिल्ली को क्या कहते हैं?

उत्तर:- टोनोप्लास्ट।

 

प्रश्न:38 केन्द्रक द्रव्य एवं कोशिका द्रव्य के बीच पदार्थों का आदान-प्रदान किन छिद्रों द्वारा होता है?

उत्तर:- केन्द्रक छिद्र के द्वारा होता है।

 

प्रश्न:39 क्रोमैटिन जालिका कहाँ पाई जाती है?

उत्तर:- केन्द्रक द्रव्य में पाई जाती है।

 

प्रश्न:40 आर.एन.ए. का संश्लेषण कहाँ होता है?

उत्तर:- केन्द्रिका में

 

प्रश्न:41 क्रोमोसोम के दोनों क्रोमैटिड्स किस स्थान पर एक दूसरे से संयोजित रहते हैं?

उत्तर:- सेंटोमियर।

 

प्रश्न:42 क्रोमोमोम के शीर्ष भाग को क्या कहते हैं?

उत्तर:- टेलोमियर।

 

प्रश्न:43 मानव शरीर की कोशिकाओं में कितने क्रोमोसोम पाए जाते हैं?

उत्तर:- 46 (छियालीस)।

 

प्रश्न:44 कोशिका का आकार एवं आकृति किसके अनुरूप होती है?

उत्तर:- पतले और लंबे तार की तरह।

 

प्रश्न:45 माइटोकॉण्ड्रिया कहाँ पाया जाता है?

उत्तर:- कोशिका द्रव्य में।

 

प्रश्न:46 रंगहीन या श्वेत प्लैस्टिड को क्या कहते हैं?

उत्तर:- ल्यूकोण्लास्ट।

 

प्रश्न:47 गॉल्जी उपकरण में पायी जानेवाली चारों तरफ से झिल्ली से घिरी हुई अनेक समांतर नलिकाओं के समूह को क्या कहते हैं ?

उत्तर:- कुंडिकाओं या सिस्टर्नी।

 

प्रश्न:48 क्लोरोप्लास्ट के भीतर विद्यमान तरलयुक्त गुदा को क्या कहा जाता है?

उत्तर:- स्ट्रोमा।

 

प्रश्न:49 किस संरचना के अभाव में वायरस में सजीवों का लक्षण परिलक्षित नहीं होता है?

उत्तर:- झिल्ली के अभाव में।

 

प्रश्न:50 फूलों में विभिन्न रंग प्रदान करनेवाले प्लैस्टिड को क्या कहते हैं?

उत्तर:- क्रोमोप्लास्ट।

                   

 

                                                                            -:  लघु उत्तरीय प्रश्न  :-

 

प्रश्न:1 निम्नलिखित में किन्हीं दो के प्रमुख कार्य बताएँ।

(i) राइबोसोम  (ii) माइटोकॉण्ड्यिा    (iii) हरितलवक  (iv) गुणसूत्र    (v) गॉल्जी उपकरण

(vi) रिक्तिका/रसधानी  (vii) कोशिकाभित्ति  (viii) कोशिका झिल्ली   (ix) लाइसोसोमा

उत्तर:-

(i) राइबोसोम के कार्य-

इनमें प्रोटीन का संश्लेषण होता है।

(ii) माइटोकॉण्ड्रिया के कार्य–

(a) इनमें उपस्थित कोशिकीय श्वसन के एंजाइम के चलते भोजन का सम्पूर्ण ऑक्सीकरण होता है। इसके फलस्वरूप जीव के लिये ढेर सारी अति आवश्यक ऊर्जा मुक्त होती है। इसलिये माइटोकॉण्ड्रिया को कोशिकीय ऊर्जागृह (Powerhouse of the cell) कहा जाता है।

(b) यह ऊर्जा ATP (adenosine triphosphate) के रूप में जमा रहता है। कोशिका नये यौगिक के निर्माण के समय ATP में संचित ऊर्जा का इस्तेमाल करती है।

(c) क्रिस्टी से अन्दर की झिल्ली का सतह क्षेत्र बढ़ता है।

(iii) हरितलवक के कार्य-

(a) ल्यूकोप्लास्ट मुख्यत: जड़ की कोशिकाओं में पाये जाते हैं और खाद्य संचय का कार्य करते हैं। इसमें स्टार्च, प्रोटीन तथा तेल जैसे पदार्थ संचित रहते हैं।

(b) क्रोमोप्लास्ट फूलों और बीजों को विभिन्न रंग प्रदान करते हैं।

(c) क्लोरोप्लास्ट मुख्यतः पत्तियों में पाया जाता है एवं भोजन संश्लेषण में सहायक है।

(iv) गुणसूत्र के कार्य– एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में वंशागत सूचना प्रेषित करना।

(v) गॉल्जी उपकरण के कार्य–

(a) ER संश्लेषित पदार्थों का संचयन, रूपान्तरण तथा पैक कर कोशिका के बाहर और अंदर विभिन्न क्षेत्रों में भेजता है।

(b) कोशिका का मुख्य स्रवण अंगक है,

(c) लाइसोसोम एवं पेरॉक्सिसोम के निर्माण में मदद करता है।

(d) कुछ परिस्थितियों में इसमें सामान्य शक्कर से जटिल शक्कर का निर्माण होता है।

(e) पादप कोशिका विभाजन के समय कोशिका प्लेट (cell plate) बनाने में सहायक है।

(vi) रिक्तिका/रसधानी के कार्य–

(a) जन्तु कोशिका में यह जल संतुलन का कार्य करती है।

(b) कोशिका रस में मौजूद विभिन्न पदार्थों को कोशिकाद्रव्य से अलग रखती है।

(c) कुछ एक कोशिकीय जीवों में विशिष्ट रसधानियाँ कुछ अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में सहायक होती हैं।

(d) पादप कोशिकाओं में ये स्फीति (turgidity) तथा कठोरता प्रदान करती है।

(vii) कोशिकाभित्ति के कार्य–

(a) यह कोशिका को निश्चित रूप प्रदान करती है।

(b) यह कोशिका को सुरक्षा और सहारा भी प्रदान करती है।

(c) यह कोशिका झिल्ली की रक्षा करती है।

(d) यह कोशिका को सूखने से बचाता है।

(viii) कोशिका झिल्ली के कार्य–

(a) यह एक सीमित झिल्ली का कार्य करती है।

(b) यह कोशिका का एक निश्चित आकार बनाये रखने में सहायता करती है।

(c) यह कोशिका को यांत्रिक सहारा (Mechanical Support) प्रदान करती है।

(d) यह भिन्न भिन्न प्रकारका अणुओं को बाहर निकलने एवं अंदर आने में नियंत्रण करती है।

(e) जंतु कोशिका में यह सीलिया फ्लैजिला, माइक्रोमिलाई आदि के निर्माण में सहायक है।

(ix) लाइसोसोम के कार्य-

(a) कोशिका में प्रवेश करनेवाले बड़े कणों एवं बाह्य पदाची का पाचन करता है।

(b) अन्त:कोशिकीय पदार्थों तथा अंगकों के टूटे-फूटे भागों को पाचित कार कोशिका को साफ करता है।

(c) जीवाणु एवं वायरस से रक्षा करता है।

(d) जिस कोशिका रहता है उसी को आवश्यकतानुसार नष्ट करने का कार्य करता है।

 

प्रश्न:2 किस प्रकार की कोशिका को प्रोकैरियोटिक कोशिका कहा जाता है?

उत्तर:- प्रोकैरियोटिक प्रकार की कोशिकाओं में नाभिक नहीं होता व नाभिकीय क्षेत्र न्यूक्लिओहह (Nucleoid) कहलाता है। इस कोशिका का द्रव्य के साथ सीधा संपर्क होता है।

 

प्रश्न:3 पादप कोशिकाओं और जन्तु कोशिकाओं में मुख्य अन्तर क्या है?

उत्तर:-

           -:  पादप कोशिका  :-

1. सैल्लोस से बनी कोशिका भित्ति होती है।

2.लवक (क्लोरोप्लास्ट) पाये जाते हैं।

3. रिक्तिका बड़ी होती है।

4. सेंट्रोसोम नहीं होता।

5. गॉल्जी उपकरण डिक्टियोसोम के रूप में होता है।

6. ‘ प्रायः आकार में बड़ी होती है।

  
        -:  प्राणी (जंतु) कोशिका  :-

1. कोशिकाभित्ति नहीं होती है।

2. लवक नहीं होते।

3. रिक्तिका नहीं होती या बहुत छोटी होती है।

4. गॉल्जी उपकरण पूर्ण विकसित होते हैं।

5. सेंट्रोसोम होते हैं।

6. अपेक्षाकृत आकार में छोटी होती है।

 

प्रश्न:4 यदि गॉल्जी उपकरण न हो तो कोशिका पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?

उत्तर:- यदि कोशिका में गॉल्जीकाय न हो तो अन्तर्द्रव्यी जालिका में बने पदार्थों का कोशिका के अन्दर व बाहर आवश्यक भागों को स्थानान्तरण बंद हो जाएगा। लाइसोसोम का निर्माण नहीं होगा जिसमें बहुत-से एन्जाइमों व हार्मोनों का निर्माण नहीं होगा जिससे कोशिका से अपशिष्ट पदार्थों का निष्कासन नहीं होगा। इन सबसे कोशिका का जीवन कम हो जाएगा।

 

प्रश्न:5  कोशिका के किस अंगक को बिजलीघर कहते हैं और क्यों ?

उत्तर:- माइट्रोकॉण्ड्रिया में भोजन के ऑक्सीकरण से ऊर्जा मुक्त होती है। यहीं पर ऊर्जा ATP के रूप में संचित होती है। इसलिये इसे कोशिका का ऊर्जा संयंत्र कहते हैं। माइटोकॉण्ड्रिया को कोशिका का बिजलीघर अथवा ऊर्जा घर कहा जाता है क्योंकि यह भोजन के ऑक्सीकरण तथा ऊर्जा उत्पादन का कार्य करता है।

 

प्रश्न:6 एंडोसाइटोसिस किसे कहते हैं ?

उत्तर:- कुछ एककोशिकीय जंतुओं जैसे अमीबा में कोशिका झिल्ली का लचीलापन कोशिका को इस योग्य बनाता है कि अपने बाहरी वातावरण से ये भोजन तथा अन्य खाद्य पदार्थों का अधिग्रहण कर सकती है। कोशिका झिल्ली द्वारा संपन्न होनेवाली इस क्रिया को एंडोसाइटोसिस (endocytosis) कहते हैं।

 

प्रश्न:7 लवक कितने प्रकार के होते हैं एवं इनके क्या कार्य हैं ?

उत्तर:- लवक मुख्यत: तीन प्रकार के होते हैं-

अवर्णीलवक या ल्यूकोप्लास्ट, वर्णीलवक या क्रोमोप्लास्ट तथा हरितलवक या क्लोरोप्लास्ट।

 

इनके निम्न कार्य हैं-

कार्य-

(i) ल्यूकोप्लास्ट मुख्यत: जड़ की कोशिकाओं में पाये जाते हैं और खाद्य संचय का कार्य करते हैं। इसमें स्टार्च, प्रोटीन तथा तेल जैसे पदार्थ संचित रहते हैं।

(ii) क्रोमोप्लास्ट फूलों और बीजों को विभिन्न रंग प्रदान करते हैं।

(iii) क्लोरोप्लास्ट मुख्यत: पत्तियों में पाया जाता है एवं भोजन-संश्लेषण में सहायक है।

 

प्रश्न:8 केंद्रक झिल्ली में पाये जानेवाले छिद्र का क्या कार्य है?

उत्तर:- केंद्रक झिल्ली या केंद्रक कला में पाये जानेवाली छिद्रों के द्वारा केंद्रकद्रव्य एवं कोशिका द्रव्य के बीच पदार्थों का आदान-प्रदान होता है।

 

प्रश्न:9 जीन को आनुवंशिकी इकाई क्यों कहते हैं ?

उत्तर:- जीन पैतृक गुणों के वाहक होते हैं, इसीलिये इसको आनुवंशिक इकाई कहते हैं।

 

प्रश्न:10 विसरण तथा परासरण में क्या अन्तर है?

उत्तर:-

                          -:  विसरण  :-

1. यह क्रिया प्रायः पदार्थ की तीनों अवस्थाओं (गैस, द्रव, ठोस) में होती है।

2. इसमें अर्द्ध, पारगम्य झिल्ली होना आवश्यक

                          -:  परासरण  :-

1. यह क्रिया केवल द्रव पदार्थों में होती है।

2. इसमें दो भिन्न सांद्रण घोलों के मध्य नहीं है।अर्द्ध, पारगम्य झिल्ली होना आवश्यक है।

 

प्रश्न:11 जीवों में पदार्थों के परिवहन की क्या आवश्यकता है?

उत्तर:- जीवों में उपयोगी पदार्थों का उनके मूल स्रोतों से शरीर के प्रत्येक कोशिका तक पहुँचाने तथा अनुपयोगी या हानिकारक पदार्थों को कोशिकाओं से निकालकर गंतव्य स्थान तक पहुँचाने की क्रिया को पदार्थों का परिवहन कहते हैं। पदार्थों के परिवहन में कोशिका में मौजूद कोशिका झिल्ली मुख्य भूमिका निभाती है। यह कार्य विसरण एवं परासरण क्रियाओं द्वारा संपन्न होता है। जीवों में गैसों का आदान-प्रदान विसरण द्वारा होता है जबकि पौधे अपने मूल रोम से जल का अवशोषण परासरण द्वारा करते हैं। अत: जीवों में पदार्थों के परिवहन की महत्त्वपूर्ण आवश्यकता है।

 

प्रश्न:12 क्रोमोसोम तथा क्रोमैटिड में क्या अन्तर है?

उत्तर:-

                   -:  क्रोमोसोम (गुणसूत्र)  :-

1. क्रोमोसोम महीन, लंबा तथा अत्यधिक कुण्डलित धागे के रूप में दिखायी देता है।

2. क्रोमोसोम बेलनाकार होते हैंl

3. क्रोमैटिड के कोई भाग नहीं होते हैं।

(i) पेलिकल, (ii) मैट्रिक्स तथा (iii) क्रोमैटिड।

              
                -:  क्रोमैटिड (अर्द्ध-गुणसूत्र)  :-

1. दो समान्तर कुण्डलित धागे के समान रचना होती है।

2. क्रोमैटिड बेलनाकार नहीं होते हैं।

3. क्रोमोसोम के तीन भाग होते हैं-

 

प्रश्न:13 यूकैरियोटिक कोशिकाओं के मुख्य लक्षण क्या होते हैं ?

उत्तर:- यूकैरियोटिक कोशिकाओं के लक्षण इस प्रकार हैं-

(i) इसका सामान्यतः आकार बड़ा होता है।

(ii) ये केंद्रक द्वारा केंद्रक झिल्ली द्वारा घिरा रहता है।

(iii) इसमें एक से अधिक गुणसूत्र होते हैं।

(iv) इसमें केंद्रिका पायी जाती है।

(v) इसमें झिल्लियों से बने कोशिकांग पाये जाते हैं।

(vi) इसमें कोशिका विभाजन समसूत्री तथा अर्द्धसूत्री विधियों से होता है।

(vii) इसमें अनेक क्रोमोसोम पाया जाता है।

 

प्रश्न:14 वायरसों में सजीवों का लक्षण क्यों नहीं पाया जाता है ?

उत्तर:- झिल्ली जीवों का एक आवश्यक हिस्सा होता है। वायरस (virus) में किसी प्रकार की झिल्ली नहीं होती है। इसके चलते इसमें सजीवों का लक्षण नहीं पाया जाता है।

 

प्रश्न:15 चिकनी अन्तःप्रद्रव्यी जालिका तथा खुरदरी अन्तःप्रद्रव्यी जालिका में मुख्य अन्तर क्या है?

उत्तर:- खुरदरी अन्तःप्रद्रव्यी जालिका की सतह पर राइबोसोम होते हैं जो प्रोटीन संश्लेषण का कार्य करते हैं जबकि चिकनी अन्तःप्रद्रव्यी जालिका पर राइबोसोम नहीं होते। ये लिपिडों को नावित करती हैं।

 

 

 

                                                                     -:  दीर्घ उत्तरीय प्रश्न  :-

 

प्रश्न:1 एक यूकैरियोटिक पादप कोशिका का इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी एवं नामांकित आरेखी चित्र बनाएँ। (वर्णन की आवश्यकता नहीं)

उत्तर:-

 

प्रश्न:2 इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी में दिखायी देनेवाली एक जंतु कोशिका का नामांकित चित्र बनाइये।

उत्तर:-

 

प्रश्न:3 माइटोकॉण्ड्यिा की रचना एवं राइबोसोन कार्यों का संक्षिप्त वर्णन करें।

उत्तर:- माइटोकॉण्ड्यिा- ये छड़ के आकार के या गोल अंगक हैं जो बहुत बड़ी संख्या में कोशिका में पाये जाते हैं। इनका आकार 0.2 से 2µm x 3 से 5 µm के मध्य होता है। प्रत्येक माइटोकॉण्ड्रिया दोहरी झिल्ली वाली होती है। बाह्य परत चिकनी एवं छिद्रित होती है। अतः परत बहुत अधिक वलित होती है और क्रिस्टी (Cristae) निर्मित करती है।

कार्य- माइटोकॉण्ड्रिया में ऑक्सी- कारक एन्जाइम होते हैं और इस प्रकार यह विभिन्न रासायनिक क्रियाओं के लिए ऊर्जा उत्सर्जित करती है जो ATP (Adenosine triphosphate) के रूप में एकत्रित रहती है। इसीलिए इसे ‘कोशिका का पावर-हाउस’ (Power House of the cell) भी कहा जाता है।

 

प्रश्न:4 यूकैरियोटिक तथा प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं के अन्तरों को स्पष्ट करें।

उत्तर:-

                        -:  प्रोकैरियोटिक कोशिका  :-

i. यह आद्य कोशिका है। इसका आकार प्रायः छोटा (1-10µm) होता है।

ii. इसमें वास्तविक केंद्रक अनुपस्थित होती है।

iii. यह केवल जीवाणुओं (Bacteria) एवं सायनोबैक्टीरिया में मौजूद रहता है।

iv. इसमें केंद्रिका (Nucleolus) नहीं पाया जाता है।

v. इसमें केवल एक क्रोमोसोम पाया जाता है।

vi. इसमें गॉल्जीकाय, माइटोकॉण्ड्रिया, अन्तः प्रद्रव्यी जालिका (endoplasmic recticu- lum) नहीं पाये जाते हैं।

vii. इसमें क्लोरोप्लास्ट (chloroplast) नहीं पाया जाता है।

viii. इसमें कोशिका विभाजन विखण्डन (Fission) या मुकुलन (Budding) द्वारा होता है।

 
                        -:  यूकैरियोटिक कोशिका  :-

i. यह विकसित कोशिका है। इसका आकार प्रायः बड़ा (5-100µm) होता है।

ii. इसमें वास्तविक केंद्रक उपस्थित होती है।

iii. यह सभी पादपों और जंतुओं में मौजूद रहता है।

iv. इसमें केंद्रिका पाया जाता है।

v. इसमें अनेक क्रोमोसोम पाया जाता है।

vi. इसमें गॉल्जीकाय, माइटोकॉण्ड्रिया, अन्तःप्रद्रव्यी जालिका पाये जाते हैं।

vii. इसमें क्लोरोप्लास्ट पादप कोशिकाओं में पाया जाता है।

viii. इसमें कोशिका विभाजन माइटोसिस या मिऑसिस (mitosis or meiosis) द्वारा होता है।

 

प्रश्न:5 क्रोमोसोम की संरचना को सचित्र समझाएँ।

उत्तर:- क्रोमोसोम एक सामान्य कोशिका के केंद्रक में महीन, लंबे तथा अत्यधिक कुंडलित धागे के रूप में दिखते हैं। कोशिका विभाजन के समय ये स्पष्ट दिखायी देते हैं।

सामान्यतः क्रोमोसोम बेलनाकार होते हैं

(i) पेलिकल (pellicle),

(ii) मैट्रिक्स (matrix) तथा क्रोमैटिड्स (chromatids) |

क्रोमोसोम का सबसे बाहरी आवरण पेलिकल कहलाता है। पेलिकल के द्वारा घिरा हुआ भाग मैट्रिक्स कहलाता है। मैट्रिक्स में, क्रोमोसोम की पूरी लंबाई में, दो समानांतर कुंडलित धागे के समान रचना होती है, जो अर्द्ध गुणसूत्र या क्रोमैटिड्स (Chromatids) कहलाते हैं। प्रत्येक क्रोमैटिड में दो या दो से अधिक अत्यंत महीन कुंडलित (coiled) धागे के समान रचनायें होती हैं, जिन्हें क्रोमोनिमैटा (Chromonemata) कहते हैं। प्रत्येक क्रोमैटिड के क्रोमोनिमैटा इतनी अधिक घनिष्ठता से एक-दूसरे से

संबद्ध होते हैं कि वे एक ही दिखायी पड़ते हैं। क्रोमैटिड DNA तथा हिस्टोन (Histone) प्रोटीन का बना होता है। इसी DNA अणु के खण्ड जीन हैं जो क्रोमैटिड की पूरी लंबाई में दाने सदृश दिखते हैं। क्रोमोसोम के दोनों क्रोमैटिड एक स्थान पर सेंट्रोमियर (Centromere) के द्वारा एक-दूसरे से संयोजित रहते हैं। सभी जीवों की कोशिकाओं के केंद्रक में पाये जानेवाले क्रोमोसोम की संख्या निश्चित होती है, जैसे मानव शरीर की कोशिकाओं में 46 क्रोमोसोम, ड्रोसोफिला (Drosophila) की कोशिकाओं में 8 क्रोमोसोम, मकई के पौधे की कोशिकाओं में 20 क्रोमोसोम, टमाटर के पौधे की कोशिकाओं में 24 क्रोमोसोम, आलू के पौधे की कोशिकाओं में 48 क्रोमोसोम पाये जाते हैं। ये क्रोमोसोम सदा जोड़े में (paired) रहते हैं। एक जोड़े के दोनों क्रोमोसोम हमेशा एक-दूसरे के समान होते हैं, इसलिये ये दोनों समजात क्रोमोसोम (Homologous chromosome) कहलाते हैं। ऐसी कोशिका के क्रोमोसोम समूह जिसमें दोनों समघात क्रोमोसोम होते हैं, द्विगुणित (diploid) कहलाते हैं। परन्तु युग्मकों, जैसे शुक्राणु तथा अंडाणु में क्रोमोसोम की संख्या अधिक कोशिका के क्रोमोसोम की संख्या की आधी होती है। ऐसे कोशिका के क्रोमोसोम समूह अगुणित (Haploid) कहलाते हैं।

 

प्रश्न:6 केंद्रक का क्या कार्य है ? चित्र सहित इनकी संरचना का उल्लेख करें।

उत्तर:- केंद्रक कोशिका द्रव्य के बीच एक बड़ी, गोल, गाढ़ी संरचना पायी जाती है। सभी जीवित कोशिकाओं में केंद्रक मौजूद रहता है। इसके चारों और दोहरे परत की एक झिल्ली रहती है जिसे केंद्रककला या केंद्रक झिल्ली (Nuclear Membrane) कहते हैं। इसमें अनेक केंद्रकछिद्र रहते हैं। इन छिद्रों के द्वारा केंद्रक द्रव्य एवं कोशिकाद्रव्य के बीच पदार्थों का आदान-प्रदान होता है। प्रायः एक केंद्रक हर जीवित कोशिका में पाया जाता है। लेकिन कुछ कोशिकाओं में एक से ज्यादा केंद्रक पाये जाते हैं।

केंद्रक के अन्दर गाढ़ा, अर्धतरल द्रव्य भरा रहता है जिसे केंद्रकद्रव्य या न्यूक्लियोप्लाज्म (Nucleoplasm) कहते हैं। केंद्रकद्रव्य में महीन धागों की जाल जैसी रचना पायी जाती है, जिसे क्रोमैटिन जालिका (Chromatin Network) कहते हैं। ये डिऑक्सीराइबोस न्यूक्लिक अम्ल (डी. एन० ए० या DNA) एवं प्रोटीन से बने होते हैं। DNA आनुवंशिक लक्षणों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक ले जाता है। कोशिका विभाजन के समय क्रोमैटिन जालिका के धागे अलग होकर कई छोटी और मोटी छड़ जैसी रचनाओं में बदल जाते हैं, जिन्हें गुणसूत्र या क्रोमोसोम (Chromo- somes) कहते हैं। DNA अणु में कोशिका के निर्माण एवं संगठन की सभी आवश्यक सूचनाएँ होती हैं। DNA के क्रियात्मक खण्ड को जीन (Gene) कहते हैं। ये जीन पैतृक गुणों के वाहक होते हैं, अत: DNA को आनुवंशिक पदार्थ तथा जीन को आनुवंशिक इकाई (Hereditary Unit) कहते हैं।

 

केंद्रक के कार्य-

(i) केंद्रक कोशिका की रक्षा करता है और कोशिका विभाजन में भाग लेता है। केंद्रक की अनुपस्थिति में कोशिका विभाजन संभव नहीं है।

(ii) केंद्रक कोशिका के भीतर संपन्न होनेवाली सभी उपापचयी (metabolic) या जैविक तथा रासायनिक क्रियाओं का नियंत्रण करता है।

(iii) कुछ जीवों में कोशिकीय जनन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

(iv) यह कोशिका के विकास एवं परिपक्वन को निर्धारित करता है।

(v) केंद्रक प्रोटीन संश्लेषण के लिए आवश्यक कोशिकीय RNA उत्पन्न करते हैं।

 

प्रश्न:7 कोशिका झिल्ली पदार्थों के परिवहन में किस प्रकार अपनी भूमिका अदा करती है?

उत्तर:- कोशिका झिल्ली के द्वारा ही परासरण की क्रिया संपन्न होती है। पदार्थों के परिवहन के लिये जीवन तंत्रों में परिवहन तंत्र होता है जिसके अन्तर्गत जल एवं खाद्य पदार्थों का शरीर के एक भाग से दूसरे भाग तक संवहन होता है। पौधों में खाद्य पदार्थों का स्थानांतरण सदा अधिक सांद्रता वाले भागों से कम सांद्रता वाले भागों की ओर कोशिका झिल्ली के द्वारा ही होता है। जातुओं में भी गैसों, पोषक तत्वों, हार्मोन, उत्सर्जी पदार्थों का उपापचयी क्रियाओं फलस्वरूप उत्पन्न पदार्थों का शरीर के एक भाग से दूसरे भाग में परिवहन होता रहता है जिसमें कोशिका झिल्ली की मुख्य भूमिका रहती है।

 

प्रश्न:8 अल्पपरासरी समपरासरी तथा अतिपरासरी विलयनों में किसी जीवित कोशिका को बारी-बारी से डाला जाए तो कोशिका पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

उत्तर:- जब कोशिका को अल्पपरासरी विलयन (ऐसा विलयन जिनकी सांद्रता कोशिका के विलयन की अपेक्षा कम हो) में रखा जाता है तो बाहरी विलयन से पानी कोशिका के अन्दर प्रवेश करता है। इस क्रिया को अन्तःपरासरण (endosmosis) कहते हैं। जल के अणु कोशिका झिल्ली के दोनों ओर आते-जाते हैं, लेकिन कोशिका के अन्दर जानेवाले जल की मात्रा कोशिका के बाहर आनेवाले जल की मात्रा से अधिक होगी। इसका परिणाम यह होता है जल के कोशिका के भीतर प्रवेश करने से कोशिका फूल जायेगी।

जब कोशिका को समपरासरी विलयम (ऐसा विलयन जिनकी सान्द्रता कोशिकारस की सांद्रता के बराबर हो) में रखा जाता है तो कोशिका के आकार एवं वजन में कोई परिवर्तन नहीं होता है। जल के अणु कोशिकाझिल्ली के आर-पार तो जाते-आते हैं, लेकिन जल की जितनी मात्रा भीतर जाती है उतनी ही बाहर आ जाती है, इस प्रकार शुद्ध रूप से जल की कोई गति नहीं हुयी। जब कोशिका को अतिपरासरी विलयन (ऐसा विलयन जिनकी सान्द्रता कोशिका के विलयन की तुलना में अधिक होती है) में रखा जाता है तब कोशिका के अन्दर से जल निकलकर बाहरी विलयन में प्रवेश करता है। इस प्रक्रिया को बहिःपरासरण (exosmosis) कहते हैं। इस क्रिया के दौरान भी जल अणु कोशिकाझिल्ली के दोनों ओर आवागमन करने के लिये स्वतंत्र होते हैं, लेकिन कोशिका से बाहरी आनेवाले जल की मात्रा कोशिका के भीतर जानेवाले जल की मात्रा से अधिक होती है। फलस्वरूप कोशिका सिकुड़ जाएगी।

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