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Class 10 Political Science V.V.I Subjective Questions & Answer Chapter - 4 लोकतंत्र की उपलब्धियाँ

Class 10 Political Science V.V.I Subjective Questions & Answer Chapter – 4 लोकतंत्र की उपलब्धियाँ

                                                              

                                                                        (  2 – MARKS QUESTIONS  )

 

प्रश्न:1 गुप्त मतदान पत्र क्या है ?

उत्तर:- मतदान की प्राचीन विधि में प्रत्याशियों का चुनाव चिह्न नाम सहित एक पर्चे पर छापा जाता है । मतदाता को मतदान केन्द्र पर यह पत्र मतदान करने के लिए दिया जाता है । मतदाता अपने मत का प्रयोग इसी पत्र पर छपे प्रत्याशियों के चुनाव चिह्न पर मुहर लगाकर बक्से में डाल देता है । इससे उसका मत कहाँ गया यह अज्ञात होता है । इस पत्र को ही गुप्त मतदान पत्र कहते हैं ।

 

प्रश्न:2  किन्हीं दो प्रावधानों को लिखें जो भारत को धर्मनिरपेक्ष देश बनाता है ।

उत्तर:- भारतीय संविधान का अनुच्छेद 25-28 धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार अपने नागरिकों को प्रदान करता है । हम अपने धर्म का शान्तिपूर्ण ढंग से प्रचार कर सकते हैं । अतः भारत धर्मनिरपेक्ष संघ है ।

                                 

 

                                                                     (  5 – MARKS QUESTIONS  )

 

प्रश्न:1  लोकतंत्र किस प्रकार आर्थिक संवृद्धि एवं विकास में सहायक है ?

उत्तर:- आर्थिक संवृद्धि का सम्बन्ध जनता की जागरूकता , समाज एवं राज्य में एकता एवं अखण्डता की मौजूदगी , राजनैतिक स्थायित्व आदि से है । लोकतंत्र इन घटकों को प्रभावित करता है । विकास सम्बन्धी जो कार्यक्रम तैयार होते हैं उनकी जानकारी नागरिकों को लोकतंत्र कराता है ताकि इसका लाभ जनाधिक्य को मिल सके । यही नहीं जनाधिक्य को उनके अधिकारों का भी ज्ञान लोकतंत्र में कराया जाता है ताकि वे जागरू क बन जाएँ । राजनैतिक स्थिरता एवं राज्य में एकता एवं अखण्डता के आधार पर अमन और चैन का माहौल बनता है । लोकतंत्र में समाज के विभिन्न घटकों यथा धर्म , वर्ग , जाति , लिंग का उचित प्रतिनिधित्व होता है । ये लोग लिए जाने वाले सभी निर्णयों में भाग लेते हैं तथा अपनी पूर्ण हिस्सेदारी से संतुष्ट रहते हैं । इस कारण देश में जनाक्रोश पनपने की सम्भावना काफी कम होती हैं देश में अमनचैन का माहौल बना रहता है । राष्ट्र का आर्थिक विकास होता रहता है ।

 

प्रश्न:2  भाषा नीति क्या है ?

उत्तर:- भारत में बहुत – सी भाषाएँ बोली जाती हैं । इसलिए भारतीय संविधान में हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया गया । यह आबादी के 40 प्रतिशत लोगों की भाषा है । संविधान के अनुसार सरकारी काम – काज की भाषा में अंग्रेजी के प्रयोग के निषेध के बावजूद गैर हिन्दी भाषी प्रदेशों की माँग के कारण अंग्रेजी का प्रयोग जारी रहा । तमिलनाडु में इस माँग को लेकर उग्र प्रदर्शन हुआ । सरकार ने इस विवाद को हिन्दी के साथ – साथ अंग्रेजी को भी राजकीय कामों में प्रयोग की अनुमति देकर सुलझाया । भारत में 1991 की सूचना के आधार पर जनगणना में 1500 से ज्यादा अलग – अलग भाषाओं को अपनी मातृभाषा के रूप में दर्ज कराया । इन भाषाओं में कुछ को समूहबद्ध किया गया । जैसे भोजपुरी , मगही , बुंदेलखंडी , छत्तीसगढ़ी राजस्थानी , भीली आदि को भी हिन्दी के अंदर जोड़ दिया गया । इस समूह बद्धता के बाद भी 144 प्रमुख भाषाएँ पाईं गयीं । इनमें से 22 को भारतीय संविधान की आठवीं सूची में रखा गया । अत : इसे अनुसूचित भाषाएँ भी कहा जाता है ।

 

प्रश्न:3  लोकतंत्र किन स्थितियों में सामाजिक विषमताओं को पाटने में मददगार होता है और सामंजस्य के वातावरण का निर्माण करता है ?

उत्तर:- लोकतांत्रिक व्यवस्था एक सर्वोत्तम शासन व्यवस्था है जो भारतीयों के समय वाद – विवाद के पश्चात् एक सकारात्मक निष्कर्ष तक पहुँचने में मदद करती है । अपनी बातों को निर्भीकता के साथ रखना , इन्हें सुनने की स्वस्थ परम्परा विकसित करना लोकतांत्रिक व्यवस्था में सर्वत्र दिखाई देता है । इस प्रकार हर तरफ से सामाजिक , विषमताओं एवं समझदारी एवं सामंजस्य के निर्माण में लोकतंत्र अन्य राजनैतिक गठन की तुलना में ज्यादा आगे है । सामाजिक विषमताओं तथा विविधताओं के बीच आपसी समझदारी एवं सामंजस्य के निर्माण में लोकतंत्र तथा अन्य गैर – लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं की तुलना की जाती है । लोकतांत्रिक व्यवस्था इसमें हमेशा ही आगे है । बातचीत की सम्भावनाएँ यहाँ हमेशा हो सकती हैं । अतः लोकतंत्र सामाजिक विषमताओं को पाटने में मददगार है ।

 

प्रश्न:4  लोकतंत्र किस तरह उत्तरदायी एवं वैध सरकार का गठन करता है ?

उत्तर:- लोकतंत्र अप्रत्यक्ष , निर्वाचित जन प्रतिनिधियों द्वारा संचालित शासन प्रणाली है । निर्वाचित जन – प्रतिनिधियों के द्वारा विधायिका का गठन होता है । विधायिका से पारित होने के बाद ही मुद्दे निर्णय में बदलते हैं । लोकतांत्रिक व्यवस्था में लोग यह जानने का हक रखते हैं कि निर्णय या फैसला किन परिस्थितियों में कैसे लिए गए । लोकतंत्र यहाँ पारदर्शिता में विश्वास करती है । निर्णय के सम्बन्ध में जम कर चर्चाएँ होती हैं । तात्पर्य यह कि ये निर्णय यदि जनकल्याणकारी नहीं हैं अथवा जनआकांक्षाओं को पूरा कर पाने में अक्षम हैं तो आम बहस आदि के बाद विरोध का माहौल बनने लग जाता है । जनान्दोलन एवं जन – संघर्ष की सुगबुगाहट होने लगती है । । इस प्रकार काफी हद तक लोकतंत्र एक उत्तरदायी एवं वैध सरकार का गठन करता है ।

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