-: अतिलघु उत्तरीय प्रश्न :-
प्रश्न:1 निम्नांकित में किसका जड़त्त्व अधिक है ?
(a) एक रबर की गेंद एवं उसी आकार का पत्थर
(b) एक साइकिल और एक रेलगाड़ी
(c) पाँच रुपये का एक सिक्का एवं एक रुपये का एक सिक्का।
उत्तर:- जिस वस्तु का द्रव्यमान अधिक होता है उसका जड़त्व भी अधिक होता है। अत:
(a) पत्थर
(b) रेलगाड़ी
(c) पाँच रुपये का सिक्का के जड़त्व अधिक होंगे।
प्रश्न:2 न्यूटन के गति का कौन-सा नियम जड़त्व का नियम कहा जाता है ?
उत्तर:- प्रथम नियम।
प्रश्न:3 गति का कौन-सा नियम बल की परिभाषा देता है ?
उत्तर:- प्रथम नियम।
प्रश्न:4 किसी पिंड का त्वरण कब शून्य होता है ?
उत्तर:- जब बाहरी असंतुलित (परिणामी) बल शून्य हो तब पिंड का त्वरण भी शून्य होता है।
प्रश्न:5 किसी वस्तु के द्रव्यमान और वेग के सम्मिलित प्रभाव को किस भौतिक राशि से व्यक्त करते हैं।
उत्तर:- किसी वस्तु के द्रव्यमान और वेग के सम्मिलित प्रभाव को संवेग (p) राशि से व्यक्त किया जाता है।
प्रश्न:6 संवेग के परिवर्तन की दर किस राशि को सूचित करती है ?
उत्तर:- P2 – P1
प्रश्न:7 एक पिंड पर लगे बल और उसमें उत्पन्न त्वरण के बीच क्या संबंध है?
उत्तर:- गुणात्मक संबंध।
प्रश्न:8 बल एक अदिश राशि है या सदिश राशि?
उत्तर:- सदिश राशि
प्रश्न:9 संवेग का डा मात्रक क्या है?
उत्तर:- संवेग का SI मात्रक Kgms ‘किलोग्राम मीटर प्रति सेकेण्ड होता है।
प्रश्न:10 असंतुलित बल किसी वस्तु पर कैसा त्वरण उत्पन्न करता है-शून्य या अशून्य?
उत्तर:- अशून्य।
प्रश्न:11 न्यूटन के तृतीय गति के नियम को लिखें।
उत्तर:- अन्योन्य क्रिया में, पहली वस्तु द्वारा दूसरी वस्तु पर लगाया गया बल दूसरी वस्तु द्वारा पहली वस्तु पर लगाए गए बल के बराबर और विपरीत दिशा में होता है। अथवा प्रत्येक क्रिया के विपरीत प्रतिक्रिया होती है जो लगाए गए बल के बराबर और विपरीत दिशा में होती है।
प्रश्न:12 क्या क्रिया एवं प्रतिक्रिया (action एवं reaction) एक ही पिंड या भिन पिंडों पर कार्य करते हैं?
उत्तर:- यदि वस्तु का द्रव्यमान स्थिर रहे तो वस्तु में उत्पन्न त्वरण उसपर लगे बल के समानुपाती होता है। यह भिन्न-भिन्न पिंडों पर कार्य करते हैं।
प्रश्न:13 निम्नलिखित तथ्यों की व्याख्या किस प्रकार के जड़त्व में होती है ?
(क) कूदने के पहले मनुष्य दौड़ता है।
(ख) साइकिल सवार द्वारा पैंडल चलाना बंद करने के बाद भी साइकिल सड़क पर कुछ दूर तक गति में रहती है।
(ग) यात्री पीछे की ओर झुक जाता है जब रेलगाड़ी एकाएक चल पड़ती है।
उत्तर:-
(क) गति के जड़त्व
(ख) गति के जड़त्वा
(ग) विराम के जड़त्व।
प्रश्न:14 एक पिंड का त्वरण अपने गमन के दौरान पाँच गुना हो जाता है, क्या उसपा लगा हुआ बल भी बदल जाता है ? यदि हाँ, तो कितने से बदलता है ?
उत्तर:- पाँच गुणा से बदलता है।
प्रश्न:15 0.2 kg द्रव्यमान का एक पिंड स्थिर मेज पर रखा है, उसका संवेग (momen- tum) क्या है?
उत्तर:- शून्य होगा।
प्रश्न:16 कोई टुक 10 km/h के वेग से चल रहा है और उतने ही वेग से कोई छोटा कंका भी चल रहा है, इनमें किसका संवेग अधिक है?
उत्तर:- छोटा कंकड़ का संवेग अधिक है।
प्रश्न:17 गति के उस नियम का नाम लिखें जो निम्नलिखित में लागू होता है।
(क) पानी में तैरना
(ख) मेज पर पड़ी पुस्तक का वहीं रहना
(ग) गोली को छोड़ना
उत्तर:-
(क) तृतीय नियम
(ख) प्रथम नियम
(ग) तृतीय नियम।
प्रश्न:18 घर्षण बल की दिशा क्या होती है ?
उत्तर:- क्षैतिज दिशा।
प्रश्न:19 0.1 kg का एक पिंड चिकनी एवं समतल सतह पर 4m/s केएकसमान वेग से चल रहा है। उसपर लगा हुआ बल कितना है ?
उत्तर:- चूँकि त्वरण शून्य है, अतः बल शून्य है।
प्रश्न:20 2N का एक बल 2kg द्रव्यमान के एक पिंड पर कार्य करता है तो उसमें त्वरण क्या है?
उत्तर:- F=ma
2=2×a
a=1 m/s²
अतः त्वरण 1m/s²’ होगा।
-: लघु उत्तरीय प्रश्न :-
प्रश्न:1 बल की परिभाषा दें। इसका S.I. मात्रक क्या है।
उत्तर:- बल उस बाह्य अभिक्रिया को कहते हैं जो वस्तु की विराम अवस्था या एक समान गति की अवस्था में परिवर्तन कर दे या परिवर्तन करने का प्रयत्न करे। बल एक सदिश राशि है। इसका S.I. मात्रक न्यूटन (N) होता है।
प्रश्न:2 संतुलित और असंतुलित बलों की परिभाषा दें।
उत्तर:- किसी वस्तु पर एक साथ कार्य कर रहे बलों का परिणामी यदि शून्य हो तो वे बल सन्तुलित कहे जाते हैं। दूसरी ओर यदि किसी वस्तु पर लगे अनेक बलों का परिणामी बल शून्य न हो तो बल उसकी विराम अवस्था या एक समान गति की अवस्था में परिवर्तन कर देते हैं। ऐसे बलों को असंतुलित बल कहते हैं।
प्रश्न:3 जड़त्व का नियम क्या है ? इसे किस वैज्ञानिक ने प्रतिपादित किया था ?
उत्तर:- यह सामान्य अनुभव है कि यदि कोई पिण्ड विराम अवस्था में है तो वह विराम अवस्था में बना रहता है। यह भी कल्पना करना कठिन नहीं है कि घर्षणमुक्त तल पर एक पिण्ड एक ही वेग से हमेशा चलता रहेगा। इस तरह किसी पिण्ड के वेग में परिवर्तन अर्थात् त्वरण के लिये बाहर से बल लगाना आवश्यक है। जिस गुण के कारण कोई पिण्ड अपने विराम की अवस्था अथवा एक सरल रेखा में अचर वेग के साथ गति की अवस्था को बनाये रखना चाहता है, उसे जड़त्व कहते हैं।जड़त्व के नियम का प्रतिपादन गैलीलियो ने किया था। इसीलिये इसको जड़त्व का नियम कहा जात है l
प्रश्न:4 बलों के समूह द्वारा उत्पन्न हो सकनेवाले प्रभावों का उल्लेख करें।
उत्तर:- किसी कण पर लगे हुये दो या दो से अधिक बलों का परिणामी बल वह एकल बल है जिसका उस कण पर प्रभाव (त्वरण) दिये हुये बलों के सम्मिलित प्रभाव के समान है। किसी वस्तु पर एक साथ कार्य कर रहे बलों का परिणामी यदि शून्य हो तो वे बल संतुलित कहे जाते हैं, संतुलित बलों के अधीन कोई वस्तु इस तरह बर्ताव करती है मानो उसपर कोई बल कार्य नहीं कर रहा है अर्थात् त्वरण शून्य होता है, उसी वस्तु पर लगनेवाले दो बल मगर संतुलन में है तो दोनों बल
(i) एक-दूसरे के विपरीत दिशा में होंगे और
(ii) परिमाण में बराबर होंगे।
यदि हम संतुलित बलों से शुरू करें और तब उसमें किसी बल को बढ़ा या घटा दें तो परिणामी बल शून्य नहीं रह जाएगा और वस्तु उस बढ़े हुये बल की दिशा में गति करना प्रारंभ कर देगी अर्थात् उसमें त्वरण उत्पन्न हो जायेगा। इस स्थिति में बल असंतुलित कहे जाते हैं। अर्थात् अशून्य परिणामी बल को असंतुलित बल कहते हैं।
प्रश्न:5 न्यूटन के प्रथम नियम को लिखें और उसकी व्याख्या करें।
उत्तर:- प्रत्येक वस्तु अपनी विराम की अवस्था अथवा सरल रेखा में एकसमान गति की अवस्था बनाये रखती है जब तक कि उस वस्तु पर कोई बाहरी असंतुलित बल कार्य न करे।
इनमें दो कथन निहित हैं—
(i) कोई वस्तु विरामावस्था में तबतक रहती है जब तक कि बाह्य बल नहीं लगाया जाता है।
(ii) एक सरल रेखा पर एकसमान वेग से गतिशील वस्तु उसी वेग से चलती रहती है, जब तक कि उसपर कोई बाह्य बल नहीं लगाया जाता है।
प्रश्न:6 जड़त्व क्या है ? यह कितने प्रकार का होता है ? व्याख्या करें।
उत्तर:- यह सामान्य अनुभव है कि यदि कोई पिण्ड विरामावस्था में है तो वह विराम अवस्था में बना रहता है। यह भी कल्पना करना कठिन नहीं है कि घर्षणमुक्त तल पर एक पिण्ड एक ही वेग से हमेशा चलता रहेगा। इस तरह किसी पिण्ड के वेग में परिवर्तन अर्थात् त्वरण के लिये बाहर से बल लगाना आवश्यक है। जिस गुण के कारण पिण्ड अपने विराम की अवस्था अथवा एक सरल रेखा में अचर वेग के साथ गति की अवस्था को बनाये रखना चाहता है, उसे जड़त्व कहते हैं।
जड़त्व दो प्रकार का होता है-
(a) विराम का जड़त्व —– इस जड़त्व के कारण वस्तु की विरामावस्था में ही रहने की प्रवृत्ति होती है।
(b) गति का जड़त्व—– इस जड़त्व के कारण वस्तु एक सरल रेखा में एकसमान गति की अवस्था में अपनी गति की अवस्था को बनाये रखने की प्रवृत्ति होती है।
प्रश्न:7 जड़त्व और द्रव्यमान के संबंध को स्पष्ट करें।
उत्तर:- किसी वस्तु का द्रव्यमान उसके जड़त्व की माप होती है। जिस वस्तु का जड़त्व अधिक होता है। यदि हम एक ही आकार की फुटबॉल तथा पत्थर को ठोकर मारें तो फुटबॉल काफी र जायेगी, परन्तु उसी आकार में पत्थर अपनी जगह से हिलेगा भी नहीं और हमारे पाँव में भी र लग सकती है, इससे यह स्पष्ट होता है कि फुटबॉल की अपेक्षा पत्थर में अपनी गति में वर्तन को रोकने की क्षमता अधिक होती है। अत: पत्थर का जड़त्व तथा पत्थर का द्रव्यमान धक है। भारी वस्तुओं का जड़त्व हल्की वस्तुओं की अपेक्षा अधिक होता है।
प्रश्न:8 क्या शून्य बाहा असंतुलित खल अनुभव करती वस्तु अशून्य वेग से गति कर सकतीहै ? यदि हाँ तो वस्तु के वेग के परिमाण एवं दिशा पर लगनेवाली शर्तों का उल्लेख करें। यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।
उत्तर:- हाँ, शून्य बाह्य असंतुलित बल (अर्थात् F= 0) अनुभव करती वस्तु न्यूटन के प्रथम गति नियम से सरल रेखा पर एकसमान गति की अवस्था में होगी अर्थात् उसके वेग का परिमाण और दिशा दोनों नियत होंगे।
प्रश्न:9 हम एक लकड़ी के बक्से को 200N का बल लगाकर उसे नियत वेग से फर्श पर धकेलते हैं। बक्से पर लगनेवाला घर्षण बल क्या होगा?
उत्तर:- चूँकि बक्सा नियत वेग से चल रहा है, इसलिये उसपर परिणामी बल शून्य है, अर्थात् हमारे द्वारा लगाये गये बल को घर्षण बल संतुलित कर रहा है। अत: बक्से पर लगनेवाला घर्षण बल 200N का होगा।
प्रश्न:10 किसी बस के अकस्मात चल पड़ने पर यात्री पीछे की ओर झुक जाता है, क्यों?
उत्तर:- जब गाड़ी या बस अचानक चल पड़ती है तब उसमें सवार यात्री का निचला भाग गाड़ी या बस के साथ गतिमान हो जाता है जबकि विराम के जड़त्व के कारण यात्री के शरीर का ऊपरी भाग विराम में रहता है। इसलिये गाड़ी या बस के अचानक चल पड़ने से यात्री पीछे की ओर गिर जाते हैं।
प्रश्न:11 चलती हुई बस में खड़ा व्यक्ति ब्रेक के एकाएक लगाये जाने पर आगे की ओर क्यों झुक जाता है?
उत्तर:- जड़त्व के नियम के अनुसार, “अगर कोई पिण्ड गतिशील है तो वह गतिशील ही रहना चाहती है। जब गाड़ी गतिशील रहती है तब उसमें बैठा यात्री भी गतिशील रहता है। गाड़ी के एकाएक रुक जाने पर उसपर खड़ा व्यक्ति या यात्री पूर्वावस्था में रहना चाहता है। फलत: वह आगे की ओर झुक जाता है।”
प्रश्न:12 चलती गाड़ी से कूदना क्यों खतरनाक है ? व्याख्या करें।
उत्तर:- ऐसा जड़त्व के कारण होता है। चलती गाड़ी में सवार व्यक्ति गाड़ी के साथ ही गति की अवस्था में रहता है। परन्तु जब वह व्यक्ति गाड़ी से उतरता है तो उसके पैर विराम में आ जाते हैं जबकि उसके शरीर का ऊपरी भाग गति के जड़त्व के कारण गति की अवस्था में रहता है। अत: वह गाड़ी की गति की दिशा में गिर पड़ता है और घायल हो जाता है जो खतरनाक भी है। गिरने से बचने के लिये उसे गाड़ी की गति की दिशा में कुछ दूर तक दौड़ना चाहिये।
प्रश्न:13 फिसलनवाली जमीन पर चुलना कठिन होता है। व्याख्या करें।
उत्तर:- जब हम जमीन पर चलते हैं तो पैर और जमीन के बीच घर्षण के कारण हम जमीन पर तिरछा क्रिया बल लगा पाते हैं। जब हमें आगे बढ़ना होता है तो हम जमीन पर पीछे की ओर बल लगाते हैं। फिसलनवाली जमीन पर चलने में कठिनाई होती है क्योंकि तब घर्षण बहुत कम हो जाता है जिससे गिरने की संभावना अधिक होती है।
प्रश्न:14 किसी पेड़ की शाखा को तीव्रता से हिलाने पर कुछ पत्तियाँ झड़ जाती हैं, क्यों?
उत्तर:- पत्तियाँ शुरू में विरामावस्था में होती हैं जो जड़त्व के कारण इसी अवस्था में बनी रहना चाहती हैं। शाखाओं को तेजी से हिलाने से उनकी स्थिति बदल जाती है तथा जड़त्व के कारण पत्तियाँ टूटकर गिर जाती हैं।
प्रश्न:15 जब किसी छड़ी से एक दरी (कार्पेट) को पीटा जाता है तो धूल के कण बाहर आ जाते हैं। स्पष्ट करें।
उत्तर:- जब किसी कालीन या दरी (कार्पेट) को छड़ी से पीटा जाता है तो दरी तो गतिशील हो जाती है जबकि धूल के कण विराम के जड़त्व के कारण विराम अवस्था में ही रहते हैं तथा इस प्रकार धुल दरी से बाहर आ जाती है।
प्रश्न:16 दौड़ते हुये चोड़े के एकाएक रुक जाने पर सवार आगे की ओर फेंका जाता है, क्यों?
उत्तर:- जड़ता के नियम के अनुसार, “अगर कोई पिण्ड गतिशील है तो वह गतिशील ही रहना चाहता है।” जब घोड़ा गतिशील रहता है तब उसपर बैठा सवार भी गतिशील रहता है। घोड़ा के एकाएक रुक जाने पर उसपर बैठा सवार पूर्वावस्था में रहना चाहता है। फलत: वह आगे की ओर फेंका जाता है।
प्रश्न:17 दरी खींचने पर उसपर खड़ा व्यक्ति उलट जाता है क्यों?
उत्तर:- दरी पर खड़ा व्यक्ति अपने शरीर का ऊपरी भाग जड़त्व के कारण विराम की अवस्थ में बना रहता है जबकि दरी खींचने से दरी के बीच घर्षण पैदा हो जाता है। इस कारण वह गति को विपरीत दिशा में झुक जाता है। अर्थात् दरी खींचने पर उसका खड़ा व्यक्ति उलट जाता है।
प्रश्न:18 बस की छत पर रखे सामान को रस्सी से क्यों बाँधा जाता ?
उत्तर:- जब सामान को बस की छत पर रखते हैं, तो ये बस के साथ जुड़े हुये नहीं होते हैं। इस स्थिति में बस जब अचानक चलना शुरू करती है, तो कुछ हल्के सामान बस की छत से पीछे की ओर गिर भी सकते हैं। यदि चलती हुयी बस अचानक रुके तो सामान आगे की ओर गिर सकता है। इसलिये बस की छत के ऊपर सामानों को बाँधकर रखने के लिये कहा जाता है।
प्रश्न:19 संवेग की परिभाषा दें। इसका SI मात्रक क्या है?
उत्तर:- किसी वस्तु के द्रव्यमान और इसके वेग के गुणनफल को उसका संवेग कहते हैं,
अर्थात्
संवेग = द्रव्यमान x वेग या, p= mv
संवेग का SI मात्रक kg m/s होता है।
प्रश्न:20 न्यूटन के द्वितीय गति नियम को लिखकर उसकी व्याख्या करें।
उत्तर:- किसी वस्तु के संवेग के परिवर्तन की दर उस वस्तु पर लगे बल के समानुपाती होती है और यह परिवर्तन उस बल की दिशा में ही होता है।
प्रश्न:21 खिलाड़ी क्रिकेट बाल का कैच लेते समय अपने हाथ को पीछे की ओर खींच लेता है, क्यों?
उत्तर:- तेज गति से आती हुयी गेंद को रोकने के लिये गेंद पर मंदन बल लगाना पड़ेगा। यदि गेंद को अचानक (बिना हाथ पीछे किये) रोका जाये तो इसके अति उच्च वेग को शून्य होने में बहुत कम समय लगेगा जिसके लिये काफी बड़ा मंदन बल (force of retardation) थोड़े समय के लिये लगाना पड़ेगा, इस कारण हाथ जख्मी हो सकता है, गेंद की गति की दिशा में कुछ समय के लिये हाथ पीछे कर गेंद को धीरे-धीरे रोका जाये तो गेंद के अति उच्च वेग को शून्य करने में कुछ समय मिल जायेगा और गेंद को रोकने के लिये अपेक्षाकृत हाथ के द्वारा मंदन बल लगाने की आवश्यकता होगी जिससे हाथ पर चोट नहीं आयेगी।
प्रश्न:22 न्यूटन के तृतीय गति नियम की व्याख्या करें।
उत्तर:- न्यूटन का तृतीय गति नियम बताता है कि दो वस्तुओं के अन्योन्यक्रिया में पहली वस्तु द्वारा दूसरी वस्तु पर लगाया गया बल दूसरी वस्तु द्वारा पहली वस्तु पर लगाये गये बल के बराबर और विपरीत दिशा में होता है। दूसरे शब्दों में प्रत्येक क्रिया के बराबर और विपरीत प्रतिक्रिया होती है।
प्रश्न:23 यदि क्रिया सदैव प्रतिक्रिया के बराबर है तो.स्पष्ट कीजिये कि घोड़ा गाड़ी को कैसे खींच पाता है?
उत्तर:- घोड़े द्वारा गाड़ी पर लगाया गया बल जब गाड़ी के पहियों पर विपरीत दिशा में लगते धर्षण बल से अधिक होता है तब ही गाड़ी आगे बढ़ती है और घोड़ा यह बल अपने टापों से पृथ्वी पर तिरळी दिशा में बल लगाकर पैदा करता है।
प्रश्न:23 संवेग-संरक्षण के सिद्धांत की व्याख्या करें।
उत्तर:- न्यूटन के द्वितीय गति नियम से स्पष्ट है कि यदि वस्तु पर कोई बल आरोपित न हो तो उसके संवेग में कोई परिवर्तन नहीं होगा, अर्थात् संवेग नियत बना रहेगा। इस निष्कर्ष के व्यापक रूप को संवेग-संरक्षण का सिद्धांत के नाम से जाना जाता है। इसे इस प्रकार व्यक्त किया जा सकता है वस्तुओं के निकाय पर यदि बाह्य बल आरोपित न हो तो संयुक्त निकाय का कुल संवेग संरक्षित रहता है।
प्रश्न:25 रॉकेट या जेट विमान वायुमण्डल रहित आकाश में कैसे चलता है ?
उत्तर:- रॉकेट या जेट विमान के नोदन में रॉकेट के पिछले भाग में एक तुंड से होकर गैस अति उच्च गति से बाहर निकलती है। गैस द्वारा वहन किये गये संवेग के बराबर और विपरीत संवेग रॉकेट प्राप्त करता है। यह संवेग रॉकेट या जेट विमान को आगे की ओर धक्का देने के लिये आवश्यक बल प्रदान करता है जिससे रॉकेट या जेट विमान आसानी से वायुमण्डल रहित आकाश में उड़ता है।
प्रश्न:26 एक अग्निशमन कर्मचारी को तीव्र गति से बहतायत मात्रा में पानी फेंकनेवाली रबड़ की नली को पकड़ने में कठिनायी क्यों होती है ?
उत्तर:- बड़ की नली से बहुतायत मात्रा में पानी तब ही निकलता है जब उसपर नली द्वारा आगे की ओर बड़े परिमाण का क्रिया-बल (action) लगे। इसके उत्तर में पानी भी नली पर पीछे की ओर गति करना चाहेगी। अत: उसे रोके रखने के लिये अग्निशमन कर्मचारी को कठिनाई होती है।
प्रश्न:27 एक लड़का सड़क पर खड़े ट्रक को धक्का लगाता है, परन्तु ट्रक गतिशील नहीं होता, क्यों?
उत्तर:- लड़के द्वारा ट्रक पर आरोपित बल के विरुद्ध सड़क ट्रक पर बराबर परिमाण का घर्षण बल लगाता है, जो लड़के द्वारा लगाये गये बल को संतुलित कर देता है, अत: ट्रक पर परिमाणी बल शून्य हो जाता है। इसलिये ट्रक गतिशील नहीं होता।
-: दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :-
प्रश्न:1 बल की अवधारणा स्पष्ट करें।
उत्तर:- बल वह भौतिक कारण है जो किसी वस्तु पर कार्य कर उसकी विराम की अवस्था अथवा सरल रेखा में एकसमान गति की अवस्था में परिवर्तन लाता है अथवा लाने की चेष्य करता है। बल का संख्यात्मक मान बड़ा या छोटा हो सकता है। अर्थात् बल को परिमाण है किसी वस्तु पर आरोपित बल का प्रभाव बल के सिर्फ परिमाण पर निर्भर नहीं करता है, अपितु बल की दिशा पर भी निर्भर करता है। अर्थात् बल को दिशा भी है। अतः बल एक सदिश राशि है। बल वस्तुओं पर आरोपित होने वाले बलों को मुख्यत: दो वर्गों में बाँटा जा सकता है-
(i) स्पर्श बल
(ii) दूरी, पर-क्रिया बला
न्यूटन के द्वितीय गति नियम से बल की परिभाषा स्पष्ट होती है। किसी वस्तु के संवेग के परिवर्तन की दर उस वस्तु पर लगे बल के समानुपाती होती है औ यह परिवर्तन उस बल की दिशा में ही होता है।
बल का S.I. मात्रक न्यूटन (N) है।
प्रश्न:2 जड़त्व के प्रदर्शन के लिये एक प्रयोग का वर्णन करें।
उत्तर:- जड़त्व के प्रदर्शन के लिये प्रायोगिक प्रदर्शन निम्न है।
सिक्का-कार्ड प्रयोग – इसके लिये हम काँच के गिलास को क्षतिज समतल, जैसे मेज पर रखते हैं और मोटा कार्ड, जैसे पोस्टकार्ड, गिलास के मुँह पर रखकर उसे ढंक देते हैं एक रुपया ला या पाँच रुपया का एक सिक्का कार्ड के बीचोबीच रखते हैं। (चित्र) अब हम अपनी अंगुली द्वारा कार्ड पर जोर से झटका देते हैं। हम देखेंगे कि कार्ड हट जाता है और सिक्का गिलास में गिर
चित्र: गिलास के ऊपर रखे कार्ड और सिक्के साथ प्रयोग इसका कारण यह है कि कार्ड की एकाएक गति होने से सिक्के पर गति की दिशा में कोई बल पर्याप्त समय तक नहीं लग पाता है और सिक्का जड़त्व के कारण विराम में बना रहता है। किन्तु कार्ड (आधार) हटते ही सिक्के पर लगा पृथ्वी का गुरुत्व बल असंतुलित हो जाता है, क्योंकि आधार द्वारा सिक्के पर लगा अभिलंब बल का कार्य करना बंद हो जाता है। फलस्वरूप गुरुत्व बल के अधीन सिक्का गिलास में गिर जाता है।