You are currently viewing Class 9 Science Subjective Question Chapter – 1 हमारे आसपास के प्रदार्थ
Class 9 Science Subjective Question Chapter - 1 हमारे आसपास के प्रदार्थ

Class 9 Science Subjective Question Chapter – 1 हमारे आसपास के प्रदार्थ

                                                                -:   अविलघु उत्तरीय प्रश्न   :-

 

प्रश्न:1 वह चीज़ क्या कहलाती है जो कुछ स्थान घेरती है तथा जिसमें द्रव्यमान होता है?

उत्तर:-   पदार्थ

 

प्रश्न:2 द्रव्य क्या है?

उत्तर:- पदार्थ का वह रूप जिसकी एक निश्चित संरचना हो एवं जिसके स्पष्ट गुण हों, द्रव्य कहलाता है।

 

प्रश्न:3 क्या चीनी एक द्रव्य है?

उत्तर:-  हाँ, चीनी एक द्रव्य है।

 

प्रश्न:4 पदार्थ की विभिन्न अवस्थाओं के नाम लिखें।

उत्तर:- पदार्थ की तीन अवस्थायें हैं—

(i) ठोस

(ii) द्रव

(iii) गैसीय।

 

प्रश्न:5 पदार्थ द्वारा अधिकृत स्थान क्या कहलाता है ?

उत्तर:- आयतन

 

प्रश्न:6 10°C पर जल की भौतिक अवस्था क्या होती है?

उत्तर:- द्रव

 

प्रश्न:7 अंतरा अणुक स्थान से क्या समझते हैं ?

उत्तर:- पदार्थ के कणों के मध्य रिक्त स्थान को अन्तराण्विक स्थान कहते हैं।

 

प्रश्न:8 अंतरा अणुक आकर्षण बल क्या है ?

उत्तर:-  पदार्थ अत्यंत छोटे-छोटे सूक्ष्म कणों का बना होता है। इन कणों के बीच एक प्रकार का आकर्षण बल कार्यरत रहता है। यह बल अंतरा अणुक आकर्षण बल कहलाता है।

 

प्रश्न:9  ठोस पदार्थ में बहाव ( Flow ) क्यों नहीं होता है ?

उत्तर:- ठोस पदार्थ के कण इतनी मजबूती से परस्पर बँधे रहते हैं। इनमें अन्तराण्विक स्थान बहुत कम होता है। इसीलिये ये निर्वात एक-दूसरे के ऊपर से फिसल नहीं सकते। अत: ठोस पदार्थों में बहाव की प्रवृति नहीं होती है।

 

प्रश्न:10 ठोस पदार्थ पर ऊष्मा का क्या प्रभाव पड़ता है ?

उत्तर:-  ऊष्मा के प्रभाव से ठोस कणों की ऊर्जा प्रायः बढ़ जाती है। ऐसा होने से ये कण अपने विराम के मध्य स्थान के चारों तरह अत्यधिक तीव्रता से कम्पन करने लगते हैं। किन्तु कणों की ऊर्जा इतनी अधिक भी नहीं होती है कि वे अपने विराम के मध्य स्थान को छोड़कर बाहर हो जायें। अत: ठोस पदार्थों में प्रसार की मात्रा बहुत कम होती है।

 

प्रश्न:11 उस प्रक्रिया का नाम बतायें जिसमें किसी दूषित वस्तु की दुर्गंध उसके चारों ओर वायु में फैल जाती है?

उत्तर:-  उर्ध्वपातन।

 

प्रश्न:12 जल की थोड़ी मात्रा को कमरे के फर्श पर गिरा देने पर वह क्यों फैल जाता है ?

उत्तर:- क्योंकि जल एक द्रव है। द्रव पदार्थों में बहने की प्रवृति पायी जाती है। इसी कारण जल की थोड़ी मात्रा को कमरे के फर्श पर गिरा देने पर वह फैल जाता है।

 

प्रश्न:13  10°C और 25°C में किस ताप पर जल का वाष्पन अधिक होता है?

उत्तर:-  25°C ताप पर जल का वाष्पन अधिक होता है।

 

प्रश्न:14 किसी द्रव के क्वथनांक पर वायु के दाब का क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तर:- द्रव का क्वथनांक वायुमण्डल के दाब पर निर्भर करता है। वायुमण्डल का दाब अधिक रहने पर द्रव का क्वथनांक भी बढ़ जाता है। इसके विपरीत वायुमण्डल दाब कम रहने पर द्रव का क्वथनांक भी कम हो जाता है। जब हम वायु में ऊपर जाते हैं तो वायुमण्डल का दाब कम होने लगता है जिससे द्रव का क्वथनांक भी कम होते जाता है।

 

प्रश्न:15 सामान्य दाब पर एक पदार्थ का क्वथनांक कमरे के ताप से कम है। बताएँ कि पदार्थ की भौतिक अवस्था क्या है?

उत्तर:-  द्रव

 

प्रश्न:16 किसी ठोस के द्रवणांक की परिभाषा लिखें।

उत्तर:- ठोस पदार्थ के द्रवणांक प्रायः उच्च होते हैं।

 

प्रश्न:17 क्या होता है जब जल को 0°C तक ठण्डा किया जाता है?

उत्तर:- जल को 0°C तक ठण्डा किया जाता है तो वह बर्फ का रूप धारण कर लेता है।

 

प्रश्न:18 गैस को ठण्डा करने पर क्या होता है?

उत्तर:- गैस को ठण्डा करने पर उसके कणों की ऊर्जा कम हो जाती है जिससे कणों का गमन धीमा हो जाता है और वे एक-दूसरे के अधिक निकट आ जाते हैं।

 

प्रश्न:19 अमोनियम क्लोराइड को गर्म करने पर क्या होता है ?

उत्तर:- अमोनियम क्लोराइड को गर्म करने पर वह सीधे वाष्प की अवस्था में बदल जाता है।

 

प्रश्न:20 पदार्थ की चतुर्थ अवस्था को क्या कहते हैं ?

उत्तर:- पदार्थ की चतुर्थ अवस्था प्लाज्मा अवस्था कहलाती है।

 

प्रश्न:21  क्या कारण है कि गैसों को संपीडित किया जा सकता है, किंतु द्रव को नहीं ?

उत्तर:- गैसों की अपेक्षा द्रव में अंतराण्विक स्थान बहुत कम होता है।

 

प्रश्न:22 उस गैस का नाम बताएँ जिसकी आपूर्ति अस्पतालों में द्रव-रूप में की जाती है।

उत्तर:-  ऑक्सीजन गैस

 

प्रश्न:23 किसी पदार्थ का ताप 35°C है। केल्विन स्केल में इसका ताप क्या होगा?

उत्तर:- 308.15K

 

प्रश्न:24 सामान्य दाब पर जल के एक नमूने का क्वथनांक 102°C है। क्या यह जल शुद्ध है?

उत्तर:- नहीं

 

प्रश्न:25 उबलते हुए जल की तुलना में उसका भाप अधिक जलन पैदा करता है, क्यों ?

उत्तर:-  अधिक ताप के कारण।

 

प्रश्न:26 क्या अमोनिया की गैसीय अवस्था को वाष्प कहा जा सकता है?

उत्तर:- नहीं

 

प्रश्न:27 एक ऐसे सामान्य पदार्थ का नाम लिखें जिसे गर्म या ठंडा करने पर उसकी अवस्था में परिवर्तन हो जाता है।

उत्तर:- जल

 

प्रश्न:28  ऐल्कोहॉल और ईथर में किसका वाष्पण तीव्रता से होगा?

उत्तर:- ईथर

 

प्रश्न:29 पदार्थ द्वारा अधिकृत स्थान क्या कहलाता है ?

उत्तर:-  पदार्थ द्वारा अधिकृत स्थान आयतन कहलाता है।

 

प्रश्न:30 क्या पदार्थ के ठोस रूप में भी उसके कण गतिमान रहते हैं ?

उत्तर:- हाँ, पदार्थ के ठोस रूप में भी उसके कण गतिमान रहते हैं।

 

प्रश्न:31 गैस के दाब से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर:- बर्तन के दीवारों के प्रति इकाई क्षेत्रफल पर गैसों के कणों द्वारा आरोपित बल गैस का दाब कहलाता है।

                                                 

                                                   

                                                                -:   लघु उत्तरीय प्रश्न   :-

 

प्रश्न:1 उदाहरण के साथ ‘पदार्थ की परिभाषा लिखें।

उत्तर:-  कोई भी वस्तु जो कुछ स्थान घेरे जिसमें द्रव्यमान एवं आयतन हो और जो अवरोध उत्पन्न करे, पदार्थ कहलाती है।

जैसे —  कागज, बर्फ, जल, तेल, स्टील इत्यादि।

 

प्रश्न:2 उदाहरण के साथ द्रव्य की परिभाषा करें।

उत्तर:- द्रव्य एक प्रकार का पदार्थ है जिसे किसी भी भौतिक प्रक्रिया की सहायता से पदार्थ के अन्य प्रकारों में विभक्त नहीं किया जा सकता है।

उदाहरण :- के लिये चीनी एक द्रव्य है।

 

प्रश्न:3 ठोस एवं द्रव में कोई तीन अन्तर बतायें।

उत्तर:-  ठोस और द्रव में तीन अन्तर निम्न है-

          

                     -:   ठोस (Solid)  :-

(i) ठोस पदार्थ के आकृति निश्चित होते हैं।

(ii) ठोस पदार्थ मैं बहाव की प्रवृति नहीं होती है।

(iii) ठोस पदार्थों के द्रवणांक एवं क्वथनांक प्रायः उच्च होते हैं।

 

                    -:  द्रव (Liquid)  :-

(i) इसकी आकृति अनिश्चित होती है।

(ii) द्रव पदार्थ में बहाव की प्रवृति होती है।

(iii) द्रवों के द्रवणांक और क्वथनांक प्रायः कम होते हैं।

 

प्रश्न:4 उर्ध्वपातन क्या है? किन्हीं तीन द्रव्यों के नाम लिखें जो गर्म किये जाने पर उर्ध्वपातित हो जाते हैं?

उत्तर:- उर्ध्वपातन वैसी प्रक्रिया है जिसमें कोई ठोस-पदार्थ गर्म किये जाने पर बिना द्रव रूप में परिणत हुये सीधे वाष्प की अवस्था में बदल जाता है और उस वाष्प को ठण्डा करने पर वह बिना द्रव रूप में परिणत हुए सीधे ठोस की मूल अवस्था में परिवर्तित हो जाता है।

जैसे-  अमोनियम क्लोराइड, आयोडीन और कपूर।

 

प्रश्न:5  द्रव के हिमांक से आप क्या समझते है?

उत्तर:- वह ताप जिसपर कोई पदार्थ द्रव की अवस्था से ठोस की अवस्था में परिवर्तित होता है, द्रव का हिमांक कहलाता है और यह प्रक्रिया द्रव का जमना कहलाती है।

 

प्रश्न:6 द्रवण की गुप्त ऊष्मा क्या हैं ?

उत्तर:- द्रवणांक पर किसी पदार्थ के ठोस अवस्था से द्रव अवस्था में परिवर्तित होने पर जितनी ऊष्मा अवशोषित होती है उसे द्रवण की गुप्त ऊष्मा कहते हैं।

 

प्रश्न:7 वाष्पन की गुप्त ऊष्मा से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर:- क्वथनांक पर किसी द्रव के गैस में परिवर्तित होने पर जितनी ऊष्मा का अवशोषण होता है, उसे वाष्पन की गुप्त ऊष्मा कहते हैं।

 

प्रश्न:8 आप कैसे सिद्ध करेंगे कि वाष्पन से ठण्डक उत्पन्न होती है

उत्तर:- वाष्पन की क्रिया द्रव के सतह पर होती है, सतह पर वाले द्रव के कण द्रव के भीतरी भाग से ऊष्मा ऊर्जा ग्रहण करके अत्यधिक ऊर्जा प्राप्त कर लेते हैं जिससे ये गैस वायु में चले जाते हैं। इससे द्रव का ताप कम हो जाता है और वह ठण्डा हो जाता है।

उदाहरण- अपनी हथेली पर एक या दो बूंद स्पिरिट या ईथर रखें। हथेली पर आप ठण्डक का अनुभव करेंगे। इसका कारण यह है कि हथेली पर रखे इन द्रवों का वाष्पन होता है। इसके लिये आवश्यक.ऊष्मा हमारी हथेली से प्राप्त होती है अतः हथेली ठण्डी हो जाती है।

 

प्रश्न:9 संघनन क्या है ? गैस का संघनन कैसे किया जाता है ?

उत्तर:- पदार्थ के गैसीय रूप का द्रव रूप में परिवर्तन गैस का संघनन कहलाता है। गैस पर दाब बढ़ाकर या उसका ताप कम करके संघनन किया जा सकता है। गैस पर दाब बढ़ाने पर गैस के कण परस्पर काफी निकट आ जाते हैं जिससे अन्तराण्विक स्थान घट जाता है। ऐसा होने से गैस कणों के बीच अन्तराण्विक आकर्षण बल काफी बढ़ जाता है जिससे गैस द्रव रूप में परिवर्तित हो जाती हैl

 

प्रश्न:10 वाष्पन और क्वथन में अन्तर स्पष्ट करें।

उत्तर:- वाष्पन और क्वथन में अन्तर इस प्रकार है-

                              

                                       –  वाष्पन  :-

(i) यह एक स्वतः होने वाली प्रक्रिया है जो सभी तापों पर होती रहती है।

(ii) यह द्रव के सिर्फ ऊपरी सतह पर ही होता है, द्रव के भीतरी भागों में नहीं।

                       

                                        -:  क्वथन  :-

(i) यह एक निश्चित ताप पर ही होता है, जिसे द्रव का क्वथनांक कहते हैं।

(ii) यह सम्पूर्ण द्रव में होता है जिसमें द्रव के भीतरी भागों से बुलबुले निकलते रहते हैं।

 

प्रश्न:11 गैस के दाब से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर:- बर्तन की दीवारों के प्रति इकाई क्षेत्रफल पर गैस के कणों द्वारा आरोपित बल गैस का दाब कहलाता है।

 

प्रश्न:12  ठोस पदार्थ की आकृति और आयतन निश्चित क्यों होते हैं ?

उत्तर:- ठोस पदार्थ की आकृति और उसके आयतन निश्चित होते हैं क्योंकि ठोस पदार्थों के कण न तो एक-दूसरे के निकट आ सकते हैं और न दूर ही जा सकते हैं।

अत:  ठोस पदार्थ की आकृति कायम रहती है और इसी कारण उसका आयतन भी स्थिर रहता है।

 

प्रश्न:13 द्रव का वाध्यन कैसे होता है?

उत्तर:- द्रव के कण अनवरत गमन करते तथा परस्पर टकराते रहते हैं, वायु में खुला छोड़ देने पर वे वायु के कणों के साथ भी टकराते रहते हैं। ऐसी अवस्था में द्रव की सतह वाले द्रव-कण अतिरिक्त ऊर्जा प्राप्त कर लेते हैं। इनकी ऊर्जा इतनी बढ़ जाती है कि इनपर द्रव के भीतरी कणों का आकर्षण समाप्त हो जाता है।

फलतः कण जल की सतह को छोड़कर वाष्प में परिवर्तित होकर वायु में चले जाते हैं।

 

प्रश्न:14  पदार्थ की प्लाज्मा अवस्था की क्या उपयोगिता है?

उत्तर:- पदार्थ की प्लाज्मा अवस्था की उपयोगिता बहुत ही महत्वपूर्ण है, इस अवस्था का उपयोग प्रतिदीप्त ट्यूब और नियॉन संकेत वाले बल्ब के निर्माण में किया जाता है। प्रतिदीप्त ट्यूब में हीलियम या कुछ अन्य गैस भरी रहती है। गैस से होकर विद्युत धारा प्रवाहित होने पर विशिष्ट रंगयुक्त उद्दीप्त प्लाज्मा उत्पन्न होते हैं। यह विशिष्ट रंग गैस की प्रकृति पर निर्भर करता है।

 

प्रश्न:15 निम्नलिखित के लिये कारण बतायें-

(i) गर्म पके हुये खाद्य पदार्थ की गंध का एहसास हमें कुछ दूरी से ही हो जाता है, ठण्डे खाद्य पदार्थ की गंध का एहसास हमें उसके निकट जाने पर ही होता है, क्यों?

(ii) बिना कोई अवशेष छोड़े ही कपूर गायब हो जाता है, क्यों?

(iii) बरतन की दीवार पर गैस दाब आरोपित करता है, क्यों?

(iv) क्वथनांक पर द्रव का ताप स्थिर रहता है, क्यों ?

(v) गर्मी के दिनों में हम सफेद वस्त्र पहनना पसंद करते हैं, क्यों?

उत्तर:- 

(i) तापमान बढ़ने से कणों की गति तेज हो जाती है। अत: गर्मागरम खाने की गंध कई मीटर दूर से ही पहुँच जाती है। ठण्डे खाने की महक लेने के लिये उसके पास जाना पड़ता है। क्योंकि कम तापमान पर कणों की गति कम होती है।

(ii) कपूर का उर्ध्वपातन होता है जिससे वह सीधे ही गैस अवस्था में परिवर्तित हो जाता है।

(iii) गैस के अणु बहुत तेज गति से इधर-उधर घूमते रहते हैं जिससे बर्तन की दीवारों पर टकराकर दबाव डालते हैं।

(iv) क्योंकि गर्म करने पर जब द्रव पूरा-का-पूरा वाष्प में नहीं बदल जाता तबतक द्रव का ताप क्वथनांक पर स्थिर रहता है।

(v) काली या गाढ़े रंग वाली वस्तुयें सफेद या हल्के रंगों वाली वस्तुओं की तुलना में अधिक मात्रा में ऊष्मा का अवशोषण करती हैं, इसलिये गर्मी के दिनों में लोग सफेद वस्त्र पहनना अधिक पसंद करते हैं।

 

 

                                                                                -:  दीर्घ उत्तरीय प्रश्न  :-

 

प्रश्न:1 ठोस, द्रव और गैस में अंतर स्पष्ट करें।

उत्तर:- 

                                          -:  ठोस   :-

( i ) इनका निश्चित आयतन व आकार होता है ।

( ii ) इनके गलनांक व क्वथनांक कक्षताप से अधिक होते हैं ।

( iii ) इन्हें संपीडित नहीं किया जा सकता है ।

( iv ) ठोसों का घनत्व सामान्यतया अधिक होता है ।

   

                                          -:  द्रव  :-

( i ) द्रव का आयतन तो निश्चित होता है लेकिन आकार निश्चित नहीं होता ।

( ii ) इनके गलनांक कक्षताप से कम तथा क्वथनांक कक्षताप से अधिक होते हैं ।

 ( iii ) इन्हें संपीडित नहीं किया जा जा सकता है ।

 ( iv ) द्रवों का घनत्व ठोस से कम तथा गैस से अधिक होता है ।

     

                                           -:  गैस  :-

( i ) गैसों का आयतन तथा आकार निश्चित नहीं होता । गैसें जिस बर्तन रखी जाती हैं उसी का आयतन तथा आकार ग्रहण कर लेती हैं ।

( ii ) गैस इनके गलनांक तथा क्वथनांक कक्ष ताप से अधिक होते हैं ।

( iii ) इन्हें संपीडित किया जा सकता है ।

( iv ) गैसों का घनत्व सामान्यतः कम होता

 

प्रश्न:2 गैस के विशिष्ट गुणों का उल्लेख करें।

उत्तर:- गैस के विशिष्ट गुण निम्नलिखित हैं-

(i) आकृति और आयतन- गैस की न तो कोई निश्चित आकृति होती है और न आयतन।

(ii) घनत्व – ठोस एवं द्रवों की तुलना में गैसों के घनत्व निम्न होते हैं।

(iii) द्रव्यनांक और क्वथनांक – गैसों के द्रव्यनांक और क्वथनांक ठोस और द्रव की तुलना में निम्न होते हैं।

(iv) संपीड्यता – गैसों की संपीडता बहुत अधिक होता है।

(v) ऊष्मा और ठण्ड का प्रभाव- गर्म या ठण्डा करने पर गैस को क्रमशः प्रसारित या संकुचित किया जा सकता है।

(vi) गैसों का प्रसरण या मिश्रण – गैस के कण तीव्र वेग से गमन करते हैं और गैसीय कणों के बीच अन्तराण्विक स्थान बहुत अधिक होता है। इसी विशेषता के कारण एक गैस के कण किसी दूसरी गैस में आसानी से प्रविष्ट हो जाते हैं। अर्थात् गैसें स्वतः एक-दूसरे से सम्मिश्र हो जाती है। यह प्रक्रिया गैसों के घनत्व पर निर्भर नहीं करती है। इस प्रक्रिया को गैसों का प्रसरण कहते हैं।

(vii) गैसों का संघनन – पदार्थ के गैसीय रूप का द्रव रूप में परिवर्तन गैस का संघनन कहलाता है।

(viii) गैस का दाब – गैसों के कणों द्वारा बर्तन के दीवारों के प्रति इकाई क्षेत्रफल पर आरोपित बल गैस का दोब कहलाता है।

 

प्रश्न:3 क्या वायु को संपीडित किया जा सकता है ? एक प्रयोग के साथ वर्णन करें।

उत्तर:- हाँ, वायु ( गैस ) को संपीडित किया जा सकता है। वायु की संपीड्यता बहुत अधिक होती है।

इसे निम्न प्रयोग द्वारा दिखाया जा सकता है-

10 mL का एक सिरिंज (Syringe) लें। सिरिंज के मुँह (Nozzle) को रबर के काग में घुसाकर बंद कर दें, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। अब सिरिंज के पिस्टन को बाहर निकाल लें ताकि सम्पूर्ण सिरिंज के अंदर वायु प्रवेश कर जाये। अब पिस्टन को पुनः सिरिंज में घुसा दें। ध्यान रहे कि पिस्टन में कोई रिसाव (Leakage) न रहे, बल्कि वह वायुरुद्ध हो। इसके लिये आवश्यक हो तो पिस्टन के चारों तरफ थोड़ा वैसलिन (Vaseline) लगा दें। ऐसा करने से सिरिंज के किनारों से होकर वायु का आवागमन पूर्णत: बंद हो जायेगा। अब पिस्टन को अँगूठे से दबाकर धीरे-धीरे अंदर ले जायें।

अब देखेंगे कि पिस्टन सिरिज के अन्दर सरकता जा रहा है, अर्थात सिरिंज के अन्दर वायु का आयतन कम हो रहा है। इसका अर्थ हुआ कि वायु (गैस) के संपीड्यता होने के कारण उसपर दाब बढ़ाने पर उसका आयतन कम होने लगता है, इससे पता चलता है कि वायु (गैस) संपीड्य होती है।

 

प्रश्न:4 वाष्पन और क्वथन की व्याख्या करो

उत्तर:-

 वाष्पन – वह प्रक्रिया जब कोई द्रव अपने क्वथनांक से कम ताप पर वाष्प में परिवर्तित हो जाये वाष्पन कहलाता है।

क्वथन – जिस ताप पर द्रव उबलना प्रारंभ करता है उस ताप को द्रव का क्वथनांक कहते हैं और यह प्रक्रिया क्वथन या उबलना कहलाती है।

 

प्रश्न:5  वाष्पन को प्रभावित करनेवाले कारणों का उल्लेख करें।

उत्तर:- वाष्पन को निम्नलिखित कारण या घटक प्रभावित करते हैं-

(i) ताप-ताप वृद्धि से वाष्पन की दर अधिक हो जाती है।

(ii) सतह का क्षेत्रफल-सतह के क्षेत्रफल में वृद्धि से वाष्पन की दर अधिक हो जाती है।

(iii) द्रव की प्रकृति-कुछ द्रव शीघ्र वाष्पित होते हैं जबकि कुछ धीरे-धीरे। वे द्रव जो शीघ्र वाष्पित हो जाते हैं उन्हें वाष्पशील द्रव कहते हैं। उदाहरण-पेट्रोल, ईथर बहुत तीव्रगति से वाष्पीकृत होते हैं।

(iv) वायुमण्डल में उपस्थित आर्द्रता वायुमण्डल में उपस्थित आर्द्रता या नमी कम होने पर वाष्पीकरण की दर अधिक और अधिक होने पर कम होती है।

(v) वायु की गति-जब वायु की गति बढ़ जाती है तो वाष्पन की दर बढ़ जाती है।

 

प्रश्न:6 एक कार्यकलाप का वर्णन करके बतायें कि द्रव के वायन से ठण्डक उत्पन्न होती है।

उत्तर:-  वाष्पन की क्रिया द्रव के सतह पर होती है। सतह पर वाले द्रव के कोण द्रव के भीतरी भाग से ऊष्मा ऊर्जा ग्रहण करके अत्यधिक ऊर्जा प्राप्त कर लेते हैं जिससे ये गैस के रूप में वायु में चले जाते हैं, इससे द्रव का ताप कम हो जाता है और वह ठण्डा हो जाता है।

प्रयोग – एक मिट्टी की सुराही में जल भर लें तथा इसका ताप अंकित कर लें। अब सुराही का मुँह ढक्कन से बंद करके छोड़ दें। दो या तीन घंटे के बाद सुराही के जल का ताप अंकित करें। आप पायेंगे कि जल का ताप पहले की अपेक्षा कम हो गया है, अर्थात् सुराही का जल ठण्डा हो गया है।

व्याख्या – मिट्टी की सुराही में अनेक छोटे-छोटे छिद्र होते हैं, जिनसे होकर जल के कण सुराही की बाहरी सतह पर चले जाते हैं, ये कण जलवाष्प के रूप में वायु में चले जाते हैं। इन कणों के वाष्पन के लिये आवश्यक ऊष्मा सुराही के जल से प्राप्त होती है जिससे सुराही का जल ठण्डा हो जाता है, अत: कहा जा सकता है कि द्रव के वाष्पन से ठण्डक उत्पन्न होती है।

 

प्रश्न:7  पदार्थ की प्लाज्मा अवस्था पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।

उत्तर:- वर्तमान में वैज्ञानिकों ने पदार्थ की एक नयी अवस्था का आविष्कार किया है जिसे प्लाज्मा अवस्था कहते हैं। प्लाज्मा अवस्था अब तक ज्ञात पदार्थों की तीनों अवस्थाओं ( ठोस, द्रव एवं गैसीय ) में किसी के साथ समानता नहीं रखता है। इसीलिये इसे पदार्थ की चतुर्थ अवस्था कहते हैं। प्लाज्मा अवस्था में पदार्थ अत्यधिक आयनीकृत गैस के रूप में रहता है। इसमें पदार्थ के कण अति ऊर्जावान और अति उत्तेजित अवस्था में रहते हैं। पदार्थ की प्लाज्मा अवस्था का उपयोग प्रतिदीप्त ट्यूब और नियॉन संकेत वाले बल्ब के निर्माण में किया जाता है। प्रतिदीप्त ट्यूब में हीलियम या अन्य गैस भरी रहती है। गैस से होकर विद्युत धारा प्रवाहित होने पर विशिष्ट रंगयुक्त उद्दीप्त प्लाज्मा उत्पन्न होते हैं। यह विशिष्ट रंग गैस की प्रकृति पर निर्भर करता है।

 

प्रश्न:8 निम्नलिखित के लिये कारण बतायें:

(i) बर्फ के टुकड़े को स्पर्श करने पर ठण्डक की अनुभूति होती है।

(ii) मिट्टी के घड़ा (या सुराही) में रखा हुआ जल ठण्डा हो जाता है।

उत्तर:- 

(i) इसका कारण यह है कि बर्फ के टुकड़ों के स्पर्श करने पर बर्फ का वाष्पन होता है। इसके लिये आवश्यक ऊष्मा हमारे हाथों से प्राप्त होती है। अतः हाथ ठण्डी हो जाती है। साथ ही ठण्डक की अनुभूति होती है।

(ii) मिट्टी के सुराही में अनेक छोटे-छोटे छिद्र होते हैं जिनसे होकर जल के कण सुराही की बाहरी सतह पर चले आते हैं। ये कण जलवाष्प के रूप में वायु में चले जाते हैं। इन कणों के वाष्पण के लिए आवश्यक ऊष्मा सुराही के जल से प्राप्त होती है। जिससे सुराही का जल ठण्डा हो जाता है।

Leave a Reply